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गबन का मास्टरमाइंड कहीं कुणाल तो नहीं !

मुजफ्फरपुर: 1.14 करोड़ गबन मामले में मंगलवार की शाम एसआइएस के मुजफ्फरपुर शाखा के इंचार्ज कुणाल रंजन के घर पर पुलिस ने छापेमारी की. उसके घर से लैपटॉप, पासबुक सहित कई अन्य कागजात बरामद किया है. उसका अहियापुर थाना क्षेत्र के बैरिया आदर्श ग्राम में मकान है. एएसपी पूर्वी आशीष भारती व नगर डीएसपी उपेंद्र […]

मुजफ्फरपुर: 1.14 करोड़ गबन मामले में मंगलवार की शाम एसआइएस के मुजफ्फरपुर शाखा के इंचार्ज कुणाल रंजन के घर पर पुलिस ने छापेमारी की. उसके घर से लैपटॉप, पासबुक सहित कई अन्य कागजात बरामद किया है. उसका अहियापुर थाना क्षेत्र के बैरिया आदर्श ग्राम में मकान है. एएसपी पूर्वी आशीष भारती व नगर डीएसपी उपेंद्र कुमार ने देर शाम उसके घर पर छापेमारी की. छापेमारी के दौरान मुख्य अभियुक्त अमरेंद्र सिंह की मां कुणाल के घर पर मौजूद मिली. अमरेंद्र की मां को देख पुलिस के अधिकारी चौंक गये. बताया जाता है कि रविवार को अमरेंद्र के बिदुपुर स्थित कर्मोपुर नया टोला गांव में छापेमारी की गयी थी, उस समय उसकी मां गांव में ही थी. वही कुणाल के घर के पास ही धूमनगर निवासी सूरज सिंह भी रहता है. उसका घर बंद पाया गया है. कुणाल के पिता से भी पुलिस ने पूछताछ की गयी.

पुलिस को दी गलत जानकारी : एएसपी पूर्वी आशीष भारती व नगर डीएसपी उपेंद्र कुमार ने कुणाल से लंबी पूछताछ की है. लेकिन वह बार-बार पुलिस को गलत जानकारी दी है. इससे उस पर पुलिस का शक गहरा गया है. जांच के क्रम में ऐसी बात सामने आयी है कि जिससे लगता है कि कुणाल ही पूरे मामले का मास्टर माइंड है. पूछताछ के क्रम में उसने बताया था कि वह बिदुपुर के रामदौली का रहने वाला है. उसके पिता जंतु विज्ञान के प्रोफेसर है, जबकि जांच के क्रम में यह बात सामने आयी कि गबन मामले का मुख्य आरोपित अमरेंद्र सिंह उसका चाचा है. दोनों का कर्मोपुर नया टोला गांव में एक ही आंगन में घर है. वही मंगलवार को उसके पिता ने पूछताछ में बताया कि वह मछली का कारोबार करते है. पुलिस ने उनका एक बैंक खाता भी जब्त किया है, जिसकी बुधवार को छानबीन की जायेगी. अहियापुर पुलिस को भी बाजार समिति स्थित दुकान की छानबीन करने को कहा गया है. बुधवार को पुलिस कुणाल से फिर से पूछताछ करेगी.

15 हजार वेतन, 50 लाख की संपत्ति : कुणाल रंजन ने एक साल पूर्व आदर्श ग्राम बैरिया में जमीन खरीद कर मकान बनाया है. बताया जाता है कि उसने 2012 में जमीन की रजिस्ट्री करायी है. वही जमीन व मकान सहित उसकी कीमत 50 लाख रुपये आंकी गयी है. पुलिस का कहना है कि यह जांच की जा रही है कि एक साल के अंदर उसने इतना पैसा कहां से अजिर्त किया है. उसके खाते की जांच की जा रही है. इधर, एसआइएस अधिकारियों का कहना है कि कुणाल का मासिक वेतन मात्र 15 हजार रुपये है. जांच से जुड़े पुलिस कर्मियों का कहना है कि कुणाल की सहभागिता मिलने पर उसकी संपत्ति जब्त करने की कार्रवाई भी की जायेगी.

लैपटॉप में ब्लू फिल्म : कुणाल के लैपटॉप की जांच की गयी है. उसके लैपटॉप में कंपनी को रोज भेजी जाने वाली रिपोर्ट व ब्लू फिल्म लोड मिला है. हालांकि पुलिस अधिकारी लैपटॉप की जांच के बारे में कुछ भी बताने से परहेज कर रहे है. पुलिस उसके मोबाइल को खंगालने में भी जुट गयी है. उसके मोबाइल से कई महत्वपूर्ण जानकारियों मिलने की उम्मीद जतायी जा रही है.

कुणाल की अनुशंसा पर भरती हुए अमरेंद्र व सूरज : अक्तुबर 2012 में एसआइएस कस्टोडियन के लिए अमरेंद्र व सूरज की भरती कुणाल रंजन के अनुशंसा पर ही की गयी थी. कुणाल ने ही कंपनी के अधिकारियों को बताया था कि वे दोनों को अच्छी तरह से जानते है. इसके पूर्व वह प्रो कंपनी के लिए काम करता था. कुणाल ने एसआइएस कंपनी में कई अन्य कस्टोडियन की भी बहाली करायी है.

नोट की बैंक में हो रही जांच : सूरज के घर से बरामद सौ-सौ के 9 नोट को जांच के लिए बैंक के हवाले कर दिया गया है. हालांकि देर रात तक बैंक से जांच रिपोर्ट पुलिस को नहीं सौंपी गयी है. बैंक नोट के सीरियल नंबर के आधार पर यह जांच कर रही है कि यह नोट किस माह में एटीएम में जमा करने के लिए दिया गया था. बैंक सूत्रों के अनुसार, यह स्पष्ट है कि एक ही सीरियल के 9 नोट गबन के रुपये ही है. एटीएम के निकासी के दौरान मात्र पांच ही नोट सौ-सौ के निकलते है, जबकि उसके घर से एक साथ एक ही सीरियल के 9 नोट बरामद किये गये है.

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