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बड़े नक्सली हमले की साजिश में इनामी प्रहार
मुजफ्फरपुर : पंचायत चुनाव के माध्यम से कई नक्सली मुख्यधारा से जुड़ कर संगठन को मजबूत बनाने के जारी पहल में सफलता पाई है. तिरहुत प्रमंडल के पांच जिले में करीब 500 नक्सलियों ने डायरेक्ट व इनडायरेक्ट रूप से पंचायत चुनाव में अपनी किस्मत आजमायी है. चुनाव प्रक्रिया पूरी होने के साथ ही मुजफ्फरपुर, शिवहर, […]
मुजफ्फरपुर : पंचायत चुनाव के माध्यम से कई नक्सली मुख्यधारा से जुड़ कर संगठन को मजबूत बनाने के जारी पहल में सफलता पाई है. तिरहुत प्रमंडल के पांच जिले में करीब 500 नक्सलियों ने डायरेक्ट व इनडायरेक्ट रूप से पंचायत चुनाव में अपनी किस्मत आजमायी है. चुनाव प्रक्रिया पूरी होने के साथ ही मुजफ्फरपुर, शिवहर, सीतामढ़ी व मोतिहारी में नक्सली किसी बड़ी घटना को अंजाम दे सकते हैं. जिसका मॉनटरिंग हार्ड कोर नक्सली रामबाबू राम उर्फ राजन उर्फ प्रहार के करने की बात आने पर खुफिया एजेंसियों ने सरकार व प्रशासन को आगाह कर दिया है.
उत्तर बिहार के जिलों में संगठन के लगातार कमजोर पड़ने के बाद प्रहार ने यह जिम्मेवारी ली है. संगठन की मजबूती के लिए जहां बड़ी संख्या में अपने समर्थकों, परिवार के सदस्यों व स्वयं नक्सली पंचायत चुनाव में हिस्सेदारी लिया. वहीं दूसरी ओर एक बड़ी घटना को अंजाम देकर फिर से अपना मजबूत आधार प्रदर्शित करने की तैयारी में भी हैं. खुफिया सूत्रों के अनुसार हथियारों का बड़ी खेप भी क्षेत्र में पहुंच चुका है. जिससे घटना को अंजाम दिया जा सके.
पुलिस व दबंग व्यक्ति निशाने पर
नक्सली संगठन उत्तर बिहार में अपनी मजबूत दावेदारी प्रदर्शित करने को लेकर पुलिस को क्षेत्र के दबंग व्यक्ति को निशाने पर ले सकते हैं. किसी बड़े निर्माण एजेंसी केा भी निशाना बनाया जा सकता है. खुफिया सूत्रों के अनुसार उत्तर बिहार से जुड़े अधिकांश बड़े नक्सलियों को गिरफ्तार कर लिये जाने के बाद संगठन कमजोर पड़ गये. पुलिस की सक्रियता को देख व पुलिस के खास निशाने पर होने के कारण प्रहार दो साल पूर्व ही इलाका बदल दिये व बाहर से ही इन इलाकों की गतिविधियों पर नजर रखे हुआ है.
संगठन विस्तार को लेकर नये लोगों की जिम्मेवारी की तैयारी
उत्तर बिहार में संगठन कमजोर पड़ने के बाद नक्सली संगठन कमेटी में हेरफेर करने की तैयारी में है. नये लोगों को अपने विभिन्न कमेटियों की कमान देने की तैयारी में भी संगठन लग गया है. इस पर पहल प्रहार द्वारा किया जा रहा है. प्रहार में स्वयं इसकी जिम्मेवारी लेकर मॉनटरिंग शुरू कर दी है. प्रहार पहले उत्तर बिहार सब जोनल कमेटी का सचिव था. उसके कार्यकाल में नक्सली संगठन को काफी मजबूती मिली थी. प्रहार की सक्रियता को देख कर पुलिस काफी सक्रिय हुई व प्रहार को निशाने पर लेकर गिरफ्तारी के लिए छापेमारी तेज कर दी गई. जिसके बाद प्रहार ने इलाका बदल दिया था.
इनामी प्रहार की गिरफ्तारी को लेकर पांच लाख से बढ़ा कर आठ लाख का इनाम
इनामी प्रहार की गिरफ्तारी को लेकर पहले पांच लाख रुपये का इनाम रखा गया था. काफी दिनों से पुलिस उसकी तलाश कर रही है, लेकिन इलाका बदल दिए जाने के कारण पुलिस अब तक उसे गिरफ्तार नहीं कर पायी है. खुफिया सूत्रों के अनुसार इलाका बदलने के बाद भी प्रहार बीच-बीच में इलाके में आकर मॉनटरिंग करता रहता है. अब प्रहार की गिरफ्तारी को लेकर आठ लाख का इनाम घोषित कर दिया गया है. फिर भी वह पुलिस गिरफ्त से बाहर है.
पहले भी पंचायत की राजनीति में भागीदारी निभा चुका है नक्सली
2006 के पंचायत चुनाव से ही नक्सली संगठन पंचायत की राजनीति में काफी सक्रिय हो गए. इस चुनाव में भी 500से अधिक नक्सली डायरेकट व इनडायरेक्ट रूप से चुनाव लड़े थे. शिवहर के पुरनहिया प्रखंड के दोसतियां पंचायत से हार्डकोर नक्सली गौरीशंकर झा की पत्नी देवता झा पंचायत समिति का चुनाव जीतने के बाद पुरनहिया के प्रखंड प्रमुख बनी थी. उस समय तिरहुत प्रमंडल में दर्जनों नक्सली मुखिया व पंचायत के अन्य पदों पर कब्जा जमाया था. इस बार भी नक्सली अपना भाग्य आजमाए हैं. शिवहर जिले में तीन नक्सली मुखिया पद का चुनाव जीत भी गए हैं.
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