तब से अब तक लगातार सीबीआइ छानबीन कर रही है, लेकिन कोई नतीजा सामने नहीं आ सका है. स्थिति यह है कि जांच की प्रगति पर कई बार कोर्ट में फटकार भी लग चुकी है. टीम ने कुछ चिह्नित लोगों का नार्को टेस्ट कराने की अनुमति मांगते हुए कोर्ट में आवेदन किया, जिसमें सफलता नहीं मिली है.
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28 महीने, 67 लोगों से पूछताछ, नतीजा शून्य
मुजफ्फरपुर : 28 महीने से अधिक का समय. 67 लोगों से अलग-अलग जगह व समय पर पूछताछ. निशाने पर आए दर्जनभर से अधिक लोगों का पॉलीग्रॉफी टेस्ट. बहुचर्चित नवरुणा अपहरण मामले की जांच कर रही सीबीआइ का यह रिपोर्ट कार्ड है, लेकिन रिजल्ट के नाम पर झोली में कुछ नहीं है. पिछले कुछ महीने से […]
मुजफ्फरपुर : 28 महीने से अधिक का समय. 67 लोगों से अलग-अलग जगह व समय पर पूछताछ. निशाने पर आए दर्जनभर से अधिक लोगों का पॉलीग्रॉफी टेस्ट. बहुचर्चित नवरुणा अपहरण मामले की जांच कर रही सीबीआइ का यह रिपोर्ट कार्ड है, लेकिन रिजल्ट के नाम पर झोली में कुछ नहीं है. पिछले कुछ महीने से कोर्ट की फटकार के बाद भी जांच की रफ्तार पटरी पर नहीं दिख रही है. अब कुछ चिह्नित लोगों का नारको टेस्ट कराने के लिए सीबीआइ परेशान है, लेकिन इसमें सफलता हाथ नहीं लग रही है.
18 सितंबर 2012 को नवरूणा का अपहरण हुआ था. स्थानीय पुलिस की प्रारंभिक जांच के बाद कोई नतीजा नहीं निकलते देख सुप्रीम कोर्ट ने नवरूणा के अतुल्य चक्रवर्ती के आवेदन पर 25 नवंबर 2013 को सीबीआइ जांच का आदेश दिया और 14 फरवरी, 14 को सीबीआइ ने केस दर्ज छानबीन शुरू कर दी.
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