मुजफ्फरपुर: भूमंडलीकरण ने विश्व के ढांचे को परिवर्तित कर दिया है. तेजी से उभरती अर्थव्यवस्था वाले देशों में शुमार भारत में उदारीकरण, वैश्वीकरण, निजीकरण की नीतियों के साथ भूमंडलीकरण की शुरुआत होती है. औद्योगिक प्रगति, ढांचागत विकास, व सेवा सेक्टर के उभार से नौकरी के नये अवसर उपलब्ध हुए है.
यह बातें बिहार विश्वविद्यालय के पीजी अर्थशास्त्र विभागाध्यक्ष डॉ सीकेपी शाही ने कही. वे शनिवार को एलएस कॉलेज के कॉमर्स विभाग में आयोजित सेमिनार के पहले सत्र में बोल रहे थे. विषय था ‘भूमंडलीकरण का भारतीय अर्थव्यवस्था पर प्रभाव’. उन्होंने कहा कि आजादी के बाद भारत में मिश्रित अर्थव्यवस्था की नीति अपनायी गयी. लेकिन इसके दूरगामी परिणाम सामने न आता देख नई आर्थिक नीतियों को लागू किया गया. प्राचार्य डॉ अमरेन्द्र नारायण यादव ने मुख्य वक्ता को पुष्प गुच्छ देकर सम्मानित किया.
कार्यक्रम की अध्यक्षता इतिहास विभागाध्यक्ष डॉ भोजनंदन प्रसाद सिंह ने की. विषय प्रवेश डॉ नवल किशोर सिंह व धन्यवाद ज्ञापन प्रो महेश कुमार ने की. सेमिनार के दूसरे सत्र में आरडीएस कॉलेज के कॉमर्स प्राध्यापक पीएन शर्मा ने ‘क्रेता के स्वभाव’ पर प्रकाश डाला. मौके पर डॉ भोजनंदन प्रसाद सिंह, डॉ सुनील कुमार, डॉ अंजना कुमारी, डॉ नीलांबी गुप्ता, डॉ शैल कुमारी, डॉ महेश, डॉ रत्नेश, बालमुकुंद समेत कामर्स विभाग के छात्र-छात्रएं उपस्थित थे.