मुजफ्फरपुर: स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव आर के महाजन के निर्देश पर डीएम ने एसकेएमसीएच में पांच जगहों पर सशस्त्र बल के साथ दंडाधिकारी व पुलिस पदाधिकारी को नियुक्त किया है. साथ ही चिकित्सा कार्य कर रहे डॉक्टरों की वीडियो रिकार्डिंग भी करायी जा रही है. एसकेएमसीएच कैंपस में हर जगह निगरानी रखी जा रही […]
मुजफ्फरपुर: स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव आर के महाजन के निर्देश पर डीएम ने एसकेएमसीएच में पांच जगहों पर सशस्त्र बल के साथ दंडाधिकारी व पुलिस पदाधिकारी को नियुक्त किया है. साथ ही चिकित्सा कार्य कर रहे डॉक्टरों की वीडियो रिकार्डिंग भी करायी जा रही है. एसकेएमसीएच कैंपस में हर जगह निगरानी रखी जा रही है.
प्रधान सचिव ने स्पष्ट कहा है कि चिकित्सा कार्य में व्यवधान डालने वाले लोगों पर कड़ी कार्रवाई की जाये. बुधवार को उनका निर्देश मिलते ही डीएम ने एसकेएमसीएच के इमरजेंसी, ओपीडी, मुख्य प्रवेश द्वार, प्रवेश द्वार व अधीक्षक कार्यालय के समीप सशस्त्र बल के साथ दंडाधिकारी व पुलिस पदाधिकारी को नियुक्त किया है. तीन शिफ्ट वाली ड्यूटी के लिए 15 दंडाधिकारी व पुलिस पदाधिकारी लगाए गए हैं. जानकारी हो कि पीएमसीएच की घटना को लेकर तीन दिन से एसकेएमसीएच के जूनियर डॉक्टर हड़ताल पर हैं.
सदर अस्पताल से भेजे गये चार डॉक्टर : प्रधान सचिव के निर्देश के अनुसार सिविल सर्जन ने एसकेएमसीएच की चिकित्सा व्यवस्स्था के संचालन के लिए सदर अस्पताल से चार डॉक्टरों की नियुक्ति की है. अस्पताल से डॉ ज्ञानेंदु शेखर, डॉ सीके दास, डॉ पीएन वर्मा व डॉ नवीन कुमार एसकेएमसीएच भेजे गये हैं. सीएस ने कहा कि जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल समाप्त होने के बाद इन डॉक्टरों को वापस बुलाया जायेगा.
इलाज कराने आये मरीजों ने अस्पताल में ली शरण : एसकेएमसीएच में जूनियर चिकित्सकों की हड़ताल बुधवार को तीसरे दिन भी जारी रही. सोमवार को एसकेएमसीएच में इलाज के लिए पहुंचे कुछ मरीज अस्पताल में ही शरण लेकर हड़ताल टूटने का इंतजार कर रहे हैं. पियर थाना क्षेत्र के महदइया गांव निवासी राम खेलावन सिंह (70) ने बताया कि सोमवार को अॉर्थो विभाग की परची कटाने के बाद चिकित्सक से दिखाने के लिए लाइन लगा था. 11 बजे तक उसका नंबर नहीं आया. उसके बाद लोगों से पता चला कि हड़ताल हो गयी है. इसके बाद से वह अस्पताल में ही हड़ताल टूटने का इंतजार कर रहा है. सीतामढ़ी जिले के रीगा के निरंजन सहनी (60) जो पेट दर्द की शिकायत को लेकर सोमवार को अस्पताल आयेे थे. उनका इलाज नहीं हो पाया.
बुधवार को भी हड़ताल नहीं टूटने पर वे निजी अस्पताल में दिखा कर घर लौट गये. इस तरह से दर्जन भर मरीज अस्पताल में शरण लिये हुए हैं.
कई मरीज बगैर इलाज लौटे
औराई के मो हारूल के पत्नी शमसा खातून (25) टीबी से पीड़ित है. उसे चिकित्सकों ने भरती करने से इनकार कर दिया. हथौड़ी थाना क्षेत्र के बेरई गांव निवासी कबूतरी देवी (70) का पैर टूटा था. उसे भी वापस लौटना पड़ा.