जबरदस्ती. सोढ़ना माधोपुर के कुशवाहा टोला में ट्रांसफाॅर्मर बदलने गये थे एस्सेलकर्मी
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बंधक बना छीन ले गये ट्रांसफाॅर्मर
जबरदस्ती. सोढ़ना माधोपुर के कुशवाहा टोला में ट्रांसफाॅर्मर बदलने गये थे एस्सेलकर्मी मीनापुर : सिवाइपट्टी थाना क्षेत्र के सोढ़ना माधोपुर गांव के कुशवाहा टोला में रविवार को ट्रांसफाॅर्मर बदलने गये एस्सेलकर्मियों को बगल के टोले के दर्जनों महिला-पुरुषों ने बंधक बना लिया. उतारे गये खराब ट्रांसफाॅर्मर छीन कर ग्रामीण अपने टोला ले गये. उनका कहना […]
मीनापुर : सिवाइपट्टी थाना क्षेत्र के सोढ़ना माधोपुर गांव के कुशवाहा टोला में रविवार को ट्रांसफाॅर्मर बदलने गये एस्सेलकर्मियों को बगल के टोले के दर्जनों महिला-पुरुषों ने बंधक बना लिया. उतारे गये खराब ट्रांसफाॅर्मर छीन कर ग्रामीण अपने टोला ले गये. उनका कहना था कि इस खराब ट्रांसफॉर्मर को ही वे अपने टोले में लगायेंगे. डेढ़ महीने उनके टोले का ट्रांसफॉर्मर चोरी हो गया था.
सोढ़ना माधोपुर कुशवाहा टोला का 25 केवीए का ट्रांसफाॅर्मर खराब था. उसका एक फेज जल चुका था. इससे आपूर्ति बाधित हो रही थी. लोड भी अधिक था. शिकायत के बाद रविवार को एस्सेल के कर्मचारी पहुंचे. 25 केवीए का ट्रांसफाॅर्मर उतार कर 63 केवीए का लगा दिया. इस बीच पड़ोस की महादलित बस्ती के लोग पहुंच गये. लाइनमैन जितेंद्र कुमार, ललन गुप्ता व गुरुशरण प्रसाद को बंधक बना लिया. धक्का-मुक्की करते हुए उतारा गया ट्रांसफॉर्मर छीन कर ले गये.
टोले के लाेगों का कहना था कि उनके यहां का ट्रांसफाॅर्मर डेढ़ महीने पहले चोरी हो चुका है. उसके बाद कई बार विभाग को आवेदन दिया. लेकिन कोई सुनने वाला नहीं है. उन्हें समझाने की दो घंटे की मशक्कत के बाद विभाग के कर्मचारी लौट गये.
विभाग पर शिकायत को अनसुना करने का लगाया आरोप
क्षमता कम होने से जल रहे ट्रांसफॉर्मर
ग्रामीण क्षेत्र में बिजली आपूर्ति दुरुस्त करने के लिए ट्रांसफॉर्मर की क्षमता बढ़ाने की जरूरत है. खास कर 25 व 63 केवीए के ट्रांसफॉर्मर की जलने व खराब होने की समस्या बार – बार सामने आ रही है. यही नहीं लो वोल्टेज का वजह भी कम क्षमता का ट्रांसफॉर्मर है. बिजली उपलब्ध रहने के बावजूद लोग बिजली का उपयोग नहीं कर पाते हैं. हालांकि, यह समस्या शहर के भी कुछ इलाके में है. गरमी के मौसम में लोड बढ़ने पर ट्रांसफॉर्मर जवाब देने लगता है. बिजली पानी बंद होने पर लोग सड़क पर उतरने को विवश होते हैं. जिले में तेजी से बढ़ती बिजली की खपत के मद्देनजर ट्रांसफॉर्मर की क्षमता का नये सिरे से आकलन करने की आवश्यकता है. इसके साथ ही ट्रांसफॉर्मर का समय-समय पर मेटेंनेंस भी किया जाना चाहिए. तेल के कमी व ट्रांसफॉर्मर के फेज पर लोड सामान नहीं रहने से भी परेशानी होती है. एस्सेल के अधिकारियों के अनुसार फिलहाल उनके अधीन वाले इलाके में लगे 3950 ट्रांसफॉर्मर में से 16 केवीए के अठारह ट्रांसफॉर्मर ही जले हुए या चोरी हो गये हैं. गौरतलब है कि जब एस्सेल कंपनी ने जिले की बिजली आपूर्ति का कमान लिया था. उस समय कंपनी के प्राथमिकता में ट्रांसफॉर्मर की क्षमता बढ़ाना था. लोड का सर्वे भी हुआ था.
लेकिन कुछ खास इलाके में ही ट्रांसफॉर्मर की क्षमता को अपग्रेड किया. तकनीकी जानकारों के अनुसार 100 केवीए के ट्रांसफॉर्मर अधिक-से-अधिक 100 से 125 उपभाेक्ता होना चाहिए. लेकिन इस मानक पर बिजली आपूर्ति नहीं हो रही है.
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