मुजफ्फरपुर: इन दिनों शहर में त्वचा रोग का प्रकोप बढ़ गया है. ऐसे तो त्वचा रोग से जुड़ी कई बीमारियां हैं, लेकिन खुजली व बदन में लाल चकते से सबसे अधिक लोग ग्रसित हुए हैं. आलम यह है कि सरकारी अस्पताल हो या निजी क्लिनिक मरीजों की भीड़ उमड़ रही है. हर उम्र के लोग इलाज के लिए पहुंच रहे हैं. सदर अस्पताल व लेप्रोसी मिशन में रेाज 150 से अधिक मरीजों का इलाज किया जा रहा है. वहीं निजी क्लिनिक में कई विशेषज्ञ मरीजों को तीन दिन बाद का नंबर दे रहे हैं.
शुरू में खुजली की समस्या को साधारण मान कर छोड़ देने से मर्ज बढ़ रहा है. ऐसे मरीजों को ठीक होने में एक से छह महीने का समय लगता है. दवा यदि बीच में छोड़ दिया जाए तो यह रोग फिर उभर जाता है. बरसात शुरू होते ही खुजली, एलर्जी व दाद कॉमन बीमारी हो गयी है. खुजली व दाद संक्रामक रोग है, इस कारण यह रोग एक से दूसरे व्यक्ति में आसानी से फैलता है, इसके कीटाणु इतने सूक्ष्म होते हैं कि संक्रमित व्यक्ति के कपड़े से भी किसी दूसरे व्यक्ति का कपड़ा सट जाये तो जीवाणु कपड़े में प्रवेश कर जाते हैं. इस कारण यह रोग तेजी से फैल रहा है.
एक मरीज जब तक ठीक होता है, तब तक एक दर्जन से अधिक लोगों में बीमारी फैला चुका होता है. घर में किसी एक व्यक्ति को यह बीमारी हुई तो परिवार के सभी लोग इससे ग्रसित हो जाते हैं.
शरीर पर दाने निकल गये तो सतर्क हो जाएं, यह त्वचा रोग का लक्षण है. डॉक्टर कहते हैं कि दाने
में शुरुआत में खुजलाहट नहीं हो तब भी डॉक्टर से परामर्श लेना जरूरी है. बीमारी बढ़ने के बाद इलाज की अवधि बढ़ जाती है.
इससे दवा में खर्च भी बढ़ जाता है. त्वचा रोग की दवा महंगी होने के कारण मरीजों को इलाज में अधिक खर्च करना पड़ता है.
अक्सर गीले कपड़े पहनने व अंडर गार्मेंट्स रोज नहीं बदलने से यह समस्या आती है.
– डॉ आर एन शर्मा, चर्म रोग विशेषज्ञ, सदर अस्पताल
संक्रामक रोग होने के कारण यह बीमारी तेजी से फैल रही है. लोगों को लक्षण दिखते ही बीमारी का इलाज कराना चाहिए.
– डॉ यूके हेंब्रम, प्रबंधक, द लेप्रोसी मिशन