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कम राहत पर पहले ग्रामीणों ने बनाया बंधक, गंडक की लहरों में घंटों फंसे रहे दस कर्मचारी

पारू (मुजफ्फरपुर) : प्रखंड के चक्की सुहागपुर गांव में राहत सामग्री बांटने गये तीन अधिकारी समेत 10 प्रखंड कर्मी सोमवार को गंडक नदी में फंस गये. मोटर बोट खराब हो जाने के कारण नदी के बीच धार में फंसे रहे. वहां नदी की गहराई अधिक थी. घंटों फंसे रहने के बाद इन लोगों को करीब […]

पारू (मुजफ्फरपुर) : प्रखंड के चक्की सुहागपुर गांव में राहत सामग्री बांटने गये तीन अधिकारी समेत 10 प्रखंड कर्मी सोमवार को गंडक नदी में फंस गये. मोटर बोट खराब हो जाने के कारण नदी के बीच धार में फंसे रहे. वहां नदी की गहराई अधिक थी. घंटों फंसे रहने के बाद इन लोगों को करीब 9.45 बजे रात में सुरक्षित बाहर निकाला गया, तब जाकर लोगों ने राहत की सांस ली. इससे पहले इन अधिकारियों को ग्रामीणों ने कम राहत लाने पर बंधक बना लिया था और तीन घंटे की मशक्कत के बाद शाम छह बजे छोड़ा था.
नदी में फंसे अधिकारियों में प्रखंड कल्याण पदाधिकारी अनिल कुमार, पशुपालन पदाधिकारी हेमंत कुमार राय, अंचल के सीआइ ओम प्रकाश देव, राजस्व कर्मचारी संतोष कुमार ,रामचंद्र ठाकुर, अरुण श्रीवास्तव , एएसआइ पंकज चौधरी, सचिव कैलाश राय व तीन सैप जवान शामिल हैं.

सभी लोग फतेहाबाद घाट से नाव से राहत सामग्री लेकर चक्कीसुहागपुर के लिए निकले थे. नाव को रवाना किये जाने तक एनडीआरएफ की टीम मौके पर नहीं पहुंची. गंडक में फंसे लोगों से फोन पर लोकेशन लेकर बीडीओ रत्नेश कुमार व सीओ योगेंद्र कुमार ने दो नाव को करीब नौ बजे रात्रि में मौके पर रवाना किया. नाव के साथ नाविक व गोताखोर भी थे. नाविक व गोताखोर करीब 9.45 बजे सभी को सुरक्षित लेकर फतेहाबाद घाट पर पहुंचे. यहां से बीडीओ व सीओ सभी अधिकारियों व कर्मियों को लेकर प्रखंड कार्यालय चले आये. राहत वितरण दल ने सभी राहत सामग्री स्थानीय चौकीदार के हवाले कर दिया.

जानकारी हो कि जिला आपदा प्रबंधन पदाधिकारी सुशांत कुमार के निर्देश पर इतनी अधिक संख्या में अधिकारी व कर्मी सोमवार की सुबह दस बजे ही राहत सामग्री लेकर चक्कीसोहागपुर गांव के लिए मोटर बोट से रवाना हुए थे. जरूरत से कम राहत सामग्री होने के कारण इन लोगों को बंधक बना लिया था. तीन घंटे तक वहीं बंधक बने रहे. लग्रामीणों का कहना था कि यहां 2500 पैकेट राहत सामग्री की जरूरत है, 500 पैकेट लेकर क्या होगा? कुछ लोग खायेंगे. बाकी लोग मुंह ताकेंगे. जब तक पूरी सामग्री नहीं आती तब तक यही रहिए. बीडीओ व सीओ ने स्थानीय बाढ़ पीड़ति लोगों से आरजू मिन्नत की. कहा, मंगलवार को मांग के अनुसार राहत सामग्री भेजी जायेगी. बीडीओ व सीओ की बात मानकर राहत वितरण दल को लोगों ने शाम छह बजे मुक्त किया. इसके बाद मोटर वोट खराब हो जाने के कारण लोग गंडक नदी में ही फंस गये.
फतेहाबाद घाट से चक्की सोहागपुर गांव की दूरी नाव से करीब सात किलोमीटर है. चक्कीसोहागपुर के करीब 2500 लोग बाढ़ में फंसे हैं. इनको जीवन के संसाधन कम पड़ रहे हैं. इससे लोगों में भारी आक्रोश है. देर रात तक बीडीओ व सीओ फतेहाबाद में ही रहे.
बीडीओ-सीओ पर है बचाने की जिम्मेवारी?
जिला आपदा प्रबंधन पदाधिकारी सुशांत कुमार ने चौंकाने वाला बयान दिया है. जब रिपोर्टर ने उनसे कहा, आप वरीय अधिकारी हैं. आपको इस परिस्थिति में आगे आना चाहिए तो उन्होंने कहा, गंडक नदी में फंसे अधिकारी व कर्मियों को बाहर निकालने की जवाबदेही बीडीओ व सीओ की है. वे मौके हैं ही. हमारी वहां क्या जरूरत है? वहीं, गंडक नदी में फंसे सीआइ ओम प्रकाश देव ने बताया कि यहां फंसे लोग काफी परेशान व भयभीत थे. बारिश से लोग भींगते रहे. हवा भी बहुत तेज चल रही थी. कोई भी लोग सुरक्षित नहीं थे. वरीय अधिकारियों को इसकी जानकारी दे दी गई थी. भगवान का शुक्र है कि बच गये.

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