मुजफ्फरपुर: ग्रामीण विकास विभाग ने मनरेगा भुगतान में समय की कमी के लिए प्रक्रिया में भारी फेरबदल किया है. इसके तहत अब मजदूरी का भुगतान बिना पंचायत कार्यकारिणी समिति के अनुमोदन के बिना भी हो सकेगा. मजदूरों को उनके कार्य के अनुसार भुगतान होने के बाद इसकी विवरणी ग्राम पंचायत कार्यकारिणी में पेश की जायेगी.
पहले की प्रक्रिया इसके ठीक उलट थी. इसके तहत मनरेगा के अंतर्गत किये जाने वाले व्यय प्रत्येक सप्ताह ग्राम पंचायत कार्यकारिणी समिति से अनुमोदन के बाद ही करने का प्रावधान था. इससे मजदूरों के भुगतान में देरी होती थी. सुप्रीम कोर्ट ने स्वराज्य अभियान बनाम भारत संघ एवं अन्य के मामले में बीते साल एक फैसला सुनाया था, जिसमें मनरेगा के तहत मजदूरी भुगतान में देरी पर सरकार को क्षतिपूर्ति देनी होगी.
इससे सरकार का मानना है कि ग्राम पंचायत कार्यकारिणी समिति के अनुमोदन की अनिवार्यता के कारण भुगतान में देरी होती है, जिससे सरकार को अतिरिक्त राशि का भुगतान करना पड़ सकता है.