डीएम की मंजूरी के बाद इसका प्राक्कलन तैयार कर एनएचएआइ को अगले सप्ताह तक भेज दिया जायेगा. प्रस्तावित बाइपास की कुल लंबाई करीब 17.5 किमी है. एनएचएआइ ने फोरलेन व बाइपास निर्माण के लिए जितनी जमीन ली थी, मापी के दौरान उसमें से कुछ हिस्सा छूट गया था. इस बात को लेकर भू-धारी लगातार आपत्ति जता रहे थे, जिससे बाइपास का निर्माण बाधित था.
फिलहाल कमेटी ने जो रिपोर्ट सौंपी है, उसके अनुसार, पूर्वी अनुमंडल के मादापुर चौबे में 1.289 हेक्टेयर, मधुबनी में 0.334 हेक्टेयर, पताही में 0.490 हेक्टेयर, डुमरी में 0.383 हेक्टेयर, बारमतपुर में 0.091 हेक्टेयर व खबड़ा में 0.031 हेक्टेयर छूट रकबा पाया गया है. इसी तरह पश्चिमी अनुमंडल के चिकनौटा उर्फ हरपुर लाहौरी में 0.169 हेक्टेयर, रायपुरा में 0.125 हेक्टेयर, रुपौली में 0.032 हेक्टेयर, लस्करीपुर में 0.054 हेक्टेयर, सदातपुर में 0.198 हेक्टेयर, मधुबन जगदीशपुर उर्फ बझेला में 0.920 हेक्टेयर व सकरी सरैया में 0.019 हेक्टेयर छूट रकबा मिला. गौरतलब है कि प्रमंडल आयुक्त ने बीते एक जुलाई को समीक्षा बैठक के दौरान हर हाल में इस माह के अंत में होने वाली समीक्षा बैठक से पूर्व भुगतान की प्रक्रिया शुरू करने का निर्देश जिला भू-अर्जन पदाधिकारी को दिया था.