मुजफ्फरपुर : शहीद खुदीराम बोस केंद्रीय कारा के कैदियों को अब और मेहनत करनी पड़ेगी. वर्ष 2016-17 के लिये 6 करोड़ 45 लाख रुपये का लक्ष्य दिया गया है, जो वर्ष 2015-16 के अनुपात में एक करोड़ 20 लाख अधिक है. जानकारी के अनुसार कैदियों ने लक्ष्य से 6 करोड़ 95 लाख रुपये राजस्व प्राप्त किया था. इस अनुपात में मिले लक्ष्य से 1 करोड़ 50 लाख अधिक राजस्व पूरा किया. जेल का लक्ष्य 1 करोड़ 45 लाख मुख्यालय की ओर से बढ़ाने के बाद जेल प्रशासन की बेचैनी बढ़ गयी है. जेल मुख्यालय की ओर से सेंट्रल जेल को उद्योग चलाने के लिये 4 करोड़ 50 लाख रुपये भी मिल चुका है.
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केंद्रीय कारा को 1.20 करोड़ का अतिरिक्त लक्ष्य
मुजफ्फरपुर : शहीद खुदीराम बोस केंद्रीय कारा के कैदियों को अब और मेहनत करनी पड़ेगी. वर्ष 2016-17 के लिये 6 करोड़ 45 लाख रुपये का लक्ष्य दिया गया है, जो वर्ष 2015-16 के अनुपात में एक करोड़ 20 लाख अधिक है. जानकारी के अनुसार कैदियों ने लक्ष्य से 6 करोड़ 95 लाख रुपये राजस्व प्राप्त […]
50 लाख से बढ़कर 6.95 करोड़ कमाई
वर्ष 2012-13 में मुख्यालय की ओर से 50 लाख का लक्ष्य दिया गया था. इसमें 46 लाख ही प्राप्त हो सका था. बावजूद मुख्यालय ने लक्ष्य बढ़ाना कम नहीं किया. कैदियों की मेहनत से 2013-14 में बढ़ कर एक करोड़ 40 लाख हो गया. इसके बाद कैदियों ने एक साल में ही जेल का राजस्व तीन गुना बढ़ा दिया. वर्ष 2014-15 में दो करोड़ 55 लाख राजस्व प्राप्त हुआ. वर्ष 2015-16 में जेल का लक्ष्य 5 करोड़ 25 लाख दिया गया, जिसे कैदियों ने लक्ष्य से अधिक 6 करोड़ 95 लाख कर दी. इस साल जेल का लक्ष्य 6 करोड़ 45 लाख मिला है. जिसे कैदी इसे बढ़ा कर आठ करोड़ करने का दावा कर रहे हैं.
सेंट्रल जेल में अभी 280 कैदी उद्योग कार्यरत हैं. इसमें मसाला, फिनाइल, कास्टिक, बंदी वस्त्र, अंबर चरखा, सरसों तेल, साबुन, मच्छरदानी, फर्नीचर, रजिस्टर, आटाचक्की, बेसन, सत्तू आदि उद्योग शामिल हैं. इसके अलावा इस साल सरसों तेल का एक लाइन और चालू किया जायेगा.
कैदियों का आठ करोड़ करने का दावा
2015-16 में था 5 करोड़ 25 लाख
2016-17 में 6 करोड़ 45 लाख का लक्ष्य
13 उद्योगों में 280 कैदी हैं कार्यरत
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