मुजफ्फरपुर : जिले में पर्यटन स्थलों के विकास के लिए जरूरत पड़ने पर जमीन का अर्जन हो सकेगा. राज्य पर्यटन विभाग ने इसके लिए जिला प्रशासन से प्रस्ताव मांगा है. विभाग के सचिव हरजोत कौर बम्हरा ने जिलाधिकारी धर्मेंद्र सिंह को ऐसे ऐतिहासिक, धार्मिक, सांस्कृतिक व प्राकृतिक रूप से मनोरम या शिल्प एवं हस्तकला से जुड़े स्थलों की सूची भेजने को कहा है जहां पर्यटन के विकास की संभावना है.
रिपोर्ट में यह भी बताने को कहा गया है कि पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने के लिए उन स्थलों पर पर्याप्त जमीन है या वहां जमीन अर्जन की आवश्यकता होगी. डीएम से प्रस्तावित स्थल व जमीन का ब्योरा देने के साथ-साथ प्रतिवर्ष संभावित पर्यटकों की संख्या व उसके अनुसार प्राथमिक सुविधा विकसित करने की कार्ययोजना भी बताने को कहा गया है.
दरअसल, राज्य सरकार पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए एक पंचवर्षीय रोड मैप तैयार कर रही है. इसमें पर्यटन स्थलों के विकास के साथ-साथ नये पर्यटन स्थल विकसित करने की योजना है. बीते कुछ वर्षों से कई विधायक व विधान पार्षद अपने-अपने क्षेत्र के ऐतिहासिक, धार्मिक, सांस्कृतिक व प्राकृतिक रूप से समृद्ध स्थलों को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने की मांग
विधानमंडल के पटल पर रख चुके हैं. कई सांसद भी इस तरह की मांग उठ चुके हैं. मुजफ्फरपुर के सांसद अजय निषाद ने पिछले दिनों बंदरा प्रखंड के मतलुपुर गांव अवस्थित बाबा खगेश्वरनाथ मंदिर को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने के लिए पर्यटन विभाग को पत्र लिखा था.
पर्यटन विभाग के सचिव ने डीएम को लिखा पत्र
उन स्थलों की सूची मांगी, जहां पर्यटन की है संभावना
उपलब्ध व जरूरी जमीन का ब्योरा भी मांगा
पर्यटकों की संभावित संख्या के आधार पर कार्य योजना तैयार करने का निर्देश
राज्य सरकार पर्यटन के विकास को तैयार कर रही पंचवर्षीय रोड मैप
20 स्थलों का पहले से सौन्दर्यीकरण का प्रस्ताव
जिले में फिलहाल 20 पर्यटन स्थलों को चिह्नित किया जा चुका है, जहां स्थल के विकास के साथ-साथ सौन्दर्यीकरण का काम प्रस्तावित है. इसमें भैरव स्थान (औराई), नरसिंह स्थान (सरैया), कामेश्वरनाथ महादेव स्थान (सरैया), पाेखरैरा में बाबा गनीनाथ स्थान (सरैया), अलार-कलाम सरोबर (लक्ष्मीपुर अरार, सरैया), अलार-कलाम समाधी आचार्य बिमल कृति सरोबर (बनिया, सरैया), आम्रपाली वाटिका सरोबर (अंबारा, सरैया), लखनपुर ग्राम में मंदिर व चहारदीवारी का विकास (कटरा), चामुण्डा स्थान का विकास (कटरा), झपसी देवी स्थान में मंदिर का निर्माण (पारू), कैलाश मठ का सौन्दर्यीकरण (पारू),
भस्मी देवी मंदिर का विकास (मीनापुर), कोठिया मजार का विकास (कांटी), मान सरोवर पोखर, शिव मंदिर मधुबन (कांटी), शिवालय पोखर शाइन (कांटी), कुशीनगर में वालेश्वर स्थान का विकास (कांटी), बरूराज ग्राम स्थित सरोबर (मोतीपुर), कथैया ग्राम स्थित कीर्ति सरोबर ब्रह्मस्थान (मोतीपुर), शक्तिपीठ मनोकामना मंदिर प्रतापपुर (मड़वन) व शिवालय शुभंकरपुर (मड़वन) शामिल हैं.