महिलाओं के आक्रोश को देख स्कूल के पदाधिकारियों को बैरंग लौटना पड़ा. दोपहर में डीइओ एसएन कंठ सहित अन्य अधिकारियों ने कस्तूरबा विद्यालय पहुंचकर मामले की जानकारी ली.
खानेजादपुर गांव के जगदीश राम की 11 वर्षीया पुत्री काजल कुमारी का नामाकंन छठवी कक्षा में इसी साल एक मई को हुआ था. वह विद्यालय में रहकर पढ़ती थी. 15 जून को सुबह छह बजे काजल को उल्टी-दस्त होने लगी. विद्यालय की वार्डेन कुमारी अलका व अन्य शिक्षिका काजल को लेकर मीनापुर पीएचसी पहुंचीं. वहां बच्ची को स्लाइन चढ़ाने के साथ ही अन्य ट्रीटमेंट किया गया, लेकिन उसका पेट दर्द तेज हो गया. इस बीच सूचना पाकर काजल के परिजन भी वहां आ गये.
तबीयत ज्यादा बिगड़ते देख डॉक्टरों ने उसे एसकेएमसीएच रेफर कर दिया गया. एसकेएमसीएच के इमरजेंसी वार्ड में काजल को भरती कराया गया था. उस समय उसको 104 डिग्री फीवर था. इसके बाद स्थिति में सुधार नहीं होने पर उसे स्पेशल वार्ड पीआइसीयू में शिफ्ट कराया गया. आरएल स्लाइन व ऑक्सीजन लगाया गया. उसका बुखार 106 डिग्री हो गया. लगातार पानी का पट्टी देकर उसका फीवर नार्मल किया गया. डाक्टरों के मुताबिक उसे मस्तिष्क ज्वर था. 17 जून को दो बजे रात्रि से उसकी तबीयत बिगड़ने लगी. सुबह साढ़े चार बजे उसकी नाड़ी की गति धीमी हो गयी और सुबह 7.15 बजे उसने दम तोड़ दिया.