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सीआरपीएफ ने तार जोड़ने से रोका, अंधेरे में दो लाख लोग

मुजफ्फरपुर/हथौड़ी: सिस्टम को दुरुस्त कर निर्बाध बिजली आपूर्ति करना राज्य सरकार के सात निश्चय में शामिल है. लेकिन, कई बार बिजली कंपनी एस्सेल के साथ विवाद का खामियाजा आम लोगों को भुगतना पड़ता है. ऐसा ही हुआ है मीनापुर फीडर से जुड़े लोगों के साथ. एसकेएमसीएच पावर सब स्टेशन के 11 हजार केवीए मीनापुर फीडर […]

मुजफ्फरपुर/हथौड़ी: सिस्टम को दुरुस्त कर निर्बाध बिजली आपूर्ति करना राज्य सरकार के सात निश्चय में शामिल है. लेकिन, कई बार बिजली कंपनी एस्सेल के साथ विवाद का खामियाजा आम लोगों को भुगतना पड़ता है. ऐसा ही हुआ है मीनापुर फीडर से जुड़े लोगों के साथ. एसकेएमसीएच पावर सब स्टेशन के 11 हजार केवीए मीनापुर फीडर पिछले 48 घंटे से बंद है.

इससे करीब दो लाख की आबादी को बिजली नहीं मिल रही है. मीनापुर के कुछ हिस्सों के अलावा हथौड़ी, नेऊरा, रामपुर हरि व कफेन के साथ आसपास के दर्जनों गांव के लोगों के लिए मोबाइल चार्ज करना भी मुश्किल हो गया है. विवाद के कारण अब तक बिजली चालू नहीं हो सकी है. एस्सेल के अधिकारियों ने पूरे प्रकरण से जिला प्रशासन को अवगत करा दिया है. हालांकि, बुधवार की देर रात तक कोई निष्कर्ष नहीं निकल सका था. इधर, प्रभावित इलाके के लोगों ने एस्सेल को अल्टीमेटम दे दिया है कि गुरुवार को अगर लाइन चालू नहीं होती है, तो मुख्य सड़क जाम कर जगह-जगह आंदोलन शुरू किया जायेगा.

क्या है विवाद
एसकेएमसीएच पावर सब स्टेशन से मीनापुर फीडर के लिए जो लाइन निकली है, उसकी सप्लाई सीआरपीएफ कैंप के फायरिंग रेंज के समीप से है. सीआरपीएफ के अधिकारियों का कहना है कि बार-बार तार टूटने से ट्रेनिंग ले रहे जवानों पर खतरा है. इसलिए लाइन को कैंप से बाहर शिफ्ट करें. जबकि, एस्सेल अधिकारियों का कहना है कि इसके लिए एक माह का समय लगेगा. सीआरपीएफ वाले दो दिनों में ही पूरा करने को कह रहे हैं. एस्सेल ने सीआरपीएफ के अधिकारियों से बात करने की कोशिश की, लेकिन मामला नहीं सुलझा. इस कारण कैंप के भीतर टूटे हाइटेंशन तार को भी सीआरपीएफ के जवान जोड़ने नहीं दे रहे हैं.

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