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कहनानी हत्याकांड: बेटे मिथिलेश ने किये चौंकानेवाले खुलासे, राज खुलने के डर से हुई हत्या?
मुजफ्फरपुर : अशोक कहनानी की हत्या को दो दिन बीत चुके हैं. सालों बाद शहर में उनकी पत्नी नीरजा देवी – बेटा मिथिलेश कहनानी व बेटी राधिका पहुंचे, तो सालों से रहस्य बने संबंधों का खुलासा हुआ. साथ ही पति व परिवार के बीच की अनबन की बातों का सच भी सामने आने लगा है. […]
मुजफ्फरपुर : अशोक कहनानी की हत्या को दो दिन बीत चुके हैं. सालों बाद शहर में उनकी पत्नी नीरजा देवी – बेटा मिथिलेश कहनानी व बेटी राधिका पहुंचे, तो सालों से रहस्य बने संबंधों का खुलासा हुआ. साथ ही पति व परिवार के बीच की अनबन की बातों का सच भी सामने आने लगा है. पुलिस जांच के दौरान जो सबसे बड़ी बात सामने आयी है, उसके मुताबिक कहनानी के सगे रिश्तेदार ने ही जबरन उनके बेटे से जमीन के एग्रीमेंट व रजिस्ट्री के कागजों पर हस्ताक्षर कराये थे. इसमें वो प्रापर्टी डीलर के बीच कड़ी का काम कर रहा था. करीबी रिश्तेदार मिथिलेश से ये भी कह रहा था कि जमीन बेचने में उसके पिता अशोक कहनानी की सहमति है.
मिथिलेश कहनानी से शुरुआती पूछताछ के दौरान जो बात सामने आयी है. उसके मुताबिक वो 2014 में पहली बार रजिस्ट्री करने के लिए हैदराबाद से शहर आया था. इस दौरान उससे एग्रीमेंट के पेपर व रजिस्ट्री के कागजात पर हस्ताक्षर कराये गये थे. इसकी एवज में उसे 1.20 करोड़ रुपये दिये गये थे, जो उसके बैंक एकाउंट में जमा कराये गये.
मिथिलेश ने बताया कि हैदराबाद से आने के बाद उसे शहर से अलग पटना रोड में रामदयालु के पास एक होटल में ठहराया गया था. रजिस्ट्री से पूर्व उसे स्टेशन रोड स्थित एक होटल में लाया गया. वहां उससे उर्दू में लिखे गये 150 पन्नों पर दस्तखत कराये गये. दिसंबर 2014 को जमीन रजिस्ट्री के लिए दिये गये पेपर को, जब उसने बगैर पढ़े दस्तखत करने से इनकार किया, तो उससे जबरन साइन कराये गये. तीसरी बार एग्रीमेंट के अनुसार जब उससे रजिस्ट्री के लिए कहा गया तो उसने इनकार कर दिया था.
मिथिलेश ने बताया कि उसके पिता ने 1999 में मां पर केस कर दिया था. ये पर्सनल मैटर को लेकर केस था, जो उस समय मीडिया में भी आया था. इसके बाद वो लोग हैदराबाद चले गये और इसलिए मुजफ्फरपुर नहीं आते थे, कहीं पिता मां-बेटे को जेल में नहीं डलवा दें. उन्होंने बताया कि 2012 से पिता से फिर बात होने लगी थी. उनकी मां, वो और बहन तीनों बात करते थे. बहन पिता से हम सब लोगों को मिलवाना चाहती थी. इसके लिए उन लोगों की मुजफ्फरपुर आने की योजना था, लेकिन करीबी रिश्तेदारों की ओर से इनसके लिए मना किया जाता था.
मिथिलेश ने बताया कि दो साल में उसके पिता ने तीन बार धमकी मिलने की बात कही थी. उन्होंने कहा कि पिता के मित्र स्वतंत्रता सेनानी गंगा सहनी हैदराबाद गये थे. वो भी हम लोगों के बीच सुलह कराना चाहते थे, लेकिन ऐसा नहीं हो पाया. इस बीच पिता जी की हत्या कर दी गयी. मिथिलेश के साथ उनकी मां ने भी कहा कि उनकी पति से अनबन हो गयी थी. उन्होंने केस कर दिया था. इस वजह से वो बच्चों के साथ हैदराबाद चलीं गयी थीं.
तब रद्द हो जाती रजिस्ट्री?
अगर अशोक कहनानी व उनके बेटे मिथिलेश की मुलाकात होती, तो उनके करीबी रिश्तेदार व प्रापर्टी डीलर की साजिश से परदा उठ जाता. ऐसा होता, तो वो रजिस्ट्री भी रद्द हो सकती थी, जो धोखे में रख कर मिथिलेश से करवायी गयी थी. बताते हैं कि अशोक कहनानी भी अपनी जमीन के पीछे पड़े लोगों की बात जान चुके थे, जिनके बारे में वो अपने बेटे को बताना चाहते थे.
शनिवार की रात नहीं सोया परिवार
कहनानी परिवार शनिवार की रात नहीं सोया. पुत्र मिथिलेश का कहना है कि हम लोगों के ऊपर खतरा है. हम अपने घरमें नहीं रह रहे हैं. परचित के घर में हैं, लेकिन हम पर खतरा बरकरार है. यही बात उनकी मां व बहन ने भी दोहरायीं.
जीजा बोले, वापस चले जाओ, हो सकती है हत्या
मिथिलेश कहनानी ने बताया कि जब वो अपनी मां के साथ पिता के अंतिम संस्कार के लिए हैदराबाद से मुजफ्फरपुर आ रहे थे, तो जैसे ही पटना पहुंचे, उनके जीजा ने फोन किया और कहा कि वो वापस हैदराबाद चले जायें, क्योंकि मुजफ्फरपुर आने पर उनकी हत्या हो सकती है. यहां पर उनकी हत्या की साजिश रची गयी है. मिथिलेश ने बताया कि इसके बाद हाजीपुर में जब वो लोग थे, तब फोन आया और अंतिम बार आमगोला पहुंचे थे, तब फोन करके वापस जाने को कहा गया. इस पर मिथिलेश ने कहा कि वो वापस चले जायेंगे?
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