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नोट बंद होने का असर. रात में दिखी दिन जैसी भीड़

मुजफ्फरपुर:l प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 500 और हजार रुपये के नोट बंद करने के एलान के कुछ मिनटों के बाद ही शहर के एटीएम व पेट्रोल पंपों पर भीड़ उमड़ने लगी. रुपये निकालनेवालों से ज्यादा रुपये जमा करनेवालों की भीड़ दिख रही थी. लोग गांवों से रुपये जमा करने के लिए शहर पहुंच गये थे. […]

मुजफ्फरपुर:l प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 500 और हजार रुपये के नोट बंद करने के एलान के कुछ मिनटों के बाद ही शहर के एटीएम व पेट्रोल पंपों पर भीड़ उमड़ने लगी. रुपये निकालनेवालों से ज्यादा रुपये जमा करनेवालों की भीड़ दिख रही थी. लोग गांवों से रुपये जमा करने के लिए शहर पहुंच गये थे. नोट बंद होने का असर ये था कि एटीएम के बाहर मोटरसाइकिलों की भीड़ लग गयी. रुपये निकालने व जमा करने पहुंचे लोग सरकार के कदम की सराहना कर रहे थे. कह रहे थे कि बड़ा कदम उठाया गया है. इससे बहुत फायदा होगा. कालेधन, टेरर फंडिंग व नकली नोटों पर लगाम लगेगी.
शहर के ज्यादातर एटीएम सामान्य दिनों में रात दस बजे बंद हो जाते हैं, लेकिन मंगलवार को स्थिति बदली हुई थी. एटीएम के गार्डों को मौका नहीं मिल रहा था कि वो शटर बंद करें. सब कह रहे थे कि अच्छा काम हुआ है. सरकार ने बहुत बड़ा कदम उठाया है. इसका स्वागत होना चाहिये. काकीनाडा से इंजीनियर की पढ़ाई कर चुके शिवम कल्याणी के पास एटीएम से पैसा निकालने के लिए पहुंचे थे. उनका कहना था कि अगले दो दिन में बाजार ठप सा हो जायेगा, क्योंकि करेंसी का फ्लो रुक जायेगा. उन दुकानदारों को परेशानी होगी, जो कार्ड स्वैपिंग मशीन नहीं रखते हैं.
चार सौ ही निकालना : जिस एटीएम में सौ रुपये के नोट थे. वहां भीड़ लगी थी. सब लोग चार सौ रुपये निकाल रहे थे. एटीएम से एक दिन में तीन बार निकासी हो सकती है. ऐसे में लोग एक एटीएम से 12 सौ रुपये की निकासी कर पा रहे थे. कई लोग कई-कई कार्ड लेकर एटीएम पहुंचे थे, ताकि अगले दो दिनों तक सौ रुपये के नोट निकाल सकें.
चार सौ की जगह निकल गये चार हजार : एटीएम में सौ रुपये के नोट निकालने पहुंचे राकेश घर से चार कार्ड लेकर पहुंचे थे, लेकिन दो कार्ड एटीएम ने स्वीकार ही नहीं किये. दो कार्डों से रुपये निकाल रहे थे. उनके पास हजार रुपये के कई नोट थे, जो बुधवार को बाजार में नहीं चलनेवाले थे. इस वजह से परेशान थे. इसी बीच 400 की जगह उनके हाथ से चार हजार का बजट दब गया और पांच एक सौ के नोट के साथ सात नोट पांच सौ के निकल आये, तो राकेश बहुत निराश हुये और अपनी गलती पर पछतावा करते हुये घर के लिए निकल गये.
जमा करनेवालों की भीड़ : जीरो माइल पर बैंक ऑफ बड़ौदा की शाखा में एटीएम के साथ जमा करनेवाली भी मशीन है. रात में साढ़े नौ बजे वहां पर जबरदस्त भीड़ हो गयी. आसपास के गांवों से लोग पैसा जमा करने व निकालने पहुंचे थे. पास की कालोनी के रहनेवाले रंजीत सिंह ने बताया कि ड्यूटी से वो घर आये थे, तभी उन्होंने न्यूज सुनी और वो तुरंत रुपये निकालने के लिए एटीएम पर पहुंच गये, ताकि आनेवाले दो दिनों में कम से कम सब्जी का पैसा घर में रहे, क्योंकि सब्जी तो क्रेडिट कार्ड से मिलेगी नहीं.
आम आदमी को होगी परेशानी
जीरोमाइल पर बर्तन की दुकान चलानेवाले राहुल मिश्रा ने कहा कि फैसले से सरकार की जय-जय हो गयी है, लेकिन आम आदमी को परेशानी झेलनी पड़ेगी. अभी शादी-विवाह का समय शुरू होनेवाला है. ऐसे में लोगों ने रुपये इकट्ठा करके रखा होगा. उन्हें अब खरीदारी में कितनी परेशानी होगी, क्योंकि नोट ही नहीं चलेगी.
चार-चार सौ करके निकालेंगे
नवनीत कुमार अहियापुर से रुपये निकालने के लिए जीरो माइल चौक पहुंचे थे, लेकिन वहां किसी एटीएम में एक सौ की नोट नहीं मिली. बैंक ऑफ बड़ौदा के एटीएम में भीड़ की वजह से नहीं गये. कहने लगे कि अब पुल पार करके देखते हैं, जहां से भी मिलेगा, चार-चार सौ करके रुपये निकालेंगे, क्योंकि सब्जी आदि के खर्चे के लिए घर में पैसा चाहिये. नवनीत अमृतसर में इंजीनियर हैं और छठ में घर आये हैं.
मीनापुर में पढ़ानेवाले एक शिक्षक ने कहा कि हम लोगों का क्या? परेशानी, तो उन्हें होगी, जिन लोगों ने घरों में बोरे में कस-कस कर रुपया रखा है. हम तो दो दिन भूखे रहने को भी तैयार हैं. शहर में नहीं रहेंगे, गांव चले जायेंगे, लेकिन सरकार ने ये बहुत अच्छा काम किया है. अभी इतना रुपया हो गया था कि अगर सामान्य आदमी किसी चीज पर दाम कम लगाता है, तो कालाधन वाला आकर उसका दाम बढ़ा देता है. अब अच्छा हो गया है.
दस टकिया ने मचाया तहलका : हम लोग दुकानदार आदमी हैं. हम स्टील दुकान चलाते हैं. परेशानी की बात क्या कहें, ये कहते हुये राहुल मिश्रा दस के सिक्के का जिक्र करते हैं. कहते हैं कि पिछले 15 दिन से सिक्के ने तहलका मचाया था. अब जाकर स्थिति ठीक हुई थी. अब सरकार ने ये फैसला ले लिया है, जो लोग नंबरी नोट इकट्ठा कर रहे थे या उसका प्लान बना रहे थे. उनके मंसूबे पर पानी फिर गया है.
खाली पड़े थे कई एटीएम: उन एटीएम में सन्नाटा था, जहां पांच सौ व एक हजार के नोट थे. वहां लोग जाते और रुपये नहीं निकलने पर निराश होकर अगले एटीएम की ओर बढ़ जा रहे थे. ऐसे एटीएम पर तैनात गार्ड कह रहे थे, बहुत समय से पांच सौ व हजार के नोट ही इनमें पड़ रहे हैं.
नोट नहीं होने से बाजार में रहेगा सन्नाटा
अन्य दिनों में रात के समय सड़क पर सन्नाटा पसर जाता है, लेकिन मंगलवार की रात सड़कों पर देर रात तक लोग दिख रहे थे. सब की चिंता बड़े नोटों को लेकर थी, क्योंकि पांच सौ और हजार रुपये के नोट इतना व्यवहार में आ गये हैं कि लोग आराम से इन्हें लेकर चलते हैं, लेकिन सरकार के फैसले के बाद सौ रुपये की खोज बढ़ दये. लोग एटीएम दर एटीएम भटक रहे थे. इनमें से ज्यादातर लोगों का कहना था कि अगले दो दिन बाजार में सन्नाटा रहेगा, क्योंकि जब लोगों के रुपया नहीं रहेगा, तो खरीदारी क्या होगी.

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