अशोक कुमार
मोतीपुर : मेरठ से स्नातक पास हार्डकोर नक्सली राम प्रवेश बैठा उर्फ सतीश जी ने ससुराल में रह कर नक्सली संगठन का विस्तार किया. पूर्वी चंपारण के मधुबन थाना के कौड़िया कजराहां निवासी रामप्रवेश की शादी 20 वर्ष पूर्व आर्मी में धोबी पद पर रहे रसूलागंज निवासी राजाराम बैठा की पुत्री से हुई थी. शादी के बाद राम प्रवेश आगे चल कर नक्सली होगा, इसका अंदाजा उसके गांव या ससुराल के लोगों को नहीं था.
साधारण कद-काठी का राम प्रवेश शादी के कुछ दिन बाद से ही रसूलागंज स्थित अपनी ससुराल में रहने लगा. वह जब भी ससुराल आता, तो 10-12 अनजान युवक उसके साथ होते थे. ससुराल में रह कर रामप्रवेश ने मोतीपुर में नक्सली संगठनों के विस्तार का काम बखूबी निभाया. उसी का परिणाम था कि मोतीपुर सहित अन्य इलाके नक्सली संगठन की मजबूत भूमि बन गये हैं.
मोरसंडी, गेहुआ चक, रसूलागंज, मोड़, कोदरकट्टा, चुल्हाइ विशुनपुर बरूराज का बंगरा फिरोज में नक्सली संगठन रामप्रवेश की बदौलत ही मजबूत हुआ. हार्डकोर नक्सली के रूप में उसकी पहचान मधुबन मुठभेड़ में हुई, जिसमें एक सहायक कंमाडेंट शहीद हो गये थे.
2002 में कोदरकट्टा में भी उसकी पुलिस के साथ मुठभेड़ हुई थी. वह विभिन्न थानों से जेल भी गया. साहेबगंज के राजेपुर में सड़क निर्माण कंपनी का रोलर जलाने सहित अन्य वारदातों में उसकी सक्रिय भूमिका रही है. दो पुत्र व दो पुत्रियों का पिता रामप्रवेश विगत कई माह से ससुराल से गायब था. इधर, देर शाम जेल भेजे जाने के बाद शहीद खुदी राम केंद्रीय कारा के टी सेल में उसे रखा गया है.