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सिटी स्कैन भवन की जमीन पर किया दावा

एसकेएमसीएच में मापी शुरू. एक जमीन के दो दावेदार आये सामने मुजफ्फरपुर : हाइकोर्ट के आदेश पर शनिवार को एसकेएमसीएच की जमीन की मापी शुरू हुई. जैसे ही जमीन की मापी अधिकारियों की मौजूदगी में अंचल अमीन ने शुरू की, इसके दो दावेदार सामने आये. एक दावेदार ने अपनी रजिस्ट्री का कागज दिखाया, तो दूसरे […]

एसकेएमसीएच में मापी शुरू. एक जमीन के दो दावेदार आये सामने

मुजफ्फरपुर : हाइकोर्ट के आदेश पर शनिवार को एसकेएमसीएच की जमीन की मापी शुरू हुई. जैसे ही जमीन की मापी अधिकारियों की मौजूदगी में अंचल अमीन ने शुरू की, इसके दो दावेदार सामने आये. एक दावेदार ने अपनी रजिस्ट्री का कागज दिखाया, तो दूसरे दावेदार ने कहा, हम अगली मापी के दिन जमीन से जुड़े सभी कागजात दिखायेंगे. जमीन पर दावा करनेवाले दोनों दावेदारों का पक्का मकान इसी कैंपस में है.
अपनी जमीन का पहचान स्पष्ट नहीं होने के कारण असमंजस में फंसे एसकेएमसीएच प्रबंधन के सामने बड़ा संकट शनिवार को सामने आया. जिस जमीन पर दावेदार अपना दावा कर रहे हैं, फिलहाल उस जमीन पर एसकेएमसीएच का सिटी स्कैन भवन है. इसमें रोगियों का डिजिटल एक्सरे होता है. कोर्ट के आदेश के बाद डीएम धर्मेंद्र सिंह ने शनिवार को एसकेएमसीएच की भूमि की मापी को लेकर डीसीएलआर पूर्वी शाहजहां, मुशहरी सीओ नवीन भूषण व अंचल अमीन की तैनाती की थी.
प्रबंधन को पता नहीं कहां है उनकी जमीन . मापी पश्चिम में स्थित मसजिद के पास से शुरू हुई. जहां पर स्थानीय लोगों ने पक्का मकान बनाया है. कॉलेज परिसर में अतिक्रमण का माला लंबे समय से हाइकोर्ट में चल रहा है. इसके लिए गुड्डू बाबा ने याचिका दायर की थी. वहीं प्राचार्य डॉ विकास कुमार ने बताया कि उन्हें कॉलेज की भूमि कहां है, इसके बारे में उन्हें कोई जानकारी नहीं है. डीएम का निर्देश है कि भूमि की मापी कर चिह्नित किया जाये,
ताकि वे अपनी भूमि को अतिक्रमण होने से सुरक्षित कर सके.
स्थानीय लोगों को मापी के दौरान उपकरण से रखा दूर . एसकेएमसीएच की जमीन मापी के दौरान प्रशासन अलर्ट था. इसकी मापी के दौरान प्रशासन ने स्थानीय लोगों को जमीन मापी उपकरण से दूर रखा. गड़बड़ी की आशंका को देखते हुए प्रशासन ने ऐसा निर्णय लिया था. जमीन की मापी अंचल अमीन कर रहे थे. सीओ, डीसीएलआर पूर्वी, अहियापुर थाना, एसकेएमसीएच प्राचार्य जमीन मापने के दौरान सतर्क थे. जमीन मापने के दौरान सीओ व अमीन के निर्देश पर अंचल कर्मी जमीन मापने का उपकरण का प्रयोग कर रहे थे.
दावेदार ने कहा, हमारी रजिस्ट्री पहले, बाद में एसकेएमसीएच. एसकेएमसीएच की जमीन वर्ष 1971 में रजिस्ट्री हुई थी. मो कादिर से जमीन की रजिस्ट्री कॉलेज ने अपने नाम से करायी थी. जमीन की मापी के दौरान शनिवार को जो दावेदार सामने आये, उनका दावा है कि सिटी स्कैन भवन की जमीन उनकी है. और वर्ष 1969 में उन्होंने भी मो कादिर से इसकी रजिस्ट्री करायी थी. दावेदार रामू साह व अन्य के पूर्वज नाम से कागज में 174 डिसमिल जमीन रजिस्ट्री है. मामला काफी दिलचस्प हो गया है.
आखिर एक ही जमीन के दो दावेदार कैसे हुए. मो कादिर में एक जमीन दो जगह कैसे रजिस्ट्री की. यह बड़ा सवाल है. सिटी स्कैन भवन वाली जमीन पर आखिर किसकी जीत होती है, यह समय बतायेगा.
अिहयापुर पुलिस की मौजूदगी में हुई मापी
दावेदारों ने बढ़ायी एसकेएमसीएच प्रबंधन की मुश्किल
जमीन के दावेदारों का मकान भी है
मेडिकल कैंपस में
तीन घंटे तक हुई बैठक, तीन बजे से की मापी
जमीन के दावेदार ने मापी के समय परिसर में 174 डिसमिल जमीन पर दावा करते हुए उसका कागज को डीसीएलआर पूर्वी को दिखाया. उन्होंने कागज देखने के बाद कुछ नहीं कहा. मापी में एसकेएमसीएच के प्राचार्य डॉ विकास कुमार मौजूद थे. परिसर में बने पक्के भवन को भी देख उससे कागज मांगा. डीएम के निर्देश पर शुक्रवार की सुबह में ही डीसीएलआर पूर्वी, मुशहरी सीओ मुशहरी व अंचल अमीन आ गये थे. उसके साथ ही अहियापुर थाना पुलिस भी किसी अनहोनी को लेकर परिसर में आ पहुंची थी. उसके बाद तीन घंटा तक प्राचार्य कार्यालय में बातचीत हुई. उसके बाद करीब तीन बजे से मापी शुरू हुई.
आगे कई और दावेदार आयेंगे सामने. एसकेएमसीएच की जमीन पर कई और दावेदार सामने आयेंगे. स्थानीय लोगों का कहना है कि कई लोग हैं, जिनकी जमीन एसकेएमसीएच कैंपस में पहले से रजिस्ट्री हो चुकी है. वहीं, कॉलेज के भूमि दाता के पट्टीदार में भी बंटवारे का विवाद है. यह विवाद हाइकोर्ट में विचाराधीन है.

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