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ठाकुर की रचनाओं में प्रासंगिकता अहसास भारती सह विदेशिया कला मंच ने मनाया जयंती समारोह

मुजफ्फरपुर : गोला रोड स्थित रामभजन आश्रम में रविवार को अहसास भारती सह विदेशिया कला मंच की ओर से भिखारी ठाकुर जयंती सह लोक कला सांस्कृतिक महोत्सव का आयोजन किया गया. इस मौके पर वक्ताओं ने कहा कि भिखारी ठाकुर के व्यक्तित्व व कृतित्व से प्रभावित होकर ब्रिटिश सरकार ने उन्हें राय बहादुर की उपाधि […]

मुजफ्फरपुर : गोला रोड स्थित रामभजन आश्रम में रविवार को अहसास भारती सह विदेशिया कला मंच की ओर से भिखारी ठाकुर जयंती सह लोक कला सांस्कृतिक महोत्सव का आयोजन किया गया. इस मौके पर वक्ताओं ने कहा कि भिखारी ठाकुर के व्यक्तित्व व कृतित्व से प्रभावित होकर ब्रिटिश सरकार ने उन्हें राय बहादुर की उपाधि दी थी. लोक नाटककार भिखारी ठाकुर ने अपनी रचनाओं के माध्यम से सामाजिक, धार्मिक, आर्थिक समस्याओं को प्रमुखता से उठाया. वे दलित विमर्श के साथ नवजागरण के संदेशवाहक थे.

उनकी रचनाओं की प्रासंगिकता आज भी बरकरार है. इस मौके पर पूर्व विधायक केदारनाथ प्रसाद, डॉ ध्रुवनारायण सिंह, सुधीर कुमार, अरविंद सिंह, सोनू पांडेय, पिनाकी झा ने अपने विचार रखे. कार्यक्रम के दौरान रंजीत कुमार, आराधना कुमारी, दीपमाला कुमारी ने भिखारी ठाकुर के कई गीतों को प्रस्तुत किया. संगत पवन कुमार ने किया. इधर खुदीराम स्मारक स्थल पर रविवार को स्व भिखारी ठाकुर जी का 129 वीं जयंती मनायी गयी. जयंती समारोह की अध्यक्षता करते हुए नंद किशोर शर्मा ने कहा कि इन्हें भारत के प्रथम राष्ट्रपति राजेंद्र प्रसाद ने पद्म श्री से सम्मानित किया था. भिखारी ठाकुर जी ने अनेकों नाटक लिख कर समाज सुधार का काम किया.

मौके पर दीनबंधु ठाकुर, रवींद्र नाथ ठाकुर, दिग्विजय कुमार, दीपक कुमार, शिव नाथ ठाकुर, संजय कुमार ठाकुर, गणेश कुमार, रीता देवी, सुमित कुमार आदि उपस्थित थे.
मुजफ्फरपुर . गोला रोड स्थित श्रीगांधी पुस्तकालय में रविवार को केशव प्रसाद अग्रवाल व्याख्यानमाला का आयोजन किया गया. इसके तहत वक्ताओं ने सरदार वल्लभ भाई पटेल के योगदान पर चर्चा की. कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्य वक्ता सूर्यनारायण ठाकुर ने कहा कि सरदार वल्लभ भाई पटेल ने देश को एक सूत्र में बांधने का जो कार्य किया है, वह क्षमता किसी दूसरे नेता में नहीं थी. मो रफी ने सरदार पटेल का न होना देश के लिए बहुत बड़ी क्षति है. इं.अमरनाथ प्रसाद ने कहा कि सरदार पटेल का जितना योगदान स्वतंत्रता संग्राम में रहा, उतनी सक्रियता आजादी के बाद देश को विकास के पथ पर लाने में किसी का नहीं रहा.
अध्यक्षता करते हुए विजय जायसवाल ने कहा कि सरदार पटेल ने भारत को राजनैतिक, सामाजिक व आर्थिक दृष्टि से समृद्ध बनाना चाहते थे. इस मौके पर रामनरेश भक्त व इ. नरेंद्र कुमार ने भी विचार रखे. धन्यवाद ज्ञापन सुमन कुमार मिश्र ने किया.

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