मुजफ्फरपुर : जिले में शिक्षक नियोजन की निगरानी जांच 17 महीने बाद भी पटरी पर नहीं आ सकी है. अभी तक विभाग ने शिक्षकों के अभिलेखाें की जांच कर रही निगरानी टीम को सभी शिक्षकों का फोल्डर उपलब्ध नहीं कराया है. शिक्षा विभाग की ओर से राज्य मुख्यालय को दी गयी रिपोर्ट में कहा गया […]
मुजफ्फरपुर : जिले में शिक्षक नियोजन की निगरानी जांच 17 महीने बाद भी पटरी पर नहीं आ सकी है. अभी तक विभाग ने शिक्षकों के अभिलेखाें की जांच कर रही निगरानी टीम को सभी शिक्षकों का फोल्डर उपलब्ध नहीं कराया है. शिक्षा विभाग की ओर से राज्य मुख्यालय को दी गयी रिपोर्ट में कहा गया है कि 10 हजार प्रखंड व पंचायत शिक्षकों का फोल्डर सभी जरूरी अभिलेख के साथ ही निगरानी अन्वेषण ब्यूरो की स्थानीय इकाई को सौंप दी गयी है,
जबकि निगरानी की ओर से भेजी गयी रिपोर्ट में केवल 6 हजार नियोजित शिक्षकों का फोल्डर ही मिलने की बात कही गयी है. दोनों विभागों की रिपोर्ट में आये बड़े अंतर को लेकर विभागीय अधिकारियों की चिंता बढ़ गयी है. विभागीय अधिकारियों का कहना है कि शिक्षकों का फोल्डर तैयार करने में प्रखंड नियोजन इकाइयों ने लापरवाही की है. आधे-अधूरे फोल्डर तैयार करके विभाग को सौंप दिया, जिसे निगरानी के सुपुर्द कर दिया गया.
प्रखंड नियोजन इकाइयों पर कसेगा अब शिकंजा : मंगलवार को पटना में राज्य स्तरीय समीक्षा की गयी, जिसमें निगरानी व विभाग की रिपोर्ट में अंतर को लेकर अधिकारियों की खिंचाई हुई. तत्काल सभी प्रखंड नियोजन इकाइयों से पूर्ण करके सभी नियोजित शिक्षकों का फोल्डर निगरानी टीम को रिसीव कराने का निर्देश मिला है. डीपीओ स्थापना जियाउल होदा खां ने बताया कि नियोजित शिक्षकों का फोल्डर तैयार करने में लापरवाह नियोजन इकाइयों पर कार्रवाई
की जायेगी.
इससे पहले पंचायत नियोजन इकाइयां भी फोल्डर देने में लापरवाही कर रही थी. विभाग ने 64 नियोजन इकाइयाें के खिलाफ कार्रवाई की, जिसके बाद सभी ने फोल्डर जमा कर दिये.
डीइओ ने 24 को बुलायी बीइओ की बैठक
प्रखंड नियोजित शिक्षकों का फोल्डर पूर्ण करा कर जमा करने के लिए विभाग ने सभी बीइओ को निर्देश दिया है. डीइओ एसएन कंठ ने सभी बीइओ की बैठक 24 नवंबर को बीबी कॉलेजिएट में बुलायी है. डीपीओ जियाउल होदा ने बताया कि बैठक में ही फोल्डर जमा कराने के लिए अंतिम समय सीमा निर्धारित किया जायेगा. इसके बाद लापरवाही करनेवाली नियोजन इकाइयों के खिलाफ कार्रवाई की जायेगी.