मुजफ्फरपुर : दाेपहर के तीन बजे थे. एसबीआइ रेडक्रास के एटीएम के पास एक महिला बच्चे को लेकर रुपये निकालने आयी थी. काफी देर तक जब वह लाइन में खड़ी रही तो पास में रखे कुर्सी पर बैठ गयीं. जब बच्चा तेजी से खांसने लगता तो वह अपने साथ लायी पानी की बोतल से उसे पानी पिलाती. बातचीत में उन्होंने बताया कि वे तुर्की से आयी हैं. बच्चे को निमाेनिया है. डाॅक्टर से दिखाने के लिए रुपये नहीं है. एटीएम में एक घंटे से लाइन में लगी हैं. लेकिन अभी तक वह काफी पीछे हैं.
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रुपया मिले तो कराये बच्चों का इलाज
मुजफ्फरपुर : दाेपहर के तीन बजे थे. एसबीआइ रेडक्रास के एटीएम के पास एक महिला बच्चे को लेकर रुपये निकालने आयी थी. काफी देर तक जब वह लाइन में खड़ी रही तो पास में रखे कुर्सी पर बैठ गयीं. जब बच्चा तेजी से खांसने लगता तो वह अपने साथ लायी पानी की बोतल से उसे […]
होम ब्रांच नहीं तो कैश निकासी पर रोक. बैंकों ने चेक के जरिये दूसरी शाखा से रुपये के निकासी पर रोक लगा दी है. सोमवार को ऐसे कई ग्राहकों को दूसरी शाखा में चेक के जरिये कैश निकालने गये ग्राहकों को वापस लौटना पड़ा. हालांकि इस बाबत आरबीआइ का नियम नहीं है. लेकिन बैँक अधिकारियों का कहना है कि जिस बैंक में खाता है, उसका केवाइसी के बारे में हमलोगों को जानकारी नहीं है. दूसरा कारण यह है कि दूसरे शाखा के ग्राहक हमारे ब्रांच में भीड़ लगा देंगे तो हम अपनी शाखा के ग्राहकों को कैसे सेवा देंगे.
इस कारण हमलोग अपने ब्रांच के खाताधारियों का चेक स्वीकार कर रहे हैं.
रुपये मिली तो चेहरे पर आयी खुशी
एटीएम में सुबह 11.30 बजे लाइन में लगे भगवानपुर के नारायण कुमार दोपहर तीन बजे रुपया निकाल पाये. हलकी सर्दी में भी पसीने से भींगे नारायण ने बताया कि घर में पहले से सौ के नोट बचा कर रखे थे. उसी रुपयों से दस दिनों तक घर चला. कल वे रुपये समाप्त हो गये थे तो आज रुपया निकालने आये हैं. उसने बताया कि नोटबंदी के बाद पहली बार एटीएम से रुपये निकालने की नौबत आयी है. अभी तक भीड़ देखते थे आज उसका अनुभव भी हुआ. इतनी परेशानी मैंने कभी नहीं सोची थी. इन रुपयों से वे कोई भी फालतू खर्च नहीं करेंगे.
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