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नाभा जेल ब्रेक से नहीं लिया सबक, हो सकती है बड़ी घटना

मुजफ्फरपुर : पंजाब के नाभा जेल ब्रेक की घटना के बाद भी प्रशासन ने जेल परिसर की सुरक्षा में दिलचस्पी नहीं दिखाई. जेल परिसर के इर्द-गिर्द अतिक्रमणकारियों ने कब्जा जमा रखा है तो मेन गेट पर अवैध ऑटो पार्किंग की जा रही है. जेल व जिला प्रशासन की सुरक्षा में इतनी लापरवाही बड़े खतरे को […]

मुजफ्फरपुर : पंजाब के नाभा जेल ब्रेक की घटना के बाद भी प्रशासन ने जेल परिसर की सुरक्षा में दिलचस्पी नहीं दिखाई. जेल परिसर के इर्द-गिर्द अतिक्रमणकारियों ने कब्जा जमा रखा है तो मेन गेट पर अवैध ऑटो पार्किंग की जा रही है. जेल व जिला प्रशासन की सुरक्षा में इतनी लापरवाही बड़े खतरे को बुलावा दे रही है. जेल के मेन गेट से आप जेल परिसर में इंट्री करते हैं तो सुरक्षा के नाम पर महज दो पुलिस जवान ही दिखाई देते हैं. वे भी पूरी तरह से हथियार से लैस नहीं हैं. अचानक अगर जेल गेट पर कोई आपराधिक वारदात हो गयी, तो पुलिस उनका मुकाबला करने में पूरी तरह से अक्षम दिख रही है.

गेट पर मौजूद एक पुलिस जवान ने बताया कि सुबह में 7-12 कैदी से मुलाकात का समय होता है. उस समय जेल गेट पर सैकड़ों लोगों की भीड़ जुट जाती है. उस समय महज सुरक्षा के नाम पर दस पुलिस जवानों की ही तैनाती रहती है. इसमें दो महिला पुलिसकर्मी भी रहती हैं. चार लाठी और चार के पास आर्म्स के साथ मौजूद रहते हैं.
दो पुलिस जवानों से मेन गेट की सुरक्षा के बारे में पूछने पर उसने बताया कि उन्हें जो जेल प्रशासन की ओर से जहां ड्यूटी मिलती है, वे अपना काम करते हैं. दो लोगों से मेन गेट पर ड्यूटी करते समय डर भी सताता है. अगर गेट पर अचानक कोई वारदात हो जाये तो हमें संभलने का भी मौका नहीं मिलेगा. जेल के छह वाच टावरों पर ड्रैगन कैमरा लगना था जो अब तक नहीं लगा है.
बंद हैं कई शातिर. केंद्रीय कारा मंे कई हार्डकोर नक्सली लाल बाबू सहनी उर्फ भास्कर, टुल्लू िसंह और मयंक समेत दर्जनों शातिर बंद हैं. इनकी पेशी के दौरान हालत ब्रेक की भी कोशिश हुई है.
जेल गेट पर सुरक्षा के नाम पर िसर्फ दो पुलिस जवानों की तैनाती
मेन गेट के सामने अवैध रूप
से खड़े िकये जाते हैं ऑटो
गेट के आसपास लोगों ने
कर रखा है अितक्रमण
जेल के छह वाच टावरों पर
नहीं लगा ड्रैगन कैमरा
जेल परिसर के बाहर अवैध ऑटो पार्किंग और अतिक्रमणकारियों को हटाने के लिए जिला प्रशासन को लिखित शिकायत कर दी गयी है. जेल के बाहरी परिसर में पुलिस बल की तैनाती के लिए अतिरिक्त पुलिस जवान की मांग की गयी थी, जो अबतक नहीं मिला. हालांकि प्रशासन की ओर से जेल के मेनगेट पर ड्रैगेन कमरा लगाया गया है. जेल की सुरक्षा को बढ़ाने के लिए एक बार फिर जिलाधिकारी से बात करेंगे.
सत्येंद्र िसंह, जेल अधीक्षक, केंद्रीय कारा

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