पहली पाली की परीक्षा सुबह साढ़े नौ बजे शुरू होगी. ठीक इसी समय नौकरीपेशा लोग कार्यालय के लिए निकलते हैं. वहीं दूसरी पाली की परीक्षा शाम सवा पांच बजे खत्म होगी, जो कार्यालय से छुटने का समय है. इन दोनों टाइमों पर कुछ खास क्षेत्र में ट्रैफिक का अत्यधिक दबाव रहेगा, जिससे ‘महाजाम’ की स्थिति पैदा हो सकती है. खुद प्रशासन को इसकी आशंका है. इसे देखते हुए प्रशासन ने केंद्र के समीप परीक्षा के दौरान धारा 144 लगे रहने की घोषणा कर दी है. इस दौरान चार या उससे अधिक लोगों को एक साथ केंद्र के आसपास रहने की अनुमति नहीं होगी. ऐसा वहां ट्रैफिक व्यवस्था दुरुस्त रखने के उद्देश्य से किया गया है.
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मैट्रिक परीक्षा: आज से शुरू होगी ‘महापरीक्षा’
मुजफ्फरपुर: मैट्रिक की परीक्षा शुक्रवार से शुरू होने जा रही है. जिले में इसके लिए कुल 50 केंद्र बनाये गये हैं. इस बार 77,635 अभ्यर्थियों ने परीक्षा फॉर्म भरा है. इसमें 36,653 छात्र व 40 हजार 982 छात्राएं शामिल है. अभ्यर्थियों की संख्या में भारी इजाफे को देखते हुए ही बिहार विद्यालय परीक्षा समिति ने […]
मुजफ्फरपुर: मैट्रिक की परीक्षा शुक्रवार से शुरू होने जा रही है. जिले में इसके लिए कुल 50 केंद्र बनाये गये हैं. इस बार 77,635 अभ्यर्थियों ने परीक्षा फॉर्म भरा है. इसमें 36,653 छात्र व 40 हजार 982 छात्राएं शामिल है. अभ्यर्थियों की संख्या में भारी इजाफे को देखते हुए ही बिहार विद्यालय परीक्षा समिति ने इस बार दोनों पालियों में एक ही विषय की परीक्षा लेने का फैसला लिया है. पहले दिन अंग्रेजी की परीक्षा होनी है. पहली पाली सुबह साढ़े नौ बजे से पौने एक बजे तक चलेगी. वहीं दूसरी पाली दोपहर दो बजे से शाम सवा पांच बजे तक चलेगी.
जिला प्रशासन ने इस बार कदाचारमुक्त परीक्षा के लिए पूरी तैयार की है. इसके तहत केंद्र के भीतर परीक्षार्थियों व वीक्षकों के मोबाइल फोन ले जाने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है. मोबाइल के साथ पकड़े जाने पर परीक्षार्थियों को न सिर्फ इस परीक्षा से बल्कि अगले साल होने वाली परीक्षा में शामिल होने पर भी रोक लगा दी जायेगी. केंद्र पर सिर्फ केंद्राधीक्षक ही अपने पास मोबाइल रख सकते हैं. प्रशासन ने कदाचारमुक्त परीक्षा के लिए एक नया प्रयोग करते हुए पहली बार चुनाव कर्मी के तर्ज पर वीक्षकों को केंद्र एलॉट किया है. इसके तहत जिन कर्मचारियों का चयन वीक्षक के रूप में किया गया, उन्हें प्रशिक्षण के समय तक नहीं बताया गया कि उनकी ड्यूटी किस केंद्र पर होगी. बाद में इसके लिए उन्हें अलग से लेटर जारी किया गया. केंद्र में प्रवेश के दौरान भी परीक्षार्थियों को सुरक्षा कर्मियों की नजर से होकर गुजरना होगा. लगातार दो दिन चीट-पुर्जा के साथ पकड़े जाने पर परीक्षार्थी को परीक्षा से निष्कासित कर दिया जायेगा. खुद जिलाधिकारी केंद्राें पर घूम कर परीक्षा की मॉनिटरिंग करेंगे. बुधवार को िजला प्रशासन की ओर से कदाचार मुक्त परीक्षा के िलए पूरे शहर में माइक के माध्यम से प्रचार-प्रसार िकया गया.
एक दिन पूर्व ही केंद्र देखने पहुंचे अभ्यर्थी. मैट्रिक की परीक्षा में शामिल होने वाले अधिकांश अभ्यर्थी दूर-दराज के गांवों से हैं. ऐसे में परीक्षा से एक दिन पूर्व गुरुवार को ही केंद्रों के बाहर छात्रों की भीड़ देखने को मिली. वे सभी केंद्र देखने आये थे. कई अभ्यर्थियों के साथ, खासकर छात्राओं के साथ उनके अभिभावक भी थे. वे परीक्षा के दौरान केंद्र के आसपास पर तीन घंटे तक ठहरने के लिए जगह की तलाश करते भी दिखे. अधिकांश छात्र-छात्राएं गुरुवार को ही शहर पहुंच चुके हैं. वे सभी निर्धारित केंद्र के आसपास निजी मकानों में किराया देकर रह रहे हैं. इससे मकान मालिकों को मोटी कमाई भी हो रही है. पॉश इलाकों में परीक्षा भर के लिए एक छात्र या छात्रा से हजार से ढ़ाई हजार रुपये तक लिये जा रहे हैं.
रहें तैयार, महाजाम से होना पड़ सकता है दो-चार. मैट्रिक परीक्षा के कारण शहर के ट्रैफिक पर काफी दबाव रहने की उम्मीद है. आमतौर पर दूर-दराज के गांवों से आने वाले बच्चों के साथ उनके अभिभावक भी रहते हैं. इसके बावजूद यदि औसतन दो बच्चों पर एक अभिभावक को आधार बनाया जाये तो शहर की सड़कों पर आम दिनों की अपेक्षा एक लाख से 1.10 हजार तक अधिक लोगों की आवाजाही की उम्मीद है. मैट्रिक की परीक्षा के लिए जो केंद्र बनाये गये हैं, उसमें से अधिकांश या तो बीच शहर में है या फिर वहां जाने का रास्ता बीच शहर से होकर गुजरता है.
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