मुजफ्फरपुर. जिला प्रशासन ने बाढ़ आने से पूर्व उसकी तैयारियों में जुट गयी है. एनडीआरएफ की टीम भी यहां पहुंच चुकी है. अब प्रशासन प्रत्येक अंचल से पांच-पांच स्वयंसेवकों को चुना जायेगा, जिसे एनडीआरएफ टीम बाढ़ पूर्व बचाव व राहत कार्य की ट्रेनिंग देगी. लोगों को भी बाढ़ से बचाव के लिए जागरूक किया जायेगा.
धर्मेंद्र सिंह ने गुरुवार को बाढ़ पूर्व बचाव की तैयारी की समीक्षा के दौरान अधिकारियों को यह निर्देश दिया. अपर समाहर्ता सुशांत कुमार को एनडीआरएफ की टीम से बात कर प्रखंडवार जागरूकता अभियान के लिए तिथि तय करने को कहा. बाढ़ प्रभावित अंचल होने के कारण इसमें औराई, कटरा, गायघाट, साहेबगंज व पारू को प्राथमिकता दी जायेगी, यानी अभियान पहले इन्हीं अंचलों में चलेगा. डीएम ने सभी सूचीबद्ध गोताखोरों को भी एनडीआरएफ की टीम से प्रशिक्षण दिलाने को कहा. बाढ़ से पूर्व एनडीआरएफ की टीम प्रभावित क्षेत्रों का भ्रमण भी करेगा, ताकि बाढ़ आने की स्थिति में बचाव के लिए वे जल्द-से-जल्द वहां पहुंच सकें. अपर समाहर्ता ने बताया कि फिलहाल जिले के पास छह मोटरवोट हैं.
डीएम ने एनडीआरएफ टीम के तकनीकी विशेषज्ञों की मदद लेकर उन सभी की मरम्मती का कार्य अविलंब पूरा कर लेने का निर्देश दिया. उन्होंने कहा कि बाढ़ से बचाव की तैयारी वर्ष 2007 में आयी बाढ़ को मानक मान कर की जानी चाहिए. यदि इसमें कोई कोताही हुई तो इसके लिए संबंधित अंचलाधिकारी को जिम्मेदार माना जायेगा. डीएम ने बाढ़ से पहले सभी पंचायतों में फसल आच्छादन का आंकलन करवा लेने का निर्देश दिया, ताकि बाढ़ से फसल क्षति होने पर मुआवजे का आंकलन किया जा सके. 50 प्रतिशत से अधिक फसल क्षति होने पर मुआवजा प्रदान किया जाता है.