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सीबीआइ ने भी माना नवरूणा की हो चुकी है हत्या

मुजफ्फरपुर : सीबीआइ ने भी मान लिया है कि नवरूणा अब इस दुनिया में नहीं है. अपहरण के बाद उसकी हत्या कर दी गयी. मामले की जांच कर रहे सीबीआइ के इंस्पेक्टर रौनक कुमार ने विशेष न्यायालय को आवेदन देकर मामले में हत्या की धारा जोड़ने का अनुरोध किया है. सीबीआइ के अनुरोध पर न्यायालय […]

मुजफ्फरपुर : सीबीआइ ने भी मान लिया है कि नवरूणा अब इस दुनिया में नहीं है. अपहरण के बाद उसकी हत्या कर दी गयी. मामले की जांच कर रहे सीबीआइ के इंस्पेक्टर रौनक कुमार ने विशेष न्यायालय को आवेदन देकर मामले में हत्या की धारा जोड़ने का अनुरोध किया है. सीबीआइ के अनुरोध पर न्यायालय ने धारा 302 भादवि जोड़ दी है.

हो गयी थी हत्या की पुष्टि
जवाहरलाल रोड के अतुल्य चक्रवर्ती की पुत्री नवरुणा का अपहरण 18 सितंबर 2012 को किया गया था. 19 नवंबर को इस मामले की प्राथमिकी नगर थाने में दर्ज हुई थी. नाला सफाई के दौरान 26 नवंबर 2012 को उसके घर के सामने की गली से कंकाल मिला था. अगले ही दिन बरामद
सीबीआइ ने भी
कंकाल को जांच के लिए फोरेंसिक प्रयोगशाला भेजा गया था. 10 दिसंबर 2012 को फोरेंसिक रिपोर्ट में बरामद कंकाल 12 से 15 वर्ष की लड़की की बतायी गयी थी. इसके बाद 25 दिसंबर 2012 को डीजीपी ने डीएनए जांच की अनुमति दे दी, लेकिन नवरुणा के माता-पिता पुलिस को ब्लड सैंपल देने से इनकार कर दिया. बाद में सीबीआइ के अनुसंधानक के अनुरोध पर 25 मार्च 2014 को उन्होंने जांच के लिए अपना ब्लड सैंपल दिया था. जांच के बाद उक्त कंकाल नवरुणा की होेने की पुष्टि हुई थी.
ब्रेन मैपिंग, नार्कों जांच के बाद की कार्रवाई
छह मई को सर्वोच्च न्यायालय के फटकार लगाने के बाद सीबीआई नवरुणा कांड की जांच में तेजी लायी थी. न्यायालय के आदेश के बाद सीबीआई राकेश कुमार बब्लू, सुमित चक्रवर्ती और टाइल्स के दुकानदार सहित कई लोगों का ब्रेन मैपिंग और नार्कों टेस्ट कराया. नार्कों टेस्ट के बाद 18 अक्तूबर को नवरुणा के घर पहुंच घटना की रि-कंस्ट्रक्शन किया. इसके बाद सीबीआइ शहर के कई लोगों व नगर निगम के पदाधिकारी व कर्मचारियों से पूछताछ की थी.
जांच व पूछताछ से पुख्ता सबूत मिलने के बाद नवरुणा मामले में हत्या की धारा 302 भादवि जोड़ने का अनुरोध किया. न्यायालय ने सीबीआइ के अनुरोध को स्वीकारते हुए उपरोक्त धारा को जोड़ दिया है. नवरुणा मामले की जांच पहले पुलिस ने की थी. इसके बाद सीआइडी मामले की जांच कर रही थी. इसी बीच सीबीआइ को जांच का आदेश मिला, तब से सीबीआइ की ओर से जांच की जा रही है, लेकिन अभी तक मामले का खुलासा नहीं हो पाया है. कोर्ट की ओर 31 अक्तूबर का समय दिया गया था, लेकिन सीबीआइ जांच पूरी नहीं कर पायी है.

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