मुजफ्फरपुर : ये कहानी बीआरए बिहार विवि की उन बागवां बेटियों की है, जिन्हें सिस्टम की बदहाली पढ़ाई से दूर करती जा रही है. इनके सपनों पर छात्राें का चंदा वसूलना भारी पड़ रहा है. अनहोनी के डर से परिजन बेटियों को विवि आने-जाने से रोक रहे हैं. इसके बाद भी विवि
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बेटियों की पढ़ाई की राह रोक रहा ‘चंदा’
मुजफ्फरपुर : ये कहानी बीआरए बिहार विवि की उन बागवां बेटियों की है, जिन्हें सिस्टम की बदहाली पढ़ाई से दूर करती जा रही है. इनके सपनों पर छात्राें का चंदा वसूलना भारी पड़ रहा है. अनहोनी के डर से परिजन बेटियों को विवि आने-जाने से रोक रहे हैं. इसके बाद भी विवि प्रशासन चैन की […]
प्रशासन चैन की नींद सो कर किसी बड़ी घटना का इंतजार कर रहा है. ऐसा भी नहीं है कि जिले के आलाधिकारियों तक यह बात नहीं पहुंच रही है, लेकिन उन्हें बेटियों की इस पीड़ा से कोई लेना-देना नहीं है.
केस नंबर एक
केमिस्ट्री की कुछ छात्राओं को जबरन चंदा लेने के लिए रोक लिया गया, तो इसका विरोध करने पर छात्राओं को जान से मारने की धमकी दी गयी. साथ ही बुरा बर्ताव किया गया. इस पर कुछ छात्राएं रोने लगीं. बाद में एचओडी ने छात्राओं का साथ दिया. तब जाकर चंदा वसूलने वाले छात्र माने.
केस नंबर दो
होम साइंस ब्लाॅक में छात्राओं के साथ जबरन चंदा वसूलने का सिलसिला जारी है. विरोध करने पर कुछ लोगों ने छात्राओं के साथ छेड़खानी तक की. लेकिन वहां मौजूद लोगों ने इसका विरोध तक नहीं किया. बेबस छात्राएं रोते हुए वहां से चली गयीं.
केस नंबर तीन
मैथ विभाग में छात्राओं ने जब चंदा देने से मना किया, तो पीजी हॉस्टल के छात्रों ने छात्राओं ने उनके साथ बदसलूकी करते हुए उन्हें दौड़ा-दौड़ा कर पीटा. वहां मौजूद अन्य छात्रों ने उन्हें बचाने की कोशिश की, तो हॉस्टल के छात्रों ने उन्हें भी पीटा. इन छात्रों ने मैथ एचओडी को भी नहीं छोड़ा. उनके साथ दुर्व्यवहार कर उन्हें काफी देर तक रोके रखा.
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