मुजफ्फरपुर : डकैती की कहानी गढ़नेवाले रामप्रवेश सिंह का विवादों से पुराना रिश्ता रहा है. जीविका समूह की महिला से मारपीट का मामला उन पर दर्ज है. एक मार्च को गुलाब जीविका ग्राम संगठन के कोषाध्यक्ष निर्मला देवी के साथ मारपीट, अपशब्द कहने, जान से मारने व दुर्व्यवहार मामला रामप्रवेश पर मीनापुर थाने में दर्ज […]
मुजफ्फरपुर : डकैती की कहानी गढ़नेवाले रामप्रवेश सिंह का विवादों से पुराना रिश्ता रहा है. जीविका समूह की महिला से मारपीट का मामला उन पर दर्ज है. एक मार्च को गुलाब जीविका ग्राम संगठन के कोषाध्यक्ष निर्मला देवी के साथ मारपीट, अपशब्द कहने, जान से मारने व दुर्व्यवहार मामला रामप्रवेश पर मीनापुर थाने में दर्ज है.
उस मामले में बांध के ठेकेदार विजय सिंह पर भी एफआइआर है. जीविका की महिलाओं के लगातार दबाव के बावजूद पुलिस ने उस पर हाथ नहीं डाला. इसके बाद जीविका समूह की महिलाओं ने दस मार्च को मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी की अदालत में भी मामला दर्ज कराया. कार्रवाई न होने पर एसएसपी, महिला आयोग व सीएम को भी ज्ञापन सौंपा गया है.
पुलिस ने भी बताया निर्दोष
गांगी छपरा के रहनेवाले रामप्रवेश ने दर्ज करायी थी शिकायत
अपने घर में लाखों की डकैती होने का किया था दावा
लेखापाल समेत कई और लोगों पर लगाया था आरोप
पुलिस ने पूछताछ के लिए लेखापाल को था पकड़ा
रातभर थाने में रखा गया लेखापाल, सुबह बढ़ा मामला
सैकड़ों की संख्या में जीविका की दीदियां पहुंची थाने
थाने पर जमकर हुआ हंगामा, पुलिस ने भी मानी बात
मामला बढ़ता देख आरोप लगानेवाले ने ऑफ किया फोन
आवेदन मिलने पर करेंगे कार्रवाई
पुलिस रामप्रवेश सिंह के डकैती के आरोप को झूठ मान रही है, लेकिन उसके खिलाफ कार्रवाई नहीं करेगी. पुलिस अधिकारियों का कहना है कि जब इस संबंध में आवेदन मिलेगा, तभी रामप्रवेश के खिलाफ कार्रवाई की जायेगी. पुलिस के इस रुख को लेकर सवाल भी उठ रहे हैं, आखिर जब कोई डकैती जैसे संगीन अपराध की झूठी सूचना देकर निर्दोष लोगों को फंसाता है और पुलिस के अधिकारियों को परेशान करता है, तो क्या पुलिस को खुद उसके खिलाफ कार्रवाई नहीं करनी चाहिए?