मुजफ्फरपुर/पारू: जिले में बिजली के हाइटेंशन तार के टूटने का सिलसिला जारी है. सोमवार को फिर पारू के माधोपुर बुजुर्ग गांव में हाइटेंशन तार की चपेट में आने से एक व्यक्ति की मौत हो गयी. इस बार बिहार सरकार के कृषि मंत्री राम विचार राय के घर के समीप ही घटना घटी है. इससे बिजली […]
मुजफ्फरपुर/पारू: जिले में बिजली के हाइटेंशन तार के टूटने का सिलसिला जारी है. सोमवार को फिर पारू के माधोपुर बुजुर्ग गांव में हाइटेंशन तार की चपेट में आने से एक व्यक्ति की मौत हो गयी. इस बार बिहार सरकार के कृषि मंत्री राम विचार राय के घर के समीप ही घटना घटी है.
इससे बिजली सप्लाई का जो सिस्टम है. इस पर बहुत बड़ा सवाल खड़ा हो गया है. मृत व्यक्ति माधोपुर बुजुर्ग गांव के ही रहने वाले किसान लालबाबू राय का पुत्र राजेश राय (22 वर्ष) है. शाम करीब साढ़े चार बजे राजेश राय अपने घर के समीप चौर में भैंस की चरवाही कर रहा था. इसी दौरान पहले से चौर के बीचों-बीच से गुजरा हाइटेंशन तार टूटा था.
अचानक उसमें करेंट आने से राजेश उसके चपेट में आ गया. इसके बाद मौके पर ही उसकी मौत हो गयी. लोगों को जब इसकी भनक लगी, तब आनन-फानन में लोग वहां पहुंच ग्रिड से बिजली कटवायी. इसके बाद शव को वहां से हटाया गया. सूचना पाकर मौके पर बीडीओ रत्नेश कुमार भी पहुंचे. उन्हें भी लाेगों के आक्रोश को झेलना पड़ा. हालांकि, जब बिजली विभाग के अधिकारियों से बातचीत कर बतौर मुआवजा राशि चार लाख रुपये देने का आश्वासन दिया. इसके बाद लोग शव को उठा पोस्टमार्टम के लिए भेजने पर राजी हुए. देर रात को बीडीओ ने देवरिया थाना की मदद से शव को एसकेएमसीएच भेज दिया था.
एक पखवारे में तीसरी घटना, 11 लोगों की गयी जान
माधोपुर बुजुर्ग गांव में हाइटेंशन तार की चपेट में आने से राजेश राय की मौत तीसरी घटना है. इसमें अब तक कुल 11 लोगों की जान चली गयी हैं. इससे पूर्व एक पखवारा के अंदर दो और घटनाएं हो चुकी हैं. 12 मई को पारू थाना के मझौलिया उत्तरवारी टोला में देर रात हाइटेंशन तार टूट कर गिर गया था. इसमें जुबैदा खातून (35 वर्ष), उसका पुत्र शाहनवाज (06 वर्ष) व मो इसराइल की पुत्री रुकसार (18 वर्ष) की मौत हो गयी थीं. वहीं, रूकसार की मां जरीना खातून, आइसा खातून, जायनब खातून, खतीजन खातून व मो इश्तेयाक गंभीर रूप से झुलस गये थे.
सात मई को गायघाट थाना के बेनीबाद मुशहरी टोला में भी हाइटेंशन तार के टूट के गिर जाने से एक ही परिवार के छह लोगों की मौत हो गयी थी. बाद में जब हल्ला-हंगामा हुआ, तब आनन-फानन में प्रशासन की ओर से चार-चार लाख रुपये का मुआवजा राशि दिया गया था.