उन्होंने कहा कि विवि का विकास उनका पहला लक्ष्य है. ग्रास एजुकेशन की बात करें तो शिक्षा के स्तर पर बिहार काफी पीछे है. डिस्टेंस के जरिए इसे बढ़ाया जा सकता है, लेकिन इस पर भी कुछ लोगाें का विरोध जारी रहा. आपसी विवाद की वजह से डेवलपमेंट नहीं हो पा रहा है. यूनिवर्सिटी के पास खुद की जमीन है. डिस्टेंस का ऑफिस विवि में ही खोला जायेगा. बताया कि यूजीसी का प्रोग्राम था कि सोलर के जरिए विवि को रौशन किया जाये. उसके लिए यूजीसी की तरफ से 70 प्रतिशत अनुदान दिया जाता है, लेकिन हमने यूजीसी से 100 प्रतिशत अनुदान लिया. विवि के कैंपस को सोलर लाइट के जरिए रौशन किया. इससे विवि को 47 लाख रुपये की बचत हो रही है. विवि के विकास के लिए जो भी कदम उठाने होंगे, वह उठाये जायेंगे. विवि का विकास होगा, तभी छात्रों का भविष्य उज्ज्वल होगा.
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एलएस कॉलेज विवाद पर बोले कुलपति, विवि का विकास ही एकमात्र लक्ष्य
मुजफ्फरपुर: एलएस कॉलेज और विवि के बीच जो कुछ भी हुआ, उसमें कुछ शरारती तत्वों को हाथ था. वे गलत मतलब साधना चाहते थे. इसमें वह सफल भी हुए. हमारा काम विवि का विकास कराना है. कोशिश थी कि विवि को ए ग्रेड मिले और इसका विकास हो सके, लेकिन कुछ लोगों की राजनीति की […]
मुजफ्फरपुर: एलएस कॉलेज और विवि के बीच जो कुछ भी हुआ, उसमें कुछ शरारती तत्वों को हाथ था. वे गलत मतलब साधना चाहते थे. इसमें वह सफल भी हुए. हमारा काम विवि का विकास कराना है. कोशिश थी कि विवि को ए ग्रेड मिले और इसका विकास हो सके, लेकिन कुछ लोगों की राजनीति की वजह से विवि को बी ग्रेड मिला. इसकी वजह से विवि काफी नुकसान हुआ. ये बातें बीआरए बिहार विवि के कुलपति पी पलांडे ने गुरुवार को कहीं.
उन्होंने कहा कि विवि का विकास उनका पहला लक्ष्य है. ग्रास एजुकेशन की बात करें तो शिक्षा के स्तर पर बिहार काफी पीछे है. डिस्टेंस के जरिए इसे बढ़ाया जा सकता है, लेकिन इस पर भी कुछ लोगाें का विरोध जारी रहा. आपसी विवाद की वजह से डेवलपमेंट नहीं हो पा रहा है. यूनिवर्सिटी के पास खुद की जमीन है. डिस्टेंस का ऑफिस विवि में ही खोला जायेगा. बताया कि यूजीसी का प्रोग्राम था कि सोलर के जरिए विवि को रौशन किया जाये. उसके लिए यूजीसी की तरफ से 70 प्रतिशत अनुदान दिया जाता है, लेकिन हमने यूजीसी से 100 प्रतिशत अनुदान लिया. विवि के कैंपस को सोलर लाइट के जरिए रौशन किया. इससे विवि को 47 लाख रुपये की बचत हो रही है. विवि के विकास के लिए जो भी कदम उठाने होंगे, वह उठाये जायेंगे. विवि का विकास होगा, तभी छात्रों का भविष्य उज्ज्वल होगा.
अब निजी विवि से मिलेगी चुनौती
कुलपति पी पलांडे ने कहा कि दो और यूनिवर्सिटी खुलने के आसार है. ऐसे में अब दूसरे यूनिवर्सिटी को अपने ढर्रे बदलने होंगे. क्योंकि यूनिवर्सिटी के खुलने से दूसरों विश्वविद्यालयों की मनमानी नहीं चलेगी. बताया कि बीआरए बिहार विवि हर सोलर के जरिए हर साल 47 लाख रुपये बचा रहा है. और अब हमें एस्सेल से बिजली नहीं लेनी पड़ रही है. इसके लिए यूजीसी ने काफी मदद की है. बताया कि दूरस्थ शिक्षा के जरिए ही विवि का विकास किया जा सकता है. सरकार की सोच है कि सभी शिक्षित हो. यह तभी संभव है जब बिना बाधा के विवि में विकास के काम होंगे.
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