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मुख्यालय की कार्रवाई से मायूस हैं शिक्षक

मुजफ्फरपुर : केंद्रीय विद्यालय, गन्नीपुर में छात्र व अभिभावक जहां बाहर से दबाव बनाये हैं, वहीं पुराने शिक्षक व कर्मचारियों में भी विरोध की आग सुलग रही है. जिस तरह केवि संगठन मुख्यालय व प्रशासन की कार्रवाई सामने आयी है, उससे सभी मायूस है. अलबत्ता, अनुशासन ने उनकी जुबान बंद कर रखी है. जब मौका […]

मुजफ्फरपुर : केंद्रीय विद्यालय, गन्नीपुर में छात्र व अभिभावक जहां बाहर से दबाव बनाये हैं, वहीं पुराने शिक्षक व कर्मचारियों में भी विरोध की आग सुलग रही है. जिस तरह केवि संगठन मुख्यालय व प्रशासन की कार्रवाई सामने आयी है, उससे सभी मायूस है. अलबत्ता, अनुशासन ने उनकी जुबान बंद कर रखी है. जब मौका मिलता है, तो मन की पीड़ा बयां करने से नहीं चूकते. उनका कहना है कि जिस तरह तूल देकर मामले को उछाला गया, उससे गुरु-शिष्य के रिश्ते पर भी धब्बा लग गया है.

विद्यालय के एक पुराने शिक्षक का कहना था कि हमारे लिए तो सभी बच्चे एक समान होते हैं. हम उनकी काबिलियत के आधार पर वर्गीकरण करते हैं, न ही जाति व धर्म के आधार. कमोबेश यही पीड़ा विद्यालय के अधिकतर शिक्षक व कर्मचारियों की है. हां, उनकी जुबान संगठन मुख्यालय व प्रशासन के डर से बंद है. स्थिति यह है कि प्रधानाचार्य व शिक्षकों पर कार्रवाई के बाद से प्रबंधन या प्रशासन जो कुछ भी कर रहा है, पूरी तरह गोपनीय तरीके से.
कैंपस में मीडिया के प्रवेश पर भी अघोषित तौर पर प्रतिबंध लगा दिया गया है. शनिवार को पैरेंट्स मीटिंग में मीडिया को पहले ही बाहर कर दिया गया. वहीं शुक्रवार को भी अधिकारी विद्यालय में पहुंचे तो पहले फरमान मीडिया को ही दूर रखने का था. यही वजह है कि अब विद्यालय के शिक्षक व कर्मचारी मीडियाकर्मियों को देख कर इधर-उधर बचने की कोशिश करते हैं.
पीड़ित छात्र से मिला बसपा का प्रतिनिधिमंडल : मुजफ्फरपुर . बहुजन समाज पार्टी का प्रतिनिधिमंडल रविवार को पीड़ित छात्र से उसके गन्नीपुर स्थित आवास पर जाकर मिला. प्रदेश उपाध्यक्ष राजेश त्यागी के नेतृत्व में पहुंचे बसपा नेताओं ने पीड़ित छात्र व उसके परिजनों से घटना की जानकारी ली. त्यागी ने जिला प्रशासन से मांग की कि दोषी छात्रों को शीघ्र गिरफ्तार करें. इसके साथ ही घटना की जांच सीबीएसइ से कराने व पीड़ित छात्र को 10 लाख रुपये मुआवजा दिलाने की मांग की. चेतावनी दी कि अगर इस मामले में सरकार ने किसी तरह की लापरवाही की तो बसपा धरना-प्रदर्शन के लिए बाध्य होगी. टीम में प्रदेश महासचिव शंकर महतो, जिलाध्यक्ष संतलाल राम, सत्येंद्र कुमार सत्येन, फुलदेव सहनी, अहद अली, जयमंगल राम, रमण प्रसाद, मिथिलेश बौध, मनीष कुमार, सियालाल, संजीत कुमार दास, धीरेंद्र, बप्पी आदि थे.
केवि में मारपीट का मामला, अनुशासन के चलते साधी चुप्पी

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