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निगम के काम से 65% वार्ड पार्षद संतुष्ट, 35% असंतुष्ट

मुजफ्फरपुर: नगर सरकार बने चार साल से ज्यादा हो चुके हैं. अगले साल फिर से चुनाव होंगे, जिसकी तैयारी शुरू हो चुकी है. ऐसे में प्रभात खबर ने नगर सरकार में शामिल प्रतिनिधियों से ये जानने की कोशिश की, क्या चार साल से निगम के कामकाज से वो संतुष्ट हैं या फिर असंतुष्ट. इसमें हमने […]

मुजफ्फरपुर: नगर सरकार बने चार साल से ज्यादा हो चुके हैं. अगले साल फिर से चुनाव होंगे, जिसकी तैयारी शुरू हो चुकी है. ऐसे में प्रभात खबर ने नगर सरकार में शामिल प्रतिनिधियों से ये जानने की कोशिश की, क्या चार साल से निगम के कामकाज से वो संतुष्ट हैं या फिर असंतुष्ट. इसमें हमने प्रतिनिधियों से ये भी पूछा कि आप संतुष्ट हैं, तो क्यों और असंतुष्ट हैं, तो उसका क्या कारण हैं.
49 वार्ड पार्षदों से पिछले 48 घंटे में 40 से बात हो पायी. बाकी ने बात नहीं की या फिर वो नहीं मिले. इनमें मेयर समेत 26 वार्ड पार्षदों ने निगम के काम को बेहतर बताया, जबकि डिप्टी मेयर समेत 14 वार्ड पार्षदों ने कहा कि वो काम नहीं हो पाया, जो होना चाहिये थे. इनमें से कई ने कहा कि अब तो वार्ड पार्षद कहलाना भी अच्छा नहीं लगता है. निगम के काम से संतुष्ट वार्ड पार्षदों ने कहा कि चुनाव के समय हमने जनता से जो वादे किये थे, उनमें से ज्यादातर पूरे हो चुके हैं, जो कुछ बाकी हैं, उन्हें आनेवाले महीनों में पूरा कर लिया जायेगा.
बाहरी का कब्जा, होता है भेदभाव. जो वार्ड पार्षद निगम के काम से संतुष्ट नहीं हैं, उनका कहना है कि निगम पर बाहरी का कब्जा है. वहां काम कराने में भेदभाव किया जाता है. चार सालों में निगम ने जनता का जो हक है, उसे नहीं दिया. न सड़कें बनी, न नाला. गली और मुहल्लों में गंदगी का अंबार रहता है. इनमें से कई का कहना था कि अब वे वार्ड पार्षद कहलाना भी पंसद नहीं करते हैं. क्योंकि निगम ने टैक्स वसूलने के अलावे उनके वाडरें में कोई काम नहीं किया. जिससे उनके वार्ड की जनता में संतुष्टि हो. निगम के अधिकारियों की कार्यशैली से जनता परेशान हैं.
बेहतर रहा अब तक का कार्यकाल
चार साल का कार्यकाल बेहतर रहा है. दो बोर्ड में जो कार्य नहीं हुए थे. उसे इस बोर्ड में पूरा किया गया है. पहले शहर में कूड़ा उठाव के लिए 23 ट्रैक्टर चल रहे थे. अभी 80 हैं. भाड़े के छह ट्रैक्टर से कूड़ा उठाव भी होता है. वार्ड में 12 सफाईकर्मी बढ़ाये गये. सभी कर्मचारियों का वेतन हर माह मिल रहा है. बोर्ड में निगम ने 80 प्रतिशत कार्य किये हैं. 20 प्रतिशत कार्य अभी नहीं हो पाया है.
वर्षा सिंह, वार्ड-22 की पार्षद सह मेयर नगर निगम
जो होना चाहिये था, नहीं हो सका वो काम
चार सालों में जो काम नगर निगम को करना चाहिए था वह नहीं हो पाया है. काम नहीं होने का कारण नगर आयुक्त हैं. चार सालों में नौ नगर आयुक्त आये, लेकिन हिमांशु शर्मा ने जो 11 महीनों में कार्य कराया है. चार सालों में बोर्ड की बैठक सही से नहीं हो पाया. अब भी पुरानी कई योजनाओं की फाइल दबी हुई है. जनता जो टैक्स दे रही है, उसे अनुसार उन्हें सुविधा नहीं मिल पा रहा है.
सैय्यद माजिद हुसैन, वार्ड 43 के पार्षद सह उप महापौर

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