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तय रूट से हटे तो परमिट रद्द

सबक. ओवरलोडिंग, सेफ ड्राइविंग व सही रूट पर चौकसी डीटीओ व एमवीआइ के नेतृत्व में चलेगा स्पेशल ड्राइव मुजफ्फरपुर : मधुबनी बस हादसे ने व्यावसायिक वाहनों (बस-ऑटो) के परिचालन के तौर-तरीके पर कई गंभीर सवाल खड़े कर दिये हैं. अहम सवाल सड़कों पर बेलगाम तरीके से दौड़ रहे वाहन के रूट व सेफ ड्राइविंग को […]

सबक. ओवरलोडिंग, सेफ ड्राइविंग व सही रूट पर चौकसी

डीटीओ व एमवीआइ के नेतृत्व में चलेगा स्पेशल ड्राइव
मुजफ्फरपुर : मधुबनी बस हादसे ने व्यावसायिक वाहनों (बस-ऑटो) के परिचालन के तौर-तरीके पर कई गंभीर सवाल खड़े कर दिये हैं. अहम सवाल सड़कों पर बेलगाम तरीके से दौड़ रहे वाहन के रूट व सेफ ड्राइविंग को लेकर है. इधर घटना से सबक लेते हुए प्रशासन ने ऐसे वाहनों पर लगाम लगाने के लिए विशेष रणनीति तैयार की है. अब सिर्फ ओवरलोडिंग ही नहीं, वाहनों के गलत रूट, चालक का व्यावसायिक लाइसेंस आदि की भी गहन जांच होगी. तिरहुत प्रमंडल के आरटीए सचिव कुमारी पुनीता श्रीवास्तव ने सभी डीटीओ व एमवीआइ को इसके लिए सख्त निर्देश जारी किया है. अधिकारियों को साफ तौर पर कहा गया है
कि कार्रवाई सिर्फ कागज पर नहीं धरातल पर दिखनी चाहिए. बताया गया है कि जो वाहन निर्धारित रूट के बजाये दूसरे रूट में चल रहे हैं उनकी धड़-पकड़ कर परमिट रद, वाहन जब्त करते हुए जुर्माने की कार्रवाई की जाये. जिले में चल रहे 18 हजार से अधिक यात्री ऑटो पर शिकंजा कंसा जायेगा. जानकारी के मुताबिक करीब पांच हजार ऑटो के पास ही परमिट है. वहीं मुश्किल से दो सौ चालकों के पास ही कॉमर्शियल लाइसेंस है. आरटीए कार्यालय के सख्ती के बावजूद ऑटो मालिक व चालक परमिट का रिनुअल नहीं करवा रहे हैं. हालांकि, इसमें एक पेंच यह भी है प्रमंडलीय आयुक्त स्पष्ट रूप से कह दिया है कि नियम का अनुपालन करने वाले ऑटो को ही परमिट निर्गत किया जायेगा. इसके तहत ऑटो चालकों को कॉमर्शियल लाइसेंस, वरदी, बैच, फिटनेस, रूट-भाड़ा चार्ट आदि को अपडेट रखना है. नियम के अनुपालन को कई बार निर्देश जारी हो चुका है, लेकिन संघ इसमें अड़ंगा डालता रहता है. सख्ती करने पर हड़ताल की धमकी देने लगते हैं और प्रशासन लचीला रुख अपनाना पड़ता है.
व्यावसायिक वाहनों पर नकेल को लेकर बनी रणनीति
13 हजार से अधिक ऑटो बिना परमिट दौड़ रहे
5508 छोटी-बड़ी बसें, 18,286 यात्री ऑटो
बस-ट्रक, ऑटो व अन्य व्यावसायिक वाहनों के रूट परमिट, फिटनेस, ओवरलोडिंग, लाइसेंस की जांच के लिए डीटीओ व एमवीआइ को निर्देश दिया गया है. अधिकारियों को फील्ड में जाकर कार्रवाई करने को कहा गया है.
कुमारी पुनीता श्रीवास्तव, आरटीए, सचिव, तिरहुत प्रमंडल
किसी भी व्यावसायिक वाहनों को परमिट लेना अनिवार्य है. स्थायी परमिट के आवेदन के बाद परमिट निर्गत नहीं होता है तब तक अस्थायी परमिट व कॉन्ट्रैक्ट परमिट पर वाहन चलाये जा सकते हैं.
उदय शंकर प्रसाद सिंह
प्रदेश अध्यक्ष, बिहार मोटर ट्रांसपोर्ट फेडरेशन
बिल बुक, बही खाता समेत कई कागजात किये जब्त

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