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व्यावसायिक सहयोगियों ने की थी गुंजन की हत्या

मुजफ्फरपुर : सदर थाना के इंदिरा कॉलोनी के अपहृत जमीन व्यवसायी सौरभ कुमार उर्फ गुंजन की हत्या लाखों रुपये गबन करने के उद्देश्य से उसके व्यावसायिक सहयोगियों ने ही की थी. मामले की गुत्थी सुलझाने के लिए हिरासत में लिये गये उसके मित्र शशि रंजन की निशानदेही पर सदर पुलिस ने बोचहां से शव को […]

मुजफ्फरपुर : सदर थाना के इंदिरा कॉलोनी के अपहृत जमीन व्यवसायी सौरभ कुमार उर्फ गुंजन की हत्या लाखों रुपये गबन करने के उद्देश्य से उसके व्यावसायिक सहयोगियों ने ही की थी. मामले की गुत्थी सुलझाने के लिए हिरासत में लिये गये उसके मित्र शशि रंजन की निशानदेही पर सदर पुलिस ने बोचहां से शव को बरामद कर पोस्टमार्टम के लिए एसकेएमसीएच भेज दिया है. आरोपी शशि रंजन ने इस हत्याकांड में शामिल दो अन्य सहयोगियों के नामों का खुलासा कर दिया है. पुलिस हत्याकांड में शामिल अपराधियों की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी कर रही है.
16 सितंबर को किया था अपहरण
वैशाली जिले के मझौली निवासी जमीन कारोबारी सौरभ कुमार उर्फ गुंजन कच्ची-पक्की स्थित इंदिरा कॉलोनी में सपरिवार रहता था. कारोबार के दौरान उसने कई दोस्तों को कर्ज दे रखा था. 15 सितंबर की शाम गुंजन गोरौल के मजिराबाद स्थित ननिहाल गया था. वहां से 16 सितंबर की सुबह इंदिरा कॉलोनी स्थित अपने घर लौटने के क्रम में गोरौल चौक पर एक संबंधी के साथ चाय पी रहा था. तभी उसके मोबाइल पर किसी का फोन आया और वह शहर के लिए निकल गया. लेकिन काफी देर तक जब वह घर नहीं पहुंचा तो परिजनों ने उसकी खोजबीन की. 18 सितंबर को उसकी मां शिमला देवी ने सदर थाने में उसके अपहरण की प्राथमिकी दर्ज करायी. प्राथमिकी में उन्होंने गुंजन की हत्या की आशंका जतायी थी. 18 सितंबर की सुबह सदर पुलिस ने गोबरसही-डुमरी स्थित फोरलेन से उसकी बुलेट बाइक बरामद की थी.
डायरी का पन्ना गायब करते पकड़े जाने पर हुआ शक : गुंजन के गायब होने के तीसरे दिन 19 सितंबर की सुबह करीब सात बजे उसका एक मित्र अतरदह निवासी शशि रंजन उसके यहां सांत्वना देने गया. इसी दौरान उसके कमरे में जाकर आलमीरा से लेन-देन के हिसाब की डायरी निकाल उसका पन्ना पलटने लगा और डायरी का एक पन्ना फाड़ लिया. उसकी इस चालबाजी को शिमला देवी ने देख लिया. उन्हें शशि रंजन पर शक हो गया. इसकी जानकारी उन्होंने गुंजन के अनुसंधानक धनंजय शर्मा को दी.
शशि रंजन की निशानदेही पर बरामद हुआ शव : इसके बाद अनुसंधानक धनंजय शर्मा ने शशि रंजन को हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू कर दी. 22 सितंबर की शाम तक वह पुलिस को बरगलाता रहा, लेकिन पुलिस ने जब सख्ती बरती तो रात में उसने गुंजन हत्याकांड का खुलासा कर दिया. उसने पुलिस को बताया कि कर्ज में लिये गये रुपयों को पचाने के लिए उसने मनियारी के राजीव व अरुण के साथ मिलकर उसकी हत्या कर दी है. शशि रंजन ने गुंजन को कर्ज में लिये गये रुपयों का हिसाब-किताब करने के बहाने गन्नीपुर बुलाया था. वहां से बोलेरो से उसे विवि के हिन्दी विभाग के पीछे ले गया और गाड़ी में ही गर्दन में रस्सी का फंदा कस कर उसकी हत्या कर दी. हत्या के बाद करीब आठ घंटे तक गाड़ी में ही उसके शव को रखा. शाम होने पर बोचहां में सड़क किनारे ठिकाने लगा दिया. पुलिस ने शशि रंजन की निशानदेही पर बोचहां के एसके होटल के पास से शव बरामद किया.
सीसीटीवी से बचने के लिए गलियों से पहुंचे बोचहां : शाम साढ़े छह बजे से पहले गुंजन के बुलेट को राजीव गोबरसही-डुमरी स्थित फोरलेन पर रख दिया और फिर शव के साथ बोलेरो में बैठ बोचहां के लिए निकल गया. सीसीटीवी कैमरे में नहीं आने के लिए बोचहां तक जाने के लिए गली के रास्ते का सहारा लिया. विवि के हिंदी विभाग से निकल शहर के चौक-चौराहों पर लगे सीसीटीवी कैमरे से बचने के लिए कलमबाग चौक से पहले सीधे ओरियेंट क्लब रोड होते हुए आमगोला पुल पार कर फिर मुखर्जी सेमिनरी स्कूल वाले गली में प्रवेश कर गये. वहां से कृष्णा सिनेमा हॉल के सामने निकल अखाड़ाघाट पुल पार करते हुए सीधे दरभंगा रोड में प्रवेश कर गये. बोचहां पहुंच एसके होटल के पास शव को फेंक वापस आ गये.

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