मुजफ्फरपुर: 1964 में बनी कंबाइंड बिल्डिंग (संयुक्त भवन) के 12 कमरे किस विभाग के पास हैं. इसका लेखा-जोखा नहीं है. ये कमरे कभी नहीं खुलते हैं. इन पर ताला लगा है. यही नहीं विभागों को एलाट सात कमरों के ताले भी नहीं खुलते हैं. जिन कमरों के बारे में रख-रखाव करनेवालों को जानकारी नहीं हैं, उनमें निचले तल्ले के 11, 20, 38 व 42, पहले तल्ले के 16, 17, 26ए, 28, 42, 56 व 57 व दूसरे तल्ले का कमरा नंबर दो है.
49 साल पहले हुई स्थापना. संयुक्त भवन की स्थापना 49 साल पहले हुई थी. इसका उद्घाटन तत्कालीन मुख्यमंत्री केबी सहाय ने 27 अप्रैल 1964 को किया था. इसके बाद चमचमाते भवन में जिला स्तर के कई विभागों के कार्यालय खुले. अब भी दर्जनों जिलास्तरीय कार्यालय यहां चल रहे हैं. कुछ विभागों के कार्यालय अलग हो गये हैं. बताया जाता है, स्वास्थ्य विभाग, इनकम टैक्स, सेल टैक्स, एमवीआइ, डीटीओ, आरटीओ सहित कई विभाग भी इसी में चलते थे.
बनना था सचिवालय
बताया जाता है, आजादी के बाद बिहार के बंटवारे की आवाज भी बुलंद हुई थी. गंगा पार के लोग उत्तर बिहार व दक्षिण बिहार के लोग झारखंड की मांग कर रहे थे. जिलों में संसाधनों का अभाव था. इसी संयुक्त भवन की तरह रांची में भी एक संयुक्त भवन भी बनाया गया था, ताकि भविष्य में बंटवारा हुआ तो इसी भवन को तत्काल सचिवालय बनाया जायेगा. भवन बनने के बाद तत्काल यहां जिलास्तरीय कार्यालय खोले गये. जैसे-जैसे भवन का विस्तार हुआ वैसे-वैसे इसमें प्रमंडलीय कार्यालय भी खुले.
इन विभागों के कमरे बंद
भवन निर्माण विभाग की ओर से प्रमंडलीय आयुक्त को दी गई रिपोर्ट के मुताबिक भू-तल के एक से छह तक कमरे ग्रामीण पंचायत राज विभाग को आवंटित हैं. ये हमेशा बंद रहते हैं. 22 नंबर कमरे से डीटीओ ऑफिस अलग हो गया. फिर भी उसी के नाम पर इसमें ताले हैं. कुछ कमरे पास-पड़ोस के विभाग के कब्जे में भी हैं.
नहीं है सही रख-रखाव. संयुक्त भवन 2014 में स्थापना के 50 साल पूरे कर लेगा, लेकिन मौजूदा समय में यहां साफ-सफाई की स्थिति ठीक नहीं है. कूड़े व गंदगी की वजह से बदबू आती रहती है, जबकि यहां की सफाई के लिए अलग से कर्मचारियों की नियुक्ति की गयी है. साथ ही नगर निगम की ओर से भी यहां की सफाई करायी जाती है. इस सबके बाद भी यहां की हालत ठीक नहीं है, जो जहां पाता है, वहीं पान व गुटखा खाकर थूक देता है.
राज्य की कल्याणकारी योजनाओं से अंतर संबंध रखने वाले तमाम विभागों के कार्यालयों को एक छत के नीचे रखने के लिए 1964 में संयुक्त भवन बना था. उस दौरान के बंटवारे की मांग के मद्देनजर इसे सचिवालय के रूप में उपयोग की परिकल्पना भी थी.
सच्चिदानंद चौधरी, सेवानिवृत्त उप सचिव, आपदा एवं प्रबंधन विभाग संयुक्त भवन की देखरेख भवन प्रमंडल विभाग ही करता है. मगर कमरे का आबंटन प्रमंडलीय आयुक्त के निर्देश पर होता है, जहां तक साफ-सफाई की बात है तो इसके लिए कर्मचारी बहाल हैं. नगर निगम की ओर से भी सफाई करवायी जाती है. श्रीनिवास सिंह, कार्यपालक अभियंता, भवन प्रमंडल, मुजफ्फरपुर