पंद्रह वर्षों से ललन शुक्ला के कंपनी में था कार्यरत
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संजय की दिलेरी देख भागने को मजबूर हुए अपराधी
पंद्रह वर्षों से ललन शुक्ला के कंपनी में था कार्यरत मुजफ्फरपुर : आेम ट्रैवेल्स में बतौर कैशियर कार्यरत संजय कुमार मरते दम तक अपने मालिक ललन शुक्ला का वफादार बना रहा. अपराधियों के तीन गोली मारने के बाद भी वह मालिक के साढ़े तीन लाख रुपये से भरे बैग को सीने से लगाये रखा. उसकी […]
मुजफ्फरपुर : आेम ट्रैवेल्स में बतौर कैशियर कार्यरत संजय कुमार मरते दम तक अपने मालिक ललन शुक्ला का वफादार बना रहा. अपराधियों के तीन गोली मारने के बाद भी वह मालिक के साढ़े तीन लाख रुपये से भरे बैग को सीने से लगाये रखा. उसकी दिलेरी के आगे अपराधियों काे पीछे हटना पड़ा. आखिरकर रुपयों से भरा बैग छोड़कर वहां से भागने में ही भलाई समझी.
पारू के जाफरपुर निवासी ओम ट्रैवेल्स का कैशियर संजय विगत पंद्रह वर्षों से ललन शुक्ला के यहां कार्यरत था. बुधवार की सुबह करीब 10.57 बजे अपराधियों ने उससे साढ़े तीन लाख रुपयों से भरे बैग को छीनने का प्रयास किया तो उसने इसका कड़ा विरोध किया.
अपराधियों ने उसे पिस्तौल की नोक पर धमकाते हुए बैग दे देने को कहा, लेकिन उसने साफ तौर पर इनकार कर दिया. उसके इनकार करने पर बौखलाये अपराधियों ने पहले एक गोली उसके सीने में दाग दी.
गोली लगने के बाद भी संजय बैग को अपने सीने में दबाये उसकी सुरक्षा करता रहा. इसके बाद अपराधियों ने उसे दूसरी और तीसरी गोली भी मारी, लेकिन उसका इरादा नहीं बदला. वह अपने सीने से बैग को लगाये जमीन पर गिर गया.
फिरोज भी अपराधियों से भिड़ा :
इसी बीच कंपनी का दूसरा कर्मचारी चालक मो फिरोज वहां पहुंच गया. संजय को गोली लगा देख वह अपराधियों से जूझ गया. धक्का देते हुए संजय को बचाने की कोशिश की. फिरोज का यह साहस अपराधियों से देखा नहीं गया और उस पर भी गोली चली. गोली उसके पैर में लगी और वह जख्मी होकर वहीं जमीन पर गिर गया.
गोलीबारी से सहमे स्थानीय लोग :
गोलीबारी की आवाज सुन स्थानीय लोग घटनास्थल की ओर दौड़े, लेकिन अपराधियों ने गोलीबारी शुरू कर दी थी. अपराधियों की गोलीबारी से डर कर लोग दोनों को सड़क पर ही तड़पता छोड़ अपने-अपने घरों में दुबक गये. अपराधियों ने अंतिम बार संजय के सीने से बैग छीनना चाहा. इस क्रम में बैग का एक हिस्सा भी फटकर उसके हाथ में आ गया, लेकिन घायल संजय व फिरोज के चिल्लाने पर अपराधी का हिम्मत जवाब दे दिया. उन्होंने रुपयों से भरा बैग छोड़ वहां से भागने में ही अपनी भलाई समझी. संजय के वफादारी व हिम्मत का यह पूरा वाकया सीसीटीवी कैमरे में कैद है. फुटेज को देखनेवाले पुलिस अधिकारी ने अचंभित होकर उसके हिम्मत की दाद दी.
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