मड़वन : कर्जा थाना क्षेत्र के रूसुलपुर निवासी कैफे संचालक कुमोद मिश्रा उर्फ गोली मिश्रा को गोली मारने की घटना के 24 घंटे बाद भी पुलिस ने ना ही पीड़ित परिवार के लोगों का बयान दर्ज किया और न ही मामले में संलिप्त किसी भी अपराधी का सुराग जुटा पायी. घटना के दूसरे दिन भी कर्जा और सदर पुलिस सीमा विवाद में उलझी रहीं . हालांकि वरीय पुलिस अधिकारी के निर्देश के बाद दोनों थाने की पुलिस बारी- बारी से घटनास्थल पर पहुंच मामले की जांच की. पुलिस ने मौके से जख्मी संचालक की बाइक और एक खोखा भी बरामद किया है. लेकिन अभी भी दोनों थाने की पुलिस घटनासथ्ल को दूसरे थाना का बता रहीं है.
इधर घटना में जख्मी संचालक को बेहतर इलाज के लिये पटना के रूबन हॉस्पिटल में भरती कराया गया है, जहां उसकी स्थिति अभी भी गंभीर बनी हुई है. शनिवार को कुमोद का ऑपरेशन करके गोली निकाला जायेगा. पीड़ित संचालक के भाई विरेंद्र मिश्रा ने बताया कि दोनों थाने की पुलिस घटना की रात भी सीमा विवाद में उलझी रहीं. जिस कारण मामले में प्राथमिकी नहीं हो पायी. शनिवार को वरीय पुलिस अधिकारी से बात की जायेगी. उनके आदेशानुसार संबंधित थाने में प्राथमिकी दर्ज करायी जायेगी.
अपराधियों की गिरफ्तारी व रात्रि गश्ती की एसएसपी से गुहार :कैफे संचालक पर गोलीबारी के घटना में शामिल अपराधियों की गिरफ्तारी व फकीरा चौक से उत्तर नहर वाले रास्ते में पुलिस गश्ती को बढ़ाने के लिये शुक्रवार को रूपवाड़ा पंचायत के मुखिया मुकुन्द कुमार के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल एसएसपी विवेक कुमार से मिला. इस दौरान मुखिया ने एसएसपी को एक आवेदन भी सौंपा. एसएसपी ने लोगों को भरोसा दिलाया कि संचालक पर हमला में शामिल अपराधियों की जल्द से जल्द गिरफ्तारी की जायेगी. साथ ही उक्त जगह पर दोनों थाने की पुलिस गश्त करेगी.
पूर्व में हो चुकी है कई हत्याएं :
फकीरा चौक से उत्तर नहर वाले रास्ते में पूर्व में भी कई हत्याएं हो चुकी है. 2011 में जमीन कारोबारी सौरभ कुमार को अपराधियों ने लूटपाट के दौरान गोली मारकर हत्या कर दी थी. 2012 में डकैती के दौरान किसान मोहन ओझा की गोली मारकर हत्या कर दी गयी थी. 2014 में डकैती के ही दौरान मोहन मिश्रा की गोली मारकर हत्या कर दी गयी थी. पिछले साल गैस एजेंसी के मुंशी आफताब को अपराधियों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी.
सीमा विवाद में लगातार हो रही आपराधिक वारदात
स्थानीय लोगों का कहना है कि अगर इस रोड में आपराधिक वारदात होती है तो दोनों थाने की पुलिस मामले की जांच करने के बजाये सीमा विवाद सुलझाने में लगी रहती है. जिस कारण लगातार उस रोड में बेखौफ अपराधी घटना को अंजाम देकर बड़ी अासानी से फरार हो जाते है. मुखिया ने बताया कि यह रास्ता बहोरा, रूसुलपुर, पकोही,रूपवाड़ा, मेथुरापुर, शुभंकरपुर समेत एक दर्जन से अधिक गांवों से जुड़ी हुई है. इस रास्ते में दो ताड़ी की दुकान है, जहां अपराधियों का जमावड़ा लगा रहता है. लगातार पुलिस गश्ती नहीं होने के कारण अपराधियों का मनोवल लगातार बढ़ता जा रहा है.