जाम की सबसे बड़ी वजह अतिक्रमण को माना जा रहा है. अधिकांश प्रमुख चौक-चौराहे इस समस्या से ग्रस्त हैं. जल्दी ही इन्हें मुक्त कराने के लिए पहल शुरू होगी. इसके लिए प्रमंडलीय आयुक्त अतुल प्रसाद ने जिलाधिकारी सहित सभी संबंधित अधिकारियों की बैठक बुलायी है, जिसमें शहर को जाम व अतिक्रमण की समस्या से मुक्ति दिलाने के लिए रणनीति तैयार की जायेगी.
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निर्णय: जिला प्रशासन ने लिया फैसला, शहर में लगेगा ट्रैफिक सिग्नल
मुजफ्फरपुर: शहर की ट्रैफिक व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए महानगरों के तर्ज पर यहां भी ट्रैफिक सिग्नल लगाने का फैसला लिया गया है. शहर के सभी प्रमुख चौक-चाैराहों पर ऑटोमैटिक ट्रैफिक सिग्नल लगाये जायेंगे. इसके लिए एजेंसी की तलाश भी शुरू हो गयी है. प्रशासन के इस फैसले से न सिर्फ जाम की समस्या […]
मुजफ्फरपुर: शहर की ट्रैफिक व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए महानगरों के तर्ज पर यहां भी ट्रैफिक सिग्नल लगाने का फैसला लिया गया है. शहर के सभी प्रमुख चौक-चाैराहों पर ऑटोमैटिक ट्रैफिक सिग्नल लगाये जायेंगे. इसके लिए एजेंसी की तलाश भी शुरू हो गयी है. प्रशासन के इस फैसले से न सिर्फ जाम की समस्या से निजात मिलेगा, बल्कि पुलिस कर्मियों पर से भी दबाव घटेगा. फिलहाल ट्रैफिक व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए अधिकांश चौक-चौराहों पर पुलिस बल की तैनाती की गयी है.
ट्रैफिक व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए शहर में ट्रैफिक सिग्नल लगाने की यह पहली कवायद नहीं है. करीब दो दशक पूर्व भी इसके लिए पहल हुई थी. तब शहर में छह स्थल का चयन ट्रैफिक सिग्नल लगाने के लिए हुआ था. हालांकि सिर्फ सरैयागंज टावर के समीप ही यह लगा, लेकिन यह कभी चालू नहीं हो सका. शहरी क्षेत्र में ट्रैफिक सिग्नल लगाने के लिए पहल बीते सात अप्रैल को शुरू हुई थी. उस दिन बेतिया में प्रमंडलीय आयुक्त अतुल प्रसाद ने छह जिलों के जिलाधिकारी के साथ बैठक की थी. उसी बैठक में जिलाधिकारी धर्मेंद्र सिंह ने मुजफ्फरपुर में ट्रैफिक सिग्नल लगाने का प्रस्ताव रखा था.
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