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इलाज के बदले वैद्यजी वसूल रहे मार्केट का किराया

मुजफ्फरपुर : अनियमितता को लेकर चर्चा में रहने वाले जिला परिषद के वैद्य व मिश्रक को मार्केट का किराया वसूली के काम में लगाया गया है. फिर भी 48.26 लाख रुपये किराया का बकाया रह गया. इस मामले का खुलासा वर्ष 2014-15 की ऑडिट रिपोर्ट से हुआ है. ऑडिट रिपोर्ट सूचना अधिकार के तहत आरटीआइ […]

मुजफ्फरपुर : अनियमितता को लेकर चर्चा में रहने वाले जिला परिषद के वैद्य व मिश्रक को मार्केट का किराया वसूली के काम में लगाया गया है. फिर भी 48.26 लाख रुपये किराया का बकाया रह गया. इस मामले का खुलासा वर्ष 2014-15 की ऑडिट रिपोर्ट से हुआ है. ऑडिट रिपोर्ट सूचना अधिकार के तहत आरटीआइ कार्यकर्ता अमित मंडल ने मांगी थी.

रिपोर्ट में बताया गया है कि योग्यता के अनुरूप वैद्य व मिश्रक को न लगाकर ऐसे कामों में लगाया गया जिन पर 12 माह में 16.91 लाख अलाभकारी व्यय हुआ. महालेखाकार कार्यालय के लेखा परीक्षा दल के अधिकारी राजेश कुमार, नागेंद्र कुमार यादव व रौशन कुमार ने किया. इस टीम में पर्यवेक्षण पदाधिकारी के रूप में विनोद कुमार थे. 27 जुलाई 2015 से 31 जुलाई 2015 तक वर्ष 2014-15 के कार्यों की जांच की गयी. रिपोर्ट में बताया गया है कि जिला परिषद के अधीन 341 दुकानें हैं. इनकी वसूली पंजी को परिषद के पदाधिकारी द्वारा सत्यापित नहीं किया गया था.
इन 341 दुकानों पर 48.26 लाख रुपये किराया बकाया है. पूछे जाने पर कार्यालय प्रधान ने जवाब दिया कि दुकानों का किराया मूल व सूद जोड़कर जल्द ही वसूल लिया जायेगा. रिपोर्ट के अनुसार जिला परिषद ने आम जनता की चिकित्सा को लेकर पांच चिकित्सालय खोला था, जिसमें वैद्य व मिश्रक की नियुक्ति करते हुए दवा व अन्य संबंधित सामग्री भी उपलब्ध करायी गयी. लेकिन ऑडिट रिपोर्ट में यह भी बताया गया कि वर्षों से ही चिकित्सालय बंद है.
जांच टीम ने इतने अधिक योग्यता के अनुरूप काम नहीं लिए जाने पर असंतोष जताया. जब लेखाधिकारियों ने जिला परिषद के प्रधान से इस संबंध में आपत्ति व्यक्त की तो उन्हें बताया गया कि कर्मियों की घोर कमी को देखते हुए जिप की बैठक में प्रस्ताव पारित कर वैद्य व मिश्रकों को मार्केट किराया वसूल करने के लिए लगाया गया. आॅडिट रिपोर्ट में वैद्य दिनेश कुमार सिन्हा का वेतन मार्च 2014 में 69,240 रुपये था, जो समय-समय पर बढ़ते गया और नवंबर 2014 में 77,365 रुपये हो गया. इसी तरह मिश्रक रामउदार शर्मा व मुरारी लाल भारती का वेतन मार्च 2014 में 25,560 रुपये था, जो नवंबर 2014 में 28,540 रुपये हो गया.
जिप में बड़ा खेल, ऑडिट रिपोर्ट से खुलासा
साथ में सहयोग करते हैं जिला परिषद औषधालय के दो मिश्रक
वैद्यजी पाते हैं 77 हजार व मिश्रक को मिलता है साढ़े 28 हजार वेतन
फिर भी बाकी रह गया वसूलने को 48 लाख किराया
16 में से तीन प्रखंडों में ही सर्वे कर रहे विकास मित्र
मुजफ्फरपुर : मुख्यमंत्री के सात निश्चय में से एक ‘हर घर बिजली’ के लिए इन दिनों पूरे जिले में सर्वे कराया जा रहा है. इसमें पंचायत रोजगार सेवक, इंदिरा आवास सहायक व विकास मित्रों को लगाया जाना है, लेकिन गायघाट, पारू व सरैया को छोड़ कर किसी भी प्रखंड में विकास मित्रों ने अभी तक काम शुरू नहीं किया है. गायघाट (7) व पारू (4) में भी इस काम में लगाये गये विकास मित्रों की संख्या काफी कम है. जिलाधिकारी धर्मेंद्र सिंह ने इस पर आपत्ति जताते हुए इसके लिए संबंधित अधिकारी को जिम्मेदार माना है. उन्होंने डीडीसी अरविंद कुमार वर्मा को ऐसे सभी अधिकारियों से 24 घंटे के अंदर स्पष्टीकरण पूछने व उन पर कार्रवाई के लिए प्रस्ताव देने को कहा है.

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