मुजफ्फरपुर: शिक्षा विभाग के दफ्तर से डिस्पैच रजिस्टर गायब होने का मामला प्रकाश में आया है. इसके बाद से अधिकारी व कर्मियों की बेचैनी बढ़ गई है. बताया जाता है कि 20 दिसंबर की शाम जिला कार्यक्रम पदाधिकारी स्थापना कार्यालय से हायर सेक्शन का डिस्पैच रजिस्टर गायब हो गया.
कर्मचारियों ने अपने स्तर से काफी खोजबीन की, लेकिन उसका पता नहीं चला. हालांकि इस मामले को दबाने की लगातार कोशिश की जा रही है. सूत्रों के अनुसार डीपीओ स्थापना के लिपिक सत्यम उच्चधिकारी को भेजे जाने वाले पत्र जारी करते है. 20 दिसंबर की शाम करीब साढ़े चार बजे पत्र जारी हुआ. डिस्पैच रजिस्टर पर अंकित करने के बाद लिपिक सत्यम कक्ष से बाहर पिउन बुक पर चढ़ाया. क्योंकि कमरे में अंधेरा था. इसी बीच डिस्पैच रजिस्टर गायब हो गया. इसकी जानकारी होने पर कर्मचारियों के होश उड़ गये. मोमबत्ती की रोशनी में खोज हुई, लेकिन पता नहीं चला. दफ्तर का कोई कर्मचारी मुंह खोलने को तैयार नहीं है.
कहीं साजिश तो नहीं : रजिस्टर के गायब होने के पीछे कहीं साजिश तो नहीं. उच्चधिकारी को भेजे जाने वाले पत्र के पत्रंक दिनांक में हेरा-फेरी के उद्देश्य से घटना को अंजाम दिया है. प्रकरण में विभाग के संलिप्तता सामने आयी है. बताया गया कि कोई भी शिक्षक डिस्पैच रजिस्टर को गायब नहीं कर सकता है. क्योंकि शाम के वक्त दफ्तर में शिक्षकों की संख्या नगण्य हो जाती है.
पहली घटना नहीं : जिला कार्यक्रम पदाधिकारी स्थापना के दफ्तर से संचिका गायब होने की यह पहली घटना नहीं है. बीपीएससी से बहाल होने वाले शिक्षकों की सूची से संबंधित संचिका गायब हो चुकी है. संचिका गायब होने की वजह से ही दर्जनों फर्जी शिक्षक बहाल हुए थे.