मुजफ्फरपुर: नया साल 2014 का शुभारंभ बुधवार से हो रहा है. 21वीं सदी में यह संयोग दूसरी बार आया है. इससे पूर्व यह संयोग पहली बार 2003 में आया था. इतना ही नहीं, इस सदी में 2014 के कैलेंडर की पुनरावृत्ति का संयोग 11 बार आयेगा. यह संयोग आगामी वर्ष 2025, 2031, 2042 ,2053, 2059, 2070, 2081, 2087 व 2098 में आयेगा. राजनीतिक और आर्थिक क्षेत्र में यह साल बहुत बदलाव वाला साबित होगा. साथ ही विकास के क्षेत्र में अद्भुत संयोग बन रहा है.
पिछली सदी में 2014 जैसे कैलेंडर की पुनरावृत्ति का संयोग 11 बार 1902, 1913, 1919, 1930, 1941, 1947, 1958, 1969, 1986 व 1997 में आया था. कैलेंडर की पुनरावृत्ति एक सामान्य गणितीय प्रक्रिया है जो एक लिपि वर्ष के लिये सामान्यतया 11 व छह वर्ष बाद आती है. ज्योति शास्त्र के अनुसार किसी भी वर्ष के लिए अंक कोड कैलेंडर मुंह जबानी हो सकता हैं.
जनवरी से फरवरी तक के महीनों का अंक कोड : 2014 के कैलेंडर के लिए जनवरी से फरवरी तक के लिए माह अंक कोड क्र मश: 2, 5, 5, 1, 3, 6, 1, 4, 0, 2, 5, 0 है. किसी दिनांक में उसका माह अंक कोड जोड़ने पर आये योग को सात से भाग करने पर प्राप्त शेषफल से ही दिन अंक का बोध होता है. रविवार से शनिवार तक के लिए दिन अंक कोड क्रमश: शून्य से छह तक निर्धारित है.
सात से कम योग की स्थिति में योगफल ही दिन अंक कोड के बराबर होता है. उदाहरण के लिए 27 दिसंबर 2014 को दिन जानने के लिए 27 में दिसंबर माह अंक का कोड शून्य जोड़ने पर प्राप्त 27 को सात से भाग करने पर शेषफल छह आता है. छह अंक शनिवार का होना बताता है, जबकि एक जनवरी 2014 को एक व माह अंक कोड दो जोड़ने पर योगफल तीन आता है, जो 7 से कम है. अत: इस स्थिति में योगफल तीन ही अंक होना बताता है.