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वक्फ की जमीन पर सुलझ नहीं रहा विवाद, तनाव

मुजफ्फरपुर: तकरीर के दौरान लखनऊ से आये मौलाना के बयान पर कमरा मुहल्ला स्थित जामा मसजिद में दो पक्षों के बीच मारपीट का मामला तो समाप्त हो गया है. लेकिन दोनों पक्षों के बीच तनाव बरकरार है. एक पक्ष की ओर से पंपलेट छपवा कर बांटने की चर्चा से भी दूसरे पक्ष आक्रोशित हैं. आलम […]

मुजफ्फरपुर: तकरीर के दौरान लखनऊ से आये मौलाना के बयान पर कमरा मुहल्ला स्थित जामा मसजिद में दो पक्षों के बीच मारपीट का मामला तो समाप्त हो गया है. लेकिन दोनों पक्षों के बीच तनाव बरकरार है.

एक पक्ष की ओर से पंपलेट छपवा कर बांटने की चर्चा से भी दूसरे पक्ष आक्रोशित हैं. आलम यह है कि कभी भी दोनों पक्ष आपस में भिड़ सकते है. विवाद की जड़ मो तकी खां वक्फ स्टेट की जमीन है. मोतवल्ली व इमाम के बीच जारी मतभेद पर मुहल्ले के लोग कुछ भी बोलने को तैयार नहीं है. बहुत पूछने पर कहते हैं कि वक्फ की जमीन पर चल रहे विवाद की सच्चई उन्हें नहीं पता. मापी के बाद ही पता चलेगा कि इमाम सही हैं या मोतवल्ली.

चार बीघा जमीन को लेकर चल रहा विवाद
वक्फ की चार बीघा जमीन को लेकर इमाम व मोतवल्ली में पिछले ढ़ाई वर्षो से विवाद चल रहा है. मोतवल्ली आबिद हुसैन का कहना है कि वक्फ की तीन बीघा 12 कट्ठा जमीन है. जबकि इमाम सैयद काजिम शबीब का कहना है कि रजिस्टर 2 के हिसाब से वक्फ की 7 बीघा 10 कट्ठा 12 धुर जमीन है. इस मामले में उन्होंने जिला प्रशासन को गुलजार बाग सर्वे ऑफिस से निकाला गया नक्शा भी प्रस्तुत किया है. जिला प्रशासन की टीम दोनों नक्शों का मिलान कर खाका तैयार कर रही है. एक-दो दिन में इसकी रिपोर्ट इमाम व मोतवल्ली को सौंप दी जायेगी. लेकिन कानूनी प्रक्रिया से अलग दोनों पक्ष अपनी दावेदारी को सही ठहराने के लिए आपस में भिड़ रहे हैं. कभी मोतवल्ली इमाम को निकालने का निर्देश जारी करते हैं तो कभी इमाम मोतवल्ली को हटाये जाने का प्रस्ताव वक्फ को देते हैं.

हर सप्ताह भिड़ रहे दोनों पक्ष
पिछले ढाई वर्षो से हर सप्ताह दोनों पक्ष भिड़ रहे हैं. मुहर्रम के दौरान मजलिस से लेकर जुमे के दिन नमाज की शांति पूर्ण व्यवस्था के लिए पुलिस को चौकसी करनी पड़ रही है. तीन महीने पूर्व भी मारपीट में चार-पांच बच्चे घायल हो गये थे. इमाम को गाली देने के मामले भी अनहोनी होते हुए बची. हर बार पुलिस आकर मामले को शांत कराती रही. हालांकि अब तक विवाद का स्थायी समाधान नहीं निकल सका है. एक पक्ष की ओर से वक्फ की जमीन की खरीद बिक्री नहीं करने व वक्फ बोर्ड के अधिकारियों को भ्रष्टाचारी बताये जाने का मामला भी गर्म है. किसी भी बात पर दोनों पक्षों के सैकड़ों लोग जमा हो जाते हैं.

मामले में वक्फ बोर्ड उदासीन
पूरे मामले में वक्फ बोर्ड का रवैया उदासीन बना हुआ है. मामला उलझने पर तीन महीने पूर्व वक्फ बोर्ड के चेयरमैन मोहसिन अली मासूमी ने यहां आकर दोनों पक्षों के साथ बैठक की थी. जिसमें यह निर्णय लिया गया था कि जमीन की मापी करायी जायेगी. दोषियों को नहीं बख्शा जायेगा. लेकिन इसके बाद वक्फ बोर्ड ने विवाद को शांत कराने की कोई पहल नहीं की. बोर्ड की ओर से जिला प्रशासन को पत्र भेज कर मोतवल्ली को बने रहने की स्वीकृति दी. लेकिन विवाद को शांत कराने की दिशा में कुछ नहीं किया.

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