साथ ही ललित मोहन व संजीव से होशियार रहने की राय दी थी. कुछ ही दिनों बाद मिथिलेश भी यहीं अपने पिता अशोक के साथ रहने के लिए आनेवाला था. इसी बीच उनकी हत्या कर दी गयी. हत्या के बाद उनके दाह संस्कार में शामिल होने आने के दौरान भी पटना एयरपोर्ट से मुजफ्फरपुर आने तक तीन बार धमकी दी गयी.
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कहनानी हत्याकांड . जमीन की फोटो ले गया था ललित
मुजफ्फरपुर: 1998 में शहर को छोड़ कर हैदराबाद गये मिथिलेश व उसकी मां नीरजा देवी को मुजफ्फरपुर की अपनी संपत्तियों के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं थी, लेकिन प्रापर्टी डीलर ललित मोहन उनके पास सारी संपत्तियों की फोटो खीच कर ले गया था. कहनानी भवन की भी फोटो भी वही अपने साथ ले गया था. […]
मुजफ्फरपुर: 1998 में शहर को छोड़ कर हैदराबाद गये मिथिलेश व उसकी मां नीरजा देवी को मुजफ्फरपुर की अपनी संपत्तियों के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं थी, लेकिन प्रापर्टी डीलर ललित मोहन उनके पास सारी संपत्तियों की फोटो खीच कर ले गया था. कहनानी भवन की भी फोटो भी वही अपने साथ ले गया था. फोटो के साथ जमीन संबंधी कागजात भी रजिस्ट्री ऑफिस से लेकर गया था. इसके बाद मिथिलेश व उसकी मां को अपनी संपत्ति के बारे में पता चला था. इसी के बाद एग्रीमेंट व पॉवर ऑफ अटार्नी की बात हुई थी और फिर मिथिलेश के जरिये 17 रजिस्ट्री करायी गयी थी. सूत्रों का कहना था कि इसमें शहर कुछ भू-माफियाओं का भी हाथ था. पुलिस की जांच में भी ये बात सामने आयी है.
एग्रीमेंट के बाद से ही बढ़ी परेशानी. मिथिलेश ने हैदराबाद के दिलशुख नगर में 12 दिसंबर 2012 को मोबाइल की दुकान खोली थी, जिससे होनेवाली आमदनी से परिवार का खर्च चल रहा था, लेकिन जमीन का एग्रीमेंट के बाद उसकी की परेशानी बढ़ गयी. संजीव व ललित मोहन जमीन रजिस्ट्री का दबाब देने लगा. अगस्त 2014 में पहली बार संजीव जालान उसे लेकर यहां आया था. वह नीरजा देवी को यहां नहीं लाना चाहता था, लेकिन वह जिद कर अपने पुत्र मिथिलेश के साथ यहां आयी थी. संजीव ने नीरजा देवी को होटल के ऊपरवाले कमरे में रखवाया और नीचे के कमरे में मिथिलेश के साथ ठहर गया था. होटल में ही करीब 150 पेपरों पर उससे हस्ताक्षर करवाये. दूसरी बाद दिसंबर 2014 में उसे यहां लाया गया था. उस वक्त ललित मोहन भी यहां आया था, जब मिथिलेश ने पेपर दिखाने की बात कहीं, तब सभी बिगड़ गये थे. उससे ललित मोहन व संजीव ने जबरन पेपर पर दस्तखत कराये थे.
रात नौ बजे करायी थी रजिस्ट्री. मिथिलेश से जमीन खरीदनेवाले कितने प्रभावशाली थे. इसका अंजादा इसी बात से लगता है कि जब वो दूसरी बार रजिस्ट्री के लिए शहर आया था, तो उससे रात नौ बजे रजिस्ट्री करायी गयी. उस समय रजिस्ट्री कार्यालय खुला था. उसी समय उसका फोटो खिचा और उसकी अंगुलियों के निशान लिये गये. इस तरह से रजिस्ट्री की औपचारिकताएं पूरी हुईं. बताया जाता है कि इसमें रजिस्ट्री कार्यालय से जुड़े लोगों ने उन सबका सहयोग किया था. रजिस्ट्री के कागजात पर मिथिलेश से होटल में ही हस्ताक्षर करवाये गये थे. मिथिलेश का कहना है कि हस्ताक्षर जबरन कराये गये थे.
तीसरी बार रजिस्ट्री के लिए था दबाव. संजीव व ललित मोहन तीसरी बार भी रजिस्ट्री के लिए दबाब दे रहे थे, लेकिन इसी बीच मिथिलेश को उसके पिता अशोक कहनानी ने मकान बेचने की बात बता दी थी. इससे मिथिलेश के सामने पूरे मामले की सच्चई आ गयी थी और वो अपने जीजा संजीव जालान से नाराज हो गया था, क्योंकि उन्होंने भरोसा दिया था कि पिता की सहमति से जमीन का सौदा किया जा रहा है, लेकिन ऐसा नहीं था. मिथिलेश ने बताया कि इसके बाद से उसे तरह-तरह की धमकी दी जाने लगी. पूरे परिवार को अंजाम भुगतने की बात कही जाने लगी. इससे पूरा परिवार दहशत में रहने लगा.
सोने व रुपयों पर भी थी ललित की नजर. मिथिलेश ने बताया कि सिकंदराबाद के महिंद्रा हिल्स निवासी ललित मोहन प्राॅपर्टी डीलर है. उसकी नजर इस खानदान के प्रॉपर्टी ही नहीं, बैंक में रखे कैश व गोल्ड पर भी है. उसे बैंक में रखे दास्तावेजों, कागजातों, कैश व गोल्ड की भी जानकारी है. इस संबंध में उसने कई बार चर्चा भी की, जब रजिस्ट्री से इनकार किया गया तो संजीव जालान ने उसके संबंध में चर्चा करते हुए बताया था कि कई वरीय अधिकारियों से उसकी जान-पहचान है. अगर जमीन की रजिस्ट्री नहीं की गयी, तो पूरे परिवार को बुरा अंजाम भुगतना होगा.
पिता को बतायी थी पूरी कहानी. मिथिलेश ने अपने पिता अशोक कहनानी को फोन कर संजीव जालान व ललित मोहन की सारी कारस्तानी की जानकारी दे दी थी. साथ ही एक साथ मिलकर इन धोखेबाजों को सबक सिखाने की योजना भी बनायी थी. अशोक कहनानी ने उसे यहां बुलाया भी था. तीन माह पहले उसने एसएमएस कर उनके द्वारा किये गये सभी मामलों में न्यायालय में गवाही देने की बात भी बता दी थी. मिथिलेश के एसएमएस करने के बाद अशोक कहनानी और उसे धमकी मिलनी शुरू हो गयी थी. इस संबंध में अशोक कहनानी ने उसे बताया भी था.
पुलिस ने फिर की कहनानी परिवार से पूछताछ. नगर थाना पुलिस ने मंगलवार को फिर मिथिलेश कहनानी व उनके परिजनों से पूछताछ की. पुलिस अधिकारियों ने अकेले में मिथिलेश व उनके परिजनों से बात की. लेकिन बातचीत के दौरान क्या हुआ. इसका खुलासा पुलिस अधिकारियों की ओर से नहीं किया गया. पुलिस अभी तक इस मामले में किसी तरह का खुलासा नहीं कर पायी है. साथ ही साहू रोड के सीसीटीवी फुटेज से क्या मिला. इसके बारे में भी पुलिस कुछ भी बताने को तैयार नहीं है.
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