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जिले के 595 स्कूलों पर कार्रवाई की तैयारी

मुजफ्फरपुर : सीबीएसइ व राज्य सरकार से मान्यता प्राप्त स्कूलों को इंफ्रास्ट्रक्चर सहित अन्य जानकारियां न देना महंगा पड़ेगा. शिक्षा विभाग ने जिले के 595 विद्यालयों पर कार्रवाई की तैयारी शुरू कर दी है. इनमें 459 निजी, 25 मदरसा व संस्कृत विद्यालय तथा 111 हाइस्कूल हैं. इन स्कूलों को सितंबर तक यू-डायस फॉरमेट जमा करने […]

मुजफ्फरपुर : सीबीएसइ व राज्य सरकार से मान्यता प्राप्त स्कूलों को इंफ्रास्ट्रक्चर सहित अन्य जानकारियां न देना महंगा पड़ेगा. शिक्षा विभाग ने जिले के 595 विद्यालयों पर कार्रवाई की तैयारी शुरू कर दी है. इनमें 459 निजी, 25 मदरसा व संस्कृत विद्यालय तथा 111 हाइस्कूल हैं. इन स्कूलों को सितंबर तक यू-डायस फॉरमेट जमा करने का निर्देश दिया गया था.

विभाग ने पांच बार तिथि बदली, लेकिन विद्यालय प्रबंधन ने रिपोर्ट नहीं दी. इसे गंभीरता से लेते हुए डीपीओ प्रारंभिक शिक्षा व सर्वशिक्षा अभियान नीता पांडेय ने अंतिम मौका देते हुए 15 दिन में यू-डायस फॉरमेट जमा करने का निर्देश दिया है. जिन स्कूलों की रिपोर्ट जमा नहीं होगी, उनके खिलाफ कार्रवाई की जायेगी. सीबीएसइ से मान्यता प्राप्त विद्यालयों की मान्यता समाप्त करने के लिए विभाग बोर्ड को पत्र लिखेगा, जबकि बिहार सरकार की मान्यता

जिले के 595 स्कूलों
से चल रहे विद्यालयों पर विभाग सीधे कार्रवाई करेगा.
यू-डायस से बनता है शिक्षा का बजट
यू-डायस (यूनीफाइड डाटा इनफॉरमेशन सिस्टम फॉर एजुकेशन) फॉरमेट में विद्यालयों की पूरी कुंडली होती है. 24 पेज के फॉरमेट में विद्यालय के इंफ्रास्टक्चर के साथ बच्चाें व शिक्षकों के बारे में भी 35 प्वाइंट्स पर जानकारी होती है. इसी के आधार पर केंद्र सरकार हर साल शिक्षा के लिए बजट तैयार करती है. जिले की समग्र रिपोर्ट के आधार पर यह भी पता चल जाता है कि छह से 17 साल के बच्चों की संख्या कितनी है और कितने बच्चों का नामांकन विद्यालयों में हुआ है.
हर साल छूट जाते हैं आधे निजी स्कूल
शिक्षा व्यवस्था सुधारने व बेहतरी के लिए प्लानिंग तैयार करने में यू-डायस आंकड़ा महत्वपूर्ण है, लेकिन हर साल 50 प्रतिशत निजी स्कूल चेतावनी के बाद भी इसे दबाए रखते हैं. समय बीतने लगता है तो विभाग ऊपर के दबाव में आकर आधा-अधूरा आंकड़ा ही भेज देता है, जिससे सही जानकारी नहीं हो पाती. इसको लेकर अबकी बार मुख्यालय से भी सख्त निर्देश मिले हैं.
तीन महीने में भी नहीं दे सके रिपोर्ट
यू-डायस रिपोर्ट के लिए अगस्त के अंतिम सप्ताह से ही विभाग विद्यालयों को दिशा-निर्देश दे रहा है. सितंबर में इसके लिए कार्यशाला भी हुआ. पहली बार 20 सितंबर तक तिथि निर्धारित की गयी थी. इसके बाद बढ़ाकर 29 सितंबर की गयी. धीरे-धीरे विभाग ने पांच बार यू-डायस जमा करने के लिए अंतिम तिथि निर्धारित की, लेकिन निजी विद्यालय संचालक इसको लेकर लापरवाही बरत रहे हैं.
अटकी सरकारी स्कूलों की रिपोर्ट
जिले के 3041 में 682 सरकारी स्कूलों की रिपोर्ट भी जमा नहीं हो सकी है. विभागीय लोगों ने जब छानबीन शुरू की, तो अधिकतर विद्यालयों की रिपोर्ट बीइओ कार्यालय में ही धूल फांक रही है. इस संबंध में सभी बीइओ को भी निर्देश दिया गया है.
यू-डायस की स्थिति
विद्यालय संख्या जमा किया नहीं जमा किया
सरकारी स्कूल 3034 2359 682
प्राइवेट स्कूल 573 114 459
एडेड मदरसा-संस्कृत 26 1 25
हाइस्कूल 134 23 111
बयान:::
मान्यता पर संकट
भारी पड़ेगी इंफ्रास्ट्रक्चर व अन्य जानकारी देने में लापरवाही
डीपीओ ने यू-डायस
जमा करने को दिया 15
दिन का समय
सीबीएसइ स्कूलों पर कार्रवाई के लिए बोर्ड को लिखेंगे पत्र
सभी सरकारी व निजी विद्यालयों को यू-डायस फॉरमेट भरकर जमा करने का निर्देश दिया गया है. इसके लिए कई बार समय बढ़ाया गया. अब अंतिम मौका है. इसमें जो जमा नहीं करेगा, उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.
नीता पांडेय, डीपीओ प्रारंभिक शिक्षा व सर्व शिक्षा अभियान
अभी विद्यालयों से सीबीएसइ को भी रिपोर्ट भेजनी पड़ रही है. इसके साथ परीक्षा की तिथि भी नजदीक आने से काम बढ़ गया है. सबसे बड़ी परेशानी यह है कि फॉरमेट में कई ऐसी जानकारियां मांगी गयी है, जिसे बच्चों से ही पूछकर तैयार करना है. इन्हीं सभी कारणों से विलंब हो रहा है.
सुधीर कुमार, अध्यक्ष- एसोसिएशन ऑफ बिहार एकेडमिक इंस्टीट्यूशन

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