शिकायत को गंभीरता से लेते हुए राजभवन ने इस मामले में विवि से जवाब मांगा है. इसके बाद विवि ने आनन-फानन में बैठक कर कमेटी का गठन भी कर दिया है. विवि सूत्रों की मानें तो बैठक में ही सभी लोगों की सेवा समाप्ति पर मुहर लगा दी गयी है, लेकिन इस मामले में विवि के अधिकारी कुछ कहने से बच रहे हैं. बैठक में प्रोवीसी डॉ प्रभा किरण, प्रॉक्टर डॉ सतीश कुमार राय, डीओ डॉ कल्याण झा, रजिस्टार डॉ रत्नेश मिश्रा, सिंडिकेट सदस्य डॉ शिवानंद सिंह, राम प्रताप नीरज, रमेश कुमार आदि मौजूद थे.
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वोकेशनल कोर्स. 44 नियुक्तियों पर उठे सवाल
मुजफ्फरपुर: बीआरए बिहार विवि में आइएमसी (इंपलीमेंटेशन एंड माॅनीटिरिंग फॉर वोकेशनल) को लेकर बुधवार को बैठक आयोजित हुई. कुलपति डॉ पी पलांडे की अध्यक्षता में हुई. इसमें सीसीडीसी तारण राय के द्वारा की गयी नियुक्ति पर सवाल उठाते हुए पांच सदस्यीय जांच कमेटी बनायी गयी है. इस मामले की शिकायत कुछ दिनों पूर्व आलोक कुमार […]
मुजफ्फरपुर: बीआरए बिहार विवि में आइएमसी (इंपलीमेंटेशन एंड माॅनीटिरिंग फॉर वोकेशनल) को लेकर बुधवार को बैठक आयोजित हुई. कुलपति डॉ पी पलांडे की अध्यक्षता में हुई. इसमें सीसीडीसी तारण राय के द्वारा की गयी नियुक्ति पर सवाल उठाते हुए पांच सदस्यीय जांच कमेटी बनायी गयी है. इस मामले की शिकायत कुछ दिनों पूर्व आलोक कुमार व राणा राकेश कुमार सिंह ने राजभवन सहित कुलपति से की थी.
शिकायत को गंभीरता से लेते हुए राजभवन ने इस मामले में विवि से जवाब मांगा है. इसके बाद विवि ने आनन-फानन में बैठक कर कमेटी का गठन भी कर दिया है. विवि सूत्रों की मानें तो बैठक में ही सभी लोगों की सेवा समाप्ति पर मुहर लगा दी गयी है, लेकिन इस मामले में विवि के अधिकारी कुछ कहने से बच रहे हैं. बैठक में प्रोवीसी डॉ प्रभा किरण, प्रॉक्टर डॉ सतीश कुमार राय, डीओ डॉ कल्याण झा, रजिस्टार डॉ रत्नेश मिश्रा, सिंडिकेट सदस्य डॉ शिवानंद सिंह, राम प्रताप नीरज, रमेश कुमार आदि मौजूद थे.
ये थी शिकायत , शिकायतकर्ता राकेश कुमार सिंह ने आरोप लगाया है कि सीसीडीसी तारण कुमारी राय विवि में अपने पद का दुरुपयोग कर कॉलेज के व्यवसायिक पाठ्यक्रम में लाखों रुपये की राशि लेकर दर्जनों अवैध नियुक्तियां तृतीय व चतुर्थ श्रेणी में की हैं. जबकि नियम से जो भी नियुक्तियां होनी चाहिए, उसका बकायदा विज्ञापन निकाला जाना चाहिए, जबकि ऐसा नहीं किया गया. विशेष प्रक्रिया के तहत आऊटसोर्सिंग में नियुक्ति का अधिकार तो है, लेकिन उस पर राजभवन ने रोक लगा रखी है. साथ ही आरक्षण के नियमों का पालन भी नहीं किया गया. इतना ही नहीं, व्यावसायिक पाठ्यक्रम में इनटेक के अनुसार नामांकित छात्र संख्या को नहीं दर्शाया गया.
कमेटी का किया गया गठन
प्रॉक्टर डॉ सतीश कुमार राय ने बताया कि इस मामले में पांच सदस्यीय कमेटी का गठन किया गया है. आरक्षण के नियमों का पालन नहीं किया गया है. जांच कमेटी के फैसले के बाद ही आगे का निर्णय विवि लेगा. जांच कमेटी में पूर्व रजिस्ट्रार सहित सिंडिकेट सदस्य डॉ शिवानंद सिंह, रजिस्ट्रार व सीसीडीसी हैं.
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