बनारस के साधुओं से ली दीक्षा
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कोटा में इंजीनियरिंग की तैयारी करने गया छात्र बन गया साधु
बनारस के साधुओं से ली दीक्षा मुजफ्फरपुर : इंजीनियरिंग की तैयारी करने के कोटा में पढ़ाई करने गया शहर का एक छात्र साधु बन गया और संतों के साथ रहने लगा. परिजनों को जब उसके बारे में पता नहीं चला, तो उन्होंने कोटा शहर में उसकी अपहरण की आशंका को लेकर पुलिस में शिकायत दर्ज […]
मुजफ्फरपुर : इंजीनियरिंग की तैयारी करने के कोटा में पढ़ाई करने गया शहर का एक छात्र साधु बन गया और संतों के साथ रहने लगा. परिजनों को जब उसके बारे में पता नहीं चला, तो उन्होंने कोटा शहर में उसकी अपहरण की आशंका को लेकर पुलिस में शिकायत दर्ज करा दी, लेकिन वो बेगूसराय के नयागांव स्थित शिव मंदिर से मिला. पुलिस की पूछताछ में उसने दुनिया से मन में विरक्त होने की बात कहीं, तो उसके परिजन गमगीन हो गये. वो उसे साथ लेकर घर आ गये हैं. अब वह परिजनों के साथ रह रहा है.
दो साल पहले शहर से किशोर कुमार (काल्पनिक नाम) कोटा में इंजीनियरिंग की तैयारी करने गया था, लेकिन उसका मन तैयारी में नहीं लगा. लगभग चार माह पहले वह कोटा से मुजफ्फरपुर के
कोटा में इंजीनियरिंग
लिए चला, लेकिन रास्ते में वाराणसी स्टेशन पर उतर गया और वहां के संतों के साथ रहने लगा. वह कोटा की रघुकुल रेजिडेंसी में रह कर पढ़ाई कर रहा था. बताते है कि वह पांच जुलाई 2016 का दिन था, जब किशोर कुमार कोटा शहर से चला था. उस दिन उसके एक मित्र का जन्मदिन था. उसी में शामिल होने के लिए गया था, लेकिन वहां से हॉस्टल जाने के बजाय ट्रेन में बैठ गया था.
बताते हैं कि किशोर ने वाराणसी में कुछ दिन तक साधु-संतों के साथ साधना की. वहां से दीक्षा लेने के बाद वह बेगूसराय के सिमरिया घाट पहुंच गया. गंगा मैया की पूजा की और नया गांव स्थित शिव मंदिर में भोलेनाथ की सेवा में लग गया. इधर, किशोर जब अपने हॉस्टल नहीं पहुंचा, तो हॉस्टल प्रबंधन की ओर से उसके परिजनों को सूचना दी गयी. इस पर किशोर के पिता कोटा पहुंचे और वहां उन्होंने उसकी खोज की, जितने भी परिचित थे. सबसे जानकारी ली, लेकिन कोई पता नहीं चला. किशोर के गायब होने से उसके दोस्त भी चिंतित थे.
किशोर अपने मां-पिता का इकलौता पुत्र है. उसके पिता ने कोटा पुलिस से संपर्क किया और उसके गायब होने की शिकायत दर्ज करायी, जिसमें उसके अपहरण की आशंका भी व्यक्त की गयी. इसके बाद से उसकी खोजबीन में लगे थे. खोजबीन के क्रम में किशोर के बेगूसराय के बाबा भोलनाथ मंदिर में सन्यासी के रूप में रहने की जानकारी मिली. इसके बाद वे वहां पहुंचे और किशोर से घर चलने के लिए कहा, तो पहले वह तैयार नहीं हुआ. कहने लगा कि अब गहस्थ जीवन से मेरा कोई मतलब नहीं है. इसको लेकर वो अपने परिजनों को तर्क भी दे रहा था, लेकिन काफी समझाने के बाद वो घर आया. बताते हैं कि अब भी घर पर उसका मन नहीं लग रहा था, लेकिन परिजन उसे मनाने की लगातार कोशिश कर रहे हैं.
कोटा पुलिस को लिखा, खत्म कर दो मामला
इधर, इसके बारे में जब ब्रह्मपुरा पुलिस को जानकारी मिली, तो उसने कोटा पुलिस से संपर्क साधा. कोटा पुलिस ने ब्रह्मपुरा पुलिस से छात्र का फोटो और उसका बयान लेने को कहा. पुलिस ने छात्र का बयान लेकर भेज दिया है, जिसमें उसने पूरी बात लिखी है. साथ ही अपनी गुमशुदगी से संबंधित मामले को खत्म करने की अपील भी कोटा पुलिस से की है. उसने बयान में कहा है कि वह अपने परिजनों के साथ अच्छे से है.
नया गांव के शिव मंदिर में कर रहा था सेवा
साधु बनने के बाद बेगूसराय
के सिमरिया इलाके में आया
दो साल पहले तैयारी के लिए
गया था कोटा
परिजनों के मनाने पर मंदिर
छोड़ आया घर
जन्मदिन पार्टी से निकल
आया था बनारस
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