मामला 20 अक्टूबर को तब हुई थी, जब महिला अपने दो छोटे-छोटे बच्चे के साथ घर में सो रही थी. उसी दौरान उसका पड़ोसी मो कासीम उसके घर में घुस कर जबरदस्ती करने लगा. महिला के चिल्लाने पर आसपास के लोग जुटे और महिला की अस्मत बची. स्थानीय लोगों ने उसे इलाज के लिए अस्पताल में भरती कराया था. एसकेएमसीएच में बेड पर ही मेडिकल ओपी पुलिस 23 अक्तूबर को ही उसका बयान दर्ज की थी. लेकिन उक्त बयान को भी बीस दिनों बाद ही सदर थाने तक पहुंचायी. बयान की कॉपी पहुंचने के बाद मंगलवार को मामले में प्राथमिकी दर्ज की गयी है.
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40 दिन बाद अहियापुर से सदर थाने आया बयान
मुजफ्फरपुर : पुलिस अपने कार्यशैली को लेकर हमेशा बदनाम होती रही है. बार-बार अनेक तरह के आरोप लगने के बाद भी कार्यशैली में सुधार नहीं लानेवाले पुलिसकर्मी को आमजनों के बीच फजीहत भी झेलनी पड़ रही है. वरीय अधिकारियों के पास शिकायत पहुंचने पर विभागीय कार्रवाई का सामना कर रहें पुलिसकर्मी अपनी आदतों से बाज […]
मुजफ्फरपुर : पुलिस अपने कार्यशैली को लेकर हमेशा बदनाम होती रही है. बार-बार अनेक तरह के आरोप लगने के बाद भी कार्यशैली में सुधार नहीं लानेवाले पुलिसकर्मी को आमजनों के बीच फजीहत भी झेलनी पड़ रही है. वरीय अधिकारियों के पास शिकायत पहुंचने पर विभागीय कार्रवाई का सामना कर रहें पुलिसकर्मी अपनी आदतों से बाज नहीं आ रहें हैं. पुलिस महानिदेशक व न्यायालय के स्पष्ट निर्देश के बाद भी पुलिस अधिकारी पीड़ितों को न्याय देने के लिए उनके मामले को दबाने से बाज नहीं आ रहें हैं. ताजा उदाहरण अहियापुर पुलिस ने सड़क दुर्घटना व छेड़खानी के मामले में पीड़िताें के बयान को चालीस दिनों बाद सदर थाने भेज अपने लेट-लतीफी कार्यशैली को पेश किया है.
आरोपित चालक पर 40 दिन बाद दर्ज हुई प्राथमिकी : सदर थाना के कच्ची-पक्की में हुए सड़क हादसे में जख्मी बाइक सवार शौकत के बयान पर सदर थाने में प्राथमिकी दर्ज की गयी. बाइक सवार मनियारी थाने के भिखनपुर सैफ गांव निवासी मो शौकत अली से मेडिकल ओपी पुलिस ने 22 सितंबर को ही बयान लिया था. बयान में उसने बताया था कि इलेक्ट्रिक का काम कर घर बाइक से लौट रहा था. उसी दौरान कच्ची पक्की दुर्गा मंदिर के पास पिकअप वैन के चालक ने उसे धक्का मार दिया. इससे वह गंभीर रूप से जख्मी हो गया. गंभीर हालत में उसे पुलिस व स्थानीय लोगों ने उसे इलाज के लिए एसकेएमसीएच में भरती कराया था. लेकिन अहियापुर पुलिस को यह बयान भेजने में चालीस दिन लग गया. मंगलवार को बयान की कॉपी सदर थाने पहुंचने पर प्राथमिकी दर्ज की गयी है.
बीस दिन बाद दर्ज हुई महिला से जबरदस्ती की प्राथमिकी :
संगीन मामलों में भी पुलिस कछुआ गति ही अख्तियार कर रही है. अन्य मामलों में पुलिस की शिथिलता से अनुसंधान की गुणवत्ता के प्रभावित होने की कम गुंजाइश होती है. लेकिन संगीन मामलों में जांच की गुणवत्ता के साथ ही साथ पीड़ितों को त्वरित न्याय का भरोसा भी रहता है. लेकिन पुलिस के कार्यशैली उनके भरोसे पर कुठाराघात कर रही है. यह मामला भी सदर थाना क्षेत्र से ही जुड़ा है. थाने क्षेत्र के मेथनापुर गांव में महिला के घर में घुस कर उसके पड़ोसी ने जबरदस्ती करने का प्रयास किया था. विरोध करने पर उसके साथ मारपीट कर गंभीर रूप से जख्मी कर दिया गया था. आसपास के लोगों के जुटने पर मामला शांत हुआ. इसके बाद उसे इलाज के लिए एसकेएमसीएच में भरती कराया गया.
मामला 20 अक्टूबर को तब हुई थी, जब महिला अपने दो छोटे-छोटे बच्चे के साथ घर में सो रही थी. उसी दौरान उसका पड़ोसी मो कासीम उसके घर में घुस कर जबरदस्ती करने लगा. महिला के चिल्लाने पर आसपास के लोग जुटे और महिला की अस्मत बची. स्थानीय लोगों ने उसे इलाज के लिए अस्पताल में भरती कराया था. एसकेएमसीएच में बेड पर ही मेडिकल ओपी पुलिस 23 अक्तूबर को ही उसका बयान दर्ज की थी. लेकिन उक्त बयान को भी बीस दिनों बाद ही सदर थाने तक पहुंचायी. बयान की कॉपी पहुंचने के बाद मंगलवार को मामले में प्राथमिकी दर्ज की गयी है.
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