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गिरफ्तारी वारंट पर 15 महीनों से कुंडली मारे बैठे हैं आइओ

मुजफ्फरपुर: पूर्व एसएसपी रंजीत कुमार मिश्र ने इंदिरा आवास में गड़बड़ी को लेकर जाताडीह पंचायत के मुखिया भारती देवी, पंचायत सचिव राज किशोर सिंह, शैल देवी व संजीत कुमार पर गिरफ्तारी वारंट व कुर्की करने का निर्देश जारी किया था. लेकिन केस के आइओ इस निर्देश पर कुंडली मार बैठे हैं. जबकि एसएसपी के निर्देश […]

मुजफ्फरपुर: पूर्व एसएसपी रंजीत कुमार मिश्र ने इंदिरा आवास में गड़बड़ी को लेकर जाताडीह पंचायत के मुखिया भारती देवी, पंचायत सचिव राज किशोर सिंह, शैल देवी व संजीत कुमार पर गिरफ्तारी वारंट व कुर्की करने का निर्देश जारी किया था. लेकिन केस के आइओ इस निर्देश पर कुंडली मार बैठे हैं.
जबकि एसएसपी के निर्देश को 15 माह होने को हैं. आइओ ने मुखिया समेत चार आरोपितों की अबतक गिरफ्तारी नहीं की है. केस के आइओ दारोगा श्रीराम सिंह का कहना है कि उनके पास कोई गिरफ्तारी वारंट नहीं आया है. इधर मुखिया भारती देवी का कहना है कि उन पर जिस इंदिरा आवास में गड़बड़ी को लेकर प्राथमिकी दर्ज की गयी है, वह गलत है. उन्होंने कहा कि वह मई 2011 में मुखिया बनी हैं. जबकि इंदिरा आवास में गड़बड़ी फरवरी में हुई है. इससे संबंधित सभी कागजात वह केस के आइओ को मुहैया करा चुकी है.
डीएसपी पूर्वी ने जांच में मामले को सत्य पाया
इंदिरा आवास में गड़बड़ी मामले की जांच का जिम्मा पूर्व डीएसपी पूर्वी अरविंद कुमार गुप्ता को सौंपा गया. डीएसपी पूर्वी ने मामले की जांच शुरू की तो पाया कि शैल देवी पति गोनौर मल्लिक (अनुसूचित जान जाति) को भुगतान नहीं करके सामान्य वर्ग की शैली देवी को भुगतान कर दिया गया है. डीएसपी ने अपनी जांच रिपोर्ट एसएसपी रंजीत कुमार मिश्र को सौंप दी. रिपोर्ट में उन्होंने लिखा कि राशि का भुगतान उत्तर बिहार ग्रामीण बैंक से 6 अगस्त 2011 को किया गया है.

राशि की निकासी शैल देवी के पुत्र संजीत कुमार ने की है. उन्होंने रिपोर्ट में यह भी लिखा है कि चूंकि भारती देवी पंचायत की मुखिया हैं. उनके द्बारा पंचायत के सभी वोटरों की पहचान की जाती है. जांच के दौरान भी निश्चत रूप से पहचान की गयी है. इसके उपरांत पंचायत सचिव द्वारा इसकी पुष्टि करते हुए अनुशंसा की गयी है. पंचायत सचिव की अनुशंसा के आलोक में ही बीडीओ द्बारा हस्ताक्षर किया जाता है. इसके बावजूद शैल देवी के नाम की राशि दूसरी शैल देवी द्बारा उठाव करा दिया गया. यह सभी की मिलीभगत से किया गया है.

गबन की बात सामने आने पर राशि वापस जमा करा दी
डीएसपी ने जब मामले की जांच शुरू की तो अपने आप को फंसते देख सभी आरोपी ने इंदिरा आवास की राशि वापस सरकारी खाता में जमा करा दी. राशि जमा कराने के बाद यह स्पष्ट हो गया कि जिनको आरोपी बनाया गया था, उसने राशि का गबन करने के लिए सामान्य वर्ग की शैल देवी के नाम पर उठाव किया. एसएसपी रंजीत कुमार मिश्र ने डीएसपी की रिपोर्ट को सत्य पाते हुए मुखिया समेत चार लोगों को गिरफ्तारी का निर्देश जारी किया था.
इंदिरा आवास की रािश किसी और को दे दी
जाताडीह पंचायत में शैल देवी पति गोनौर मल्लिक (अनुसूचित जनजाति) को इंदिरा आवास की राशि 30 हजार का भुगतान होना था. लेकिन यह राशि सभी की मिलीभगत से शैल देवी पति विद्या सागर ठाकुर (सामान्य वर्ग) को कर दी गयी. राशि का उठाव शैल देवी के पुत्र संजीत कुमार ने कर ली. इसके बाद शैल देवी ने इसकी शिकायत बीडीओ कमलेश कुमार पंकज से की. बीडीओ ने जब इसकी जांच की तो यह मामला सत्य पाया गया. इसके बाद शैल देवी ने बेनीवाद ओपी में मुखिया समेत चार लोगों पर 27 अगस्त 2011 को प्राथमिकी दर्ज करा दी.

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