मुजफ्फरपुर : नोटबंदी के 13वें दिन सोमवार को शहर की बैंकिंग व्यवस्था चरमरायी रही. रविवार की छुट्टी के बाद खुले बैंकों में ग्राहकों की भीड़ उमड़ पड़ी. कई बैंकों में नोटबंदी के दूसरे दिन जैसा नजारा दिखा. रेडक्रास, मिठनपुरा व चंदवारा एसबीआई ब्रांच के बाहर नौ बजे से ही लोग पंक्तियों में दिखे. उधर, एटीएम सेवा भी पूरी तरह ध्वस्त रहा. शहर के 200 एटीएम में करीब 50 एटीएम से ही कैश निकले. अधिकतर एटीएम में कैश खत्म में था. कुछ एटीएम के शटर गिरे मिले.
कुछ एटीएम के बाहर मशीन खराब है का बोर्ड टंगा था. आलम यह था कि एसकेएमसीएच से लेकर कंपनीबाग तक विभिन्न बैंकों के किसी भी एटीएम में कैश नहीं था. लोग दिन भर इधर से उधर रुपया निकालने के लिए भागते रहे. एसकेएमसीएच के पास से रेडक्रास के समीप एसबीआइ एटीएम में पहुंचे मनोहर कुमार ने कहा कि जीरो माइल व अखाड़ाघाट के सभी एटीएम बेकार हैं. वे दो घंटे घूमने बाद यहां पहुंचे हैं.
सुबह पांच बजे से लगी थी लाइन
रेड क्रास एटीएम के गार्ड ने बताया कि यहां सुबह पांच बजे से लाइन लगनी शुरू हो गयी थी. हालांकि उस समय एटीएम में कैश भी नहीं डाला गया था. लेकिन लोग यहां आकर खड़े होने लगे थे. उसने बताया कि यहां कभी लाइन खत्म ही नहीं होता, रुपया रहे या नहीं. लाेग कैश आने के इंतजार में खड़ रहते हैं. ऐसा ही हाल शहर के बनारस बैंक चौक स्थित एचडीएफसी, एसबीआई, सेंट्रल बैंक व यूनियन बैंक के एटीएम का था. यहां लोग रुपयों के लिए खड़े तो हुए, लेकिन कैश नहीं डाला गया. सभी एटीएम बेकार रहे.
सात घंटे की मशक्कत के बाद मिले रुपये : झपहां से आये संतोष रंजन रेडक्रास एटीएम से दोपहर तीन बजे ढाई हजार रुपया लेने में सफल रहे. इसके लिए उन्हें आठ घंटे की मशक्कत करनी पड़ी. संतोष ने बताया कि वे झपहां से आये हैं. किसी भी एटीएम में रुपया नहीं है. तीन घंटे तो कैश वाले एटीएम खोजने में लगे. यहां आकर चार घंटे लाइन में रहे. अब जाकर ढाई हजार रुपया मिला है. रुपये निकालने में दिन भर भूखा-प्यास रहा. आज कोई काम भी नहीं कर सका.
कैश निकालने अब गांवों से पहुंच रहे लोग : गांवों में रहने वाले लोगों को रुपया निकालने में काफी परेशानी हो रही है. जिस बैंक में उनका एकाउंट हैं, उसका ब्रांच नहीं होने के कारण वे बैंक से रुपया नहीं निकाल पा रहे हैं. गांवों में एटीएम सेवा नहीं होने के कारण उन्हें रुपयों के लिए शहर आना पड़ रहा है. सरमस्तपुर से आये मुकेश कुमार ने कहा कि उनका एकाउंट आइसीआइसीआई बैंक में है. लेकिन सरमस्तपुर में उसका ब्रांच नहीं है. किसी बैंक का एटीएम भी नहीं है. इस कारण उन्हें रुपया लेने यहां आना पड़ा. मोतीपुर के मनहर छपरा से आये जावेद अकील ने कहा कि उनके वहां भी एटीएम सुविधा नहीं है. दवाएं लेनी है, लेकिन रुपये नहीं है. यहां दो घंटे से लाइन में लगे हैं. मोतीपुर के हरदी से आये मनोहर ने कहा कि वे भी तीन घंटे से लाइन में हैं, लेकिन अभी तक एटीएम के पास नहीं पहुंच पाये हैं.
एक तो जाम, दूसरा एटीएम में कैश नहीं : एटीएम में कैश नहीं मिलने से दूसरे एटीएम की खोज में निकले लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा. शहर में दिन भर जाम की समस्या होने से लोगों को कैश वाले एटीएम खोजने में काफी मशक्कत का सामना करना पड़ा. अखाड़ाघाट, सरैयागंज, कंपनीबाग, तिलक मैदान रोड व मोतीझील में दिन भर जाम की स्थिति रही. ऐसे में एक एटीएम से दूसरे तक जाने में लोगों को काफी समय बर्बाद हुआ. हो गया तो उन्हें ऐसे ही लौटना पड़ेगा.
दोपहर 3:40 से ग्राहकों के प्रवेश पर रोक : चंदवारा एसबीआई में दोपहर 3.40 से ही ग्राहकों के प्रवेश पर रोक लगा दी गयी. बैंक का ग्रिल अंदर से बंद कर दिया गया. हालांकि काफी लोग बाहर खड़े होकर गेट खुलने के इंतजार में थे. बैंक के अंदर गये ग्राहकों के निकलने के लिए गेट तो खोला जाता, लेकिन प्रवेश की अनुमति नहीं थी. लोगों ने जब इसका विरोध किया तो गार्ड ने कहा कि मैनेजर साहब काउंटर पर खट रहे हैं, अब किसी को अंदर नहीं आने देंगे. कई लोग यहां मुख्य द्वार के बाहर से ही लौट गये.
नोटबंदी के 13वें दिन बैंकों में उमड़ी ग्राहकों की भीड़
क्या तमाशा है, बैंकवाले बनवाते क्यों नहीं
पक्की सराय चौक का एसबीआइ का एटीएम सुबह से ही खराब पड़ा था. अक्सर भीड़ रहने वाले एटीएम के बाहर मशीन खराब है का बोर्ड लगा हुआ था. यहां आने वाले लोगों को वापस लाैटना पड़ा. लेकिन शाम तक एटीएम को बनाने के लिए मैकेनिक नहीं आया. चंदवारा ब्रांच में ग्राहकों की भीड़ देख कई लोग एटीएम से रुपया निकालने पहुंचे थे. मशीन खराब है का बोर्ड देख एक ग्राहक का धैर्य टूट गया. उसने कहा कि बैंकवालों ने तमाशा बना रखा है, एटीएम खराब है तो बनवाता क्यों नहीं है. किसकी जिम्मेवारी है बनवाने की.