मुजफ्फरपुर : हरियाणा के करनाल में इंजीनियरिंग छात्र नीलमणि की हत्या के मामले में अब उसके पिता अजय कुमार सिंह को न्याय मिलने की उम्मीद जगी है. मुजफ्फरपुर के सांसद अजय निषाद ने इस मामले में सीबीआइ जांच के लिए अनुशंसा की है. प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर उन्होंने इस मामले में सीबीआइ जांच के लिए आवश्यक कार्रवाई करने का निर्देश देने का आग्रह किया है. नीलमणि की मां अन्नपूर्णा देवी अपने पुत्र की हत्या की सीबीआइ जांच की मांग हरियाणा सरकार से की थी, लेकिन हरियाणा सरकार ने इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं की. इसके बाद अजय कुमार सिंह ने राष्ट्रपति व गृह मंत्रालय को भी पत्र लिखा था.
चार वर्ष पूर्व हुई थी नीलमणि की हत्या : घिरनी पाेखर निवासी हार्डवेयर व्यवसायी अजय कुमार सिंह के पुत्र नीलमणि की हत्या 15 जुलाई 2012 को हुई थी. अजय के अनुसार नीलमणि पढ़ने में काफी तेज था. उस पर कॉलेज की एक परीक्षा में दूसरे छात्र की कॉपी लिखने का दबाव दिया जा रहा था. इनकार करने पर उसकी हत्या कर शव नदी में फेंक दिया गया था. इस मामले में मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी के आदेश पर नगर थाने में 13 दिसंबर 2012 को प्राथमिकी दर्ज की गयी थी.
कॉलेज के मैकेनिकल छात्र रितेश कुमार, हरियाणा इंजीनियरिंग कॉलेज के चेयरमैन इंद्रजीत बजाज, डायरेक्टर प्रतीमा सिंह, प्राचार्य कुलदीप सिंह व छात्रावास के वार्डेन जसविंदर सिंह को नामजद व दस अज्ञात को आरोपी बनाया गया था. लेकिन नगर थाना व करनाल में नीलमणि की हत्या की प्राथमिकी दर्ज होने के बावजूद इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं हुई. इसके बाद उसके पिता अजय कुमार सिंह व मां अन्नपूर्णा देवी राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और हरियाणा सरकार को पत्र लिखकर इस मामले में न्याय की मांग की थी. स्थानीय राज्यसभा सांसद अनिल सहनी ने सदन में भी सवाल किया था, लेकिन उस पर कोई कार्रवाई नहीं हुई.
सीबीआइ जांच की मांग
पुत्र की हत्या के बाद अजय कुमार सिंह व अन्नपूर्णा देवी ने केंद्रीय गृह मंत्रालय में गुहार लगाकर सीबीआइ जांच की मांग की थी. गृह विभाग के अधिकारी कमलेश रल्हान ने 30 जून 2014 को हरियाणा के गृह सचिव को पत्र लिखकर सीबीआइ जांच के लिए स्थानीय सरकार का अनुमोदन मांगा था. लेकिन इस मामले मेें ऊंची रसूख के लोगों के विरुद्ध आरोप हाेने के कारण हरियाणा सरकार ने कोई कार्रवाई नहीं की.
राष्ट्रपति से मांगी थी इच्छामृत्यु
हरियाणा सरकार ने जब अजय कुमार सिंह के आवेदन पर कोई कार्रवाई नहीं की तो उन्होंने पांच अगस्त 2015 को राष्ट्रपति को पत्र लिखकर सपरिवार इच्छामृत्यु की इजाजत मांगी थी. अजय कुमार सिंह के पत्र पर राष्ट्रपति सचिवालय ने हरियाणा के मुख्य सचिव को पत्र भेजकर इस मामले में उचित कार्रवाई करने व कृत कार्रवाई से सचिवालय सहित अर्जीकर्ता अजय कुमार सिंह को भी अवगत कराने का निर्देश दिया था. लेकिन सरकार ने इस मामले में कोई संज्ञान नहीं लिया था. इसके बाद नीलमणि के पिता अजय कुमार सिंह और मां अन्नपूर्णा देवी ने प्रधानमंत्री से लेकर राज्य के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सहित उच्च व सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीशों को पत्र लिखकर न्याय की गुहार लगायी थी.