मुजफ्फरपुर: शराबबंदी लागू होने के बाद भी जिले में पड़ोसी राज्यों की मेहरबानी से जमकर शराब मंगवाई जा रही है. झारखंड से शराब मंगवाने का सेफ जोन जिला बन गया है.
पिछले दस दिनों के अंदर पुलिस ने शराब की बड़ी खेप जिले से बरामद किया है. पुलिस ने उन शराब माफिया को भी पकड़ा है. जिनके पास से पांच लाखों के शराब झारखंड के बरामद किये हैं. मिठनपुरा थाना पुलिस ने जो पांच लाख की शराब के साथ मुकेश कुमार को पकड़ा है. उसने पुलिस के पूछताछ में खुलासा किया कि वह झारखंड से बसों व छोटी गाड़ियों के माध्यम से शराब की खेप मंगाया है. पूछताछ में पुलिस ने मुकेश को मंगलवार को जेल भेज दिया, जबकि दूसरे अन्य साथी सुनील की गिरफ्तारी के लिये छापेमारी कर रही है.
फोन पर होती है डील
ऐसे होती है तस्करी
उत्पाद विभाग के लाख वादे के बाद भी शराब लोगों तक पहुंच रही है. जिसके लिये सीमा पर गाड़ियों की चेकिंग कर उन्हें आने दिया जाता है. गिरफ्तार मुकेश ने पूछताछ में खुलासा किया कि उत्पाद विभाग से बचने के लिये जुगाड़ निकाल लिया है. उत्पाद विभाग दुसरे राज्यों से आने वाली छोटी गाड़ियों की चेकिंग नहीं करता है. छोटी-छोटी गाड़ियों से शराब की खेप मंगवाई जा रही है. इसके अलावा तस्कर बड़ी बसों में भी मशाले और अन्य सामानो की आड़ में शराब की तस्करी करते है.
ऐसे पहुंचती है लोगों तक शराब
बिहार की सीमा में पहुंचने के बाद उसे लोगों तक पहुंचाने की जिम्मेदारी किसी और की होती है. तस्कर अपने पैसे लेकर लोकल डीलर को शराब बेच देता है. इसके बाद जहां से लोकर डीलर का काम शुरू होता है. लोकल डीलर की पकड़ अपने मार्केट में उन सभी शराबियों से होती है जिनहे अक्सर शराब की जरूरत पड़ती है. ग्राहक डीलर को फोन पर ऑर्डर देता है और कुछ ही देर में उसतक शराब पहुंच जाती है. इसके अलावा कुछ शराबी की पहचान होने पर भी उसे हाथों हाथ शराब दे दी जाती है.